भारत में कृषि से जुड़ी कई प्रक्रियाएं हैं, जो किसानों की मेहनत और समझ पर निर्भर करती हैं। गेहूं की कटाई, उसकी सफाई, भंडारण और फसल का प्रबंधन इन प्रक्रियाओं का अहम हिस्सा हैं। सही तरीके से इन सभी प्रक्रियाओं को अपनाकर किसान न केवल अपनी फसल को सुरक्षित रख सकते हैं, बल्कि अच्छी गुणवत्ता के गेहूं का उत्पादन भी कर सकते हैं।
आइए जानते हैं गेहूं की फसल को सही ढंग से कटाई और भंडारण करने के कुछ अहम उपाय:
कम्बाइन रीपर का उपयोग और कटाई के समय उचित नमी
जब फसल पककर तैयार हो जाती है, खासकर मध्य क्षेत्र में, तो किसान को सलाह दी जाती है कि वे कम्बाइन रीपर से गेहूं की फसल काटें। कटाई का सही समय और नमी का स्तर सुनिश्चित करना बहुत ज़रूरी होता है।
किसानों को यह ध्यान रखना चाहिए कि कटाई के समय फसल की नमी 12-13% के बीच हो, जिससे गेहूं की गुणवत्ता बरकरार रहती है और उसकी सफाई भी सही तरीके से हो सकती है।
देर से बोई गई फसल में सिंचाई
किसान अगर गेहूं की देर से बोई गई फसल का उत्पादन कर रहे हैं और वह अभी भी हरी है, तो उन्हें विशेष ध्यान देना चाहिए। गेहूं की फसल में तब सिंचाई की आवश्यकता हो सकती है, जब हवा की गति कम हो, और अधिमानतः यह सिंचाई शाम के समय की जाए ताकि फसल को गिरने से बचाया जा सके। यह कदम फसल की सुरक्षा और बेहतर उत्पादन में सहायक होगा।

पहाड़ी क्षेत्र में रतुआ की समस्या और उपचार
पहाड़ी क्षेत्रों में गेहूं की फसल में पीले और भूरे रंग के रतुआ की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इस स्थिति में किसानों को प्रोपिकोनाज़ोल 25EC का छिड़काव करना चाहिए। इसके लिए एक लीटर पानी में एक मिली रसायन मिलाकर, 200 मिली फफूंदनाशक को 200 लीटर पानी में मिलाकर एक एकड़ गेहूं की फसल में छिड़काव किया जाना चाहिए।
इससे रतुआ पर काबू पाया जा सकता है और फसल को रोगमुक्त रखा जा सकता है।
भंडारण क्षेत्र की सफाई और कीटाणुशोधन
भंडारण के दौरान फसल की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए भंडारण क्षेत्र की सफाई बेहद महत्वपूर्ण है। गेहूं के बैग को फर्श के सीधे संपर्क से बचाने के लिए उन्हें लकड़ी के फूस पर रखें। इसके अलावा, उचित वायु परिसंचरण के लिए ढेर के बीच उचित दूरी बनाए रखें। इससे फसल में नमी की वृद्धि कम होगी और कीटों का प्रकोप भी कम रहेगा।
गेहूं की सुखाई और कीट नियंत्रण
भंडारण से पहले गेहूं को अच्छी तरह से सुखाना जरूरी है, ताकि नमी का स्तर सुरक्षित (<10%) बना रहे। नए बीजों को पुराने बीजों या अनाज के साथ न रखें और यह सुनिश्चित करें कि नए बीजों में कीट न लगे हों। यदि कीट लगे हों, तो भंडार गृह में रखने से पहले उन्हें सेलफोस से धुंआ कर दें।
इसके अलावा, बीजों को कीटनाशक जैसे 6 मिली मैलाथियान या 4 मिली डेल्टामेथ्रिन से उपचारित करें। यह उपचार बीजों की गुणवत्ता बनाए रखने और कीटों से बचाव में मदद करेगा।
फसल के अवशेषों का सही प्रबंधन
गेहूं की कटाई के बाद बची हुई फसल के अवशेषों को जलाना एक गलत प्रथा है। इसके बजाय, इन अवशेषों के साथ मूंग की फसल को बिना जुताई के बोना बेहतर होता है। इससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी और अगली फसल को बेहतर पोषण मिलेगा। यह कदम पारंपरिक खेती को प्रोत्साहित करने और पर्यावरण के अनुकूल कृषि प्रबंधन को बढ़ावा देने में सहायक होगा।
इन बातों का भी रखें ध्यान
गेहूं की कटाई और भंडारण से जुड़ी सही प्रक्रिया अपनाकर किसान अपनी फसल की गुणवत्ता और उत्पादन बढ़ा सकते हैं। ये कदम न केवल फसल को बचाने में मदद करेंगे, बल्कि लंबे समय तक सुरक्षित भंडारण और बेहतर उत्पादन की दिशा में भी सहायक होंगे।
कृषि में इन छोटे-छोटे लेकिन महत्वपूर्ण उपायों को अपनाकर किसान अपना जीवन स्तर सुधार सकते हैं और कृषि के क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।