अगले दो-तीन दिनों में बारिश की संभावना, इसलिए ये ज़रूरी काम करें किसान

Gaon Connection | Apr 13, 2024, 13:10 IST
मौसम विभाग ने 12 से 15 अप्रैल के दौरान यूपी के उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्र में वज्रपात और तेज झोकेदार हवा के साथ बारिश की संभावना जताई है। प्रदेश के भावर तराई क्षेत्र और बुंदेलखंड में ओलावृष्टि हो सकती है। मुमकिन है 19 से 25 अप्रैल के बीच पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी बारिश हो। ऐसे में किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है।
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आगरा, सहारनपुर, मेरठ, झांसी और मुरादाबाद मंडल में 14 अप्रैल के बाद से मौसम बदल सकता है। कुछ जगह ओलावृष्टि की भी संभावना है, जिसके कारण अधिकतम तापमान में औसतन 3 से 5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो सकती है। ऐसे में किसान भाईयों को रबी की तैयार फसलों की कटाई कर सुरक्षित स्थान पर भण्डारण करने की सलाह दी गई है।

इस समय क्या करें किसान?

किसान भाई रबी फसलों की कटाई-मड़ाई के बाद भण्डारण से पहले अनाज को अच्छी तरह से सुखा लें, जिससे नमी की मात्रा 10 प्रतिशत से अधिक न हो, इसके लिये किसान भाई दानों को दांतों के नीचे दबाने से कट की आवाज आने पर इसे भण्डारण करने योग्य समझें।

उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश के क्रम में फसल अवशेषों को जलाना प्रतिबन्धित कर दिया गया है; साथ ही साथ कम्बाइन हार्वेस्टिंग मशीन स्ट्रा रीपर विद बाइन्डर अनिवार्य कर दिया गया है। इसलिए किसान फसल अवशेषों को खेतों में न जलाएं।

कृषि विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा सहभागी फसल निगरानी और निदान प्रणाली कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत कृषकों के लिए आवंटित दो मोबाइल नंबर 9452247111 और 9452257111 पर अपना नाम पता के साथ फसल संबंधी कीट रोग संबंधी समस्या की फोटो खींचकर भेज सकते हैं। इसका निदान विभागीय अधिकारियों द्वारा 48 घंटों में किया जाता है।

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उर्द/मूँग में बालदार सूड़ी के जैविक नियंत्रण के लिए बैसिलस (बी.टी.) 1 कि.ग्रा. या एजाडिरेक्टिन 0.15 प्रतिशत ई.सी. 2.5 लीटर प्रति हे. की दर से 600 से 700 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। रासायनिक नियंत्रण के लिए फ्लुबेंडीएमाइड 20 प्रतिशत डब्लू. जी. 300 ग्रा. अथवा क्यूनॉलफॉस 25 प्रतिशत ई.सी. 1.5 ली. प्रति हेक्टेयर की दर से 600-700 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिये।

उर्द/मूँग की फसल में पीला चित्रवर्ण (मोजैक) रोग दिखाई देते ही प्रभावित पौधे सावधानीपूर्वक उखाड़ कर नष्ट (जला दे/गाड़ दें) कर दें। 5 से 10 प्रौढ़ मक्खी (सफेद मक्खी) प्रति पौध की दर से दिखाई पड़ने पर आक्सीडेमेटॉन-मिथाइल 25 प्रतिशत ई.सी. या डाइमेथोएट 30 ई.सी. 1 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से 600-800 लीटर पानी मिलाकर छिड़काव करना चाहिये।

मूँग/उर्द में पहली सिंचाई बुआई के 30-35 दिन के बाद आवश्यकतानुसार सिंचाई करें, इससे पूर्व सिंचाई करने पर जड़ों में नत्रजन स्थिरीकरण ग्रन्थियों का विकास ठीक से नहीं होता है।

अनाज को धातु की बनी बखारियों अथवा कोठिलों, बोरियों या कमरें में जैसी सुविधा हो भण्डारण करें। भण्डारण के लिए धातु की बनी बखारी बहुत ही उपयुक्त है। भण्डारण के पूर्व कोठिलों तथा कमरे को साफ कर लें और दीवालों तथा फर्श पर मैलाथियान 50 प्रतिशत के घोल (1:100) को 3 लीटर प्रति 100 वर्ग मीटर की दर से छिड़काव के बाद सूखने के उपरान्त भण्डारण करें। बखारी के ढक्कन पर पॉलीथिन लगाकर मिट्टी का लेप कर दें जिससे वायुरोधी हो जायें।

गन्ने की ऐसे करें देखभाल

गन्ने की पत्तियों पर अंकुर बेधक और चोटी बेधक कीट के अंडे दिखने पर पत्ती को तोड़कर नष्ट कर दें जिससे कीट के आगे की पीढ़ी समाप्त हो जाए।

गन्ने के जिस खेत में लालसड़न रोग का प्रकोप हो, उसमें कम से कम एक वर्ष तक गन्ने की फसल न करें।

फरवरी/मार्च माह में बोई गई कद्दू वर्गीय फसलों में यदि हरा तेला, तना या फल छेदक दिखाई दे तो डाईमेथोएट 2 मिली./ली. पानी या इमिडाक्लोप्रिड 1 मिली./ली. पानी की दर से छिड़काव करें।

सब्जियों की फसल में विशेषता टमाटर, मिर्च में विषाणु रोग का प्रकोप अधिक होता है। इस रोग का प्रसार वाहक कीट सफेद मक्खी/हापर कीट के द्वारा होता है। इसके प्रसार की रोकथाम के लिए आवश्यकतानुसार डाईमिथोएट 30 प्रतिशत ई.सी. 1 मि.ली. प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।

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टमाटर की फलवेधक सूड़ी के नियंत्रण के लिए इन्डाक्साकार्ब 14.5 प्रतिशत एस.सी. 1 मि.ली. प्रति लीटर की दर से पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।

आम के फलों को गिरने से बचाने के लिए नेप्थलीन एसिटिक एसिड (एन.ए.ए.) 20 पी.पी.एम. (90 मिली/200 लीटर पानी) का छिड़काव करें।

लीची के फल को फ्रूट क्रैकिंग से बचाने के लिये शाम के समय निश्चित अंतराल पर सिंचाई करते रहे और कैल्शियम नाईट्रेट 1.0 प्रतिशत, बोरेक्स 0.8 प्रतिशत प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।

वर्तमान में ब्रुसेला और एफ.एम.डी. का निशुल्क टीकाकरण चल रहा है। जो 30 अप्रैल तक चलेगा। 15 मई से एच.एस. का टीकाकरण प्रारंभ होगा।

कामन कार्प मछलियों के प्रजनन के दृष्टिगत प्रजनकों (ब्रूडर) को पृथक्करण उपरांत उनका विशेष पोषण सुनिश्चित किया जाए। वर्तमान में कॉमन कार्प मछलियों के प्रजनन के लिए सही समय है, इसलिए कॉमन कार्प मछलियों का प्रजनन कराया जा सकता है।

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