मेंथा की नर्सरी का सही समय, नर्सरी लगाते समय करें बीजोपचार

Virendra SinghVirendra Singh   12 Feb 2019 6:45 AM GMT

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मेंथा की नर्सरी का सही समय, नर्सरी लगाते समय करें बीजोपचारमेंथा की जड़़ें निकालते किसान

बाराबंकी। मेंथा की खेती करने वाले किसानों के लिए ये सही समय है, इस समय किसान मेंथा की खेती की शुरुआत कर सकते हैं।

बाराबंकी के किसान रमेश चन्द्र मौर्य (60 वर्ष) कहते हैं, "अगेती मेथा की खेती करने वाले किसान जनवरी माह के प्रारंभ से ही मेथा की नर्सरी करना चालू कर देते हैं नर्सरी ठंड अधिक होने के कारण इसकी जर्मीनेशन में थोड़ा समय ज्यादा लगता है लगभग 40 से 45 दिनों में नर्सरी तैयार हो जाती है जो आलू सरसों और मसूर के खेत खाली होते हैं उसमें मेथा की रोपाई की जाती है।"

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वहीं सूरतगंज ब्लाक के लालापुर निवासी जनार्दन वर्मा 45 वर्षीय बताते हैं की मैंथा की नर्सरी जनवरी माह से चालू होती है और 15 फरवरी तक की जाती है लेट में नर्सरी उन खेतों के लिए की जाती है जो देर से खाली होने की संभावना होती है जैसे ज्यादातर किसान गेहूं की फसलों में भी मेथा की खेती करते हैं ऐसे किसान फरवरी के अंत तक नर्सरी करते हैं जिनकी नर्सरी लास्ट मार्च या अप्रैल के प्रथम सप्ताह में तैयार हो जाती है जो गेहूं काटने के बाद खाली खेतों में मेधा की रोपाई करते हैं

मेंथा की जड़ों के साथ किसान

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वहीं फतेहपुर ब्लाक के गौरा निवासी वकील अहमद (35 वर्ष) बताते हैं, "मेंथा की नर्सरी करने के लिए यह उचित समय है एक एकड़ में मेंथा की खेती करने के लिए लगभग 40 से 45 किलो मेंथा की जड़ की आवश्यकता होती है, कुछ किसान इस समय मेंथा की जड़ों को खेतों में सूत लगाकर खुरपी से भी बोते हैं इस तरह से रोपाई की गई मेंथा की फसल में तेल का उत्पादन अधिक होता है।"

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कृषि विशेषज्ञ डॉक्टर एसपी सिंह कहते हैं कि मेथा की नर्सरी करने वाले किसानों को नर्सरी करने से पहले मेंथा की जड़ों को काट कर बैरेस्टिन नामक दवा से धुल देना चाहिए इसके लिए दो ग्राम दवा एक लीटर पानी में घोलना चाहिए। पानी की मात्रा बढ़ाने पर दवा की भी मात्रा बढ़ा देनी चाहिए इस गोल में कटी हुई जड़ों को 15 से 20 मिनट तक रखना आवश्यक होता है। इसके बाद बाहर निकाल कर इनका पानी सुखा लेना चाहिए फिर मेंथा की जड़ों की नर्सरी करना चाहिए ऐसा करने से फंगस लगने की संभावना ना के बराबर रह जाती है। साथ ही नर्सरी करने के बाद खेत को पुवाल से या पॉलीथिन से खेत को ढक देना चाहिए जिससे टेंपरेचर बना रहता है और नर्सरी का जर्मिनेशन अच्छा होता है।

     

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