आम के फलों के गिरने से परेशान हैं? ये सलाह मान लीजिए नहीं गिरेंगे आम, बढ़ जाएगा उनका आकार

Dr SK Singh | May 02, 2024, 14:04 IST
इस समय किसानों के लिए जानना ज़रूरी है कि आम के फल में गुठली बनने के पहले से लेकर बाद की अवस्था में क्या करें, जिससे फल की बढ़वार अच्छी हो और कम से कम फल झड़े।
mango farmer
कई राज्यों में इस समय तापमान 40 से लेकर 45 डिग्री सेल्सियस पहुँचने और तेज लू चलने की वजह से आम के फल गिर रहे हैं। किसान यह जानना चाह रहा है कि इस समय क्या करें की आम के फल कम से कम गिरे और उनकी क्वालिटी अच्छी हो। ऐसे में किसानों को अभी कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए।

अगर आम के फल के मटर के बराबर होने के बाद प्लेनोफिक्स नामक दवा का छिड़काव नहीं किए थे तो तुरंत प्लेनोफिक्स दवा @ 1 मिली प्रति 3 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करने से फल के गिरने में कमी आती है।

इस अवस्था में हल्की सिंचाई शुरू कर देनी चाहिए जिससे बाग की मिट्टी में नमी बनी रहे, लेकिन इस बात का ध्यान देना चाहिए कि पेड़ के आस पास जलजमाव न हो। बाग के मिट्टी के सूखने की अवस्था मे फलों का झड़ना अधिक होगा। इस समय जबकि लू चल रही है और तापमान 40 से 45 डिग्री सेल्सियस हो, इस समय बाग मे हल्की हल्की सिंचाई करके बाग की नम रखने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।

आम पेड़ के नीचे की मिट्टी को ढककर (मल्चिंग) रखना चाहिए जिससे की मिट्टी अधिक समय तक नम बनी रहे।

स्वस्थ फलों के विकास के लिए फल के मटर के बराबर होने की अवस्था मे आम के पेड़ों को विशिष्ट पोषक तत्वों की आवश्यकता होती। अगर आप का पेड़ 10 साल या उससे ज़्यादा है तो उसमें 500-550 ग्राम डाइअमोनियम फॉस्फेट, 850 ग्राम यूरिया और 750 ग्राम म्यूरेट ऑफ़ पोटाश और 25 किग्रा खूब अच्छी तरह से सड़ी गोबर की खाद पौधे के चारों तरफ मुख्य तने से 1.5 से लेकर 2 मीटर दूर छत्रक (Canopy) के अनुसार रिंग बना कर खाद का प्रयोग करना चाहिए।

अगर पेड़ 10 वर्ष से छोटा है तो उपरोक्त डोज को 10 से भाग दे दें, इसके बाद पेड़ की उम्र से गुणा कर दें वही उस पेड़ के लिए डोज होगी।

इसके अलावा, फलों के बेहतर विकास के लिए पोटेशियम नाइट्रेट पानी में घुलनशील उर्वरक 13:0:45 @ 1% (10 ग्राम प्रति लीटर पानी) का 15 दिनों के अंतराल में दो बार छिड़काव करने से फलों की बढ़वार और गुणवत्ता अच्छी होती है।

सूक्ष्मपोषक तत्व जिसमें घुलनशील बोरान की मात्रा ज़्यादा हो 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करने से फल के झड़ने और फटने की समस्या में कमी आती है और फल गुणवत्ता युक्त होते हैं ।

थियाक्लोप्रिड युक्त कीटनाशकों का स्प्रे करने से आम फलों के बोरर्स को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है। गुठली बनने की अवस्था में फलों पर छिड़काव किए गए कीटनाशकों से संतोषजनक परिणाम मिलते हैं।

आम के फल जब 50-60 ग्राम से बड़े हो जाते हैं तब फलों के झड़ने की प्रक्रिया में भारी कमी आनी चाहिए। इस समय भी फल झड़ रहे हैं तो कारण जानने का प्रयास करें। अगर इस अवस्था में भी बाग में नुकसानदायक कीट मौजूद हैं तो इमिडाक्लोप्रिड (17.8 एस0एल0) एक मिली दवा प्रति लीटर पानी में और हैक्साकोनाजोल एक मिली प्रति लीटर पानी या डाइनो कैप (46 ई.सी.) एक मिली दवा प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़कने से मधुवा और एंथ्रेक्नोज रोग की उग्रता में कमी आती है।

आम के फलों को फल मक्खी से बचाने के लिए “फ्रूट फ्लाई ट्रैप” सबसे बढ़िया विकल्प है। प्रति हेक्टेयर 15-20 फेरोमेन ट्रैप लगाकर फ्रूट फ्लाई मक्खी को प्रबंधित किया जा सकता है। इन ट्रैप को निचली शाखाओं पर 4 से 6 फिट की ऊंचाई पर बांधना चाहिए। एक ट्रैप से दूसरे ट्रैप के बीच में 35 मीटर की दूरी रखें। ट्रैप को कभी भी सीधे सूर्य की किरणों में नहीं रखें। ट्रैप को आम की बहुत घनी शाखाओं के बीच में नहीं बाँधना चाहिए। ट्रैप बाग़ में स्पष्ट रूप से दिखाई देना चाहिए की कहाँ बाधा गया है। ट्रैप बांधने की अवस्था फल पकने से 60 दिन से पहले होना चाहिए और 6 से 10 सप्ताह के अंतराल पर नर की सुगंध (ल्यूर) बदलते रहना चाहिए।

इन बातों का ख़ास ख्याल रखें

फल मक्खी से बचाने के लिए बाग को साफ़ सुथरा रख कर भी इस मक्खी की उग्रता में कमी लाई जा सकती है।

फल की तुड़ाई के 15 दिन पहले कोई भी कृषि रसायन खासकर कीटनाशक का छिड़काव न करें।

फल मक्खी से बचाने के लिए परिपक्व फलों की समय पर तुड़ाई की जानी चाहिए।

आम के फलों पर किसी भी प्रकार का कोई भी असामान्य लक्षण दिखने की अवस्था में अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों से संपर्क करें।

Tags:
  • mango farmer

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.