By Dr SK Singh
टमाटर के पौधों का अचानक मुरझा जाना किसानों के लिए एक आम लेकिन गंभीर समस्या है। यह केवल पानी की कमी नहीं, बल्कि कई बार मिट्टी जनित फफूंद, जीवाणु, कीट या मौसम के उतार-चढ़ाव का परिणाम होता है। सही पहचान, संतुलित सिंचाई, जैविक उपायों और प्रतिरोधक किस्मों के चयन से इस समस्या पर आसानी से काबू पाया जा सकता है।
टमाटर के पौधों का अचानक मुरझा जाना किसानों के लिए एक आम लेकिन गंभीर समस्या है। यह केवल पानी की कमी नहीं, बल्कि कई बार मिट्टी जनित फफूंद, जीवाणु, कीट या मौसम के उतार-चढ़ाव का परिणाम होता है। सही पहचान, संतुलित सिंचाई, जैविक उपायों और प्रतिरोधक किस्मों के चयन से इस समस्या पर आसानी से काबू पाया जा सकता है।
By Dr SK Singh
दशपर्णी जैविक खेती के क्षेत्र में एक प्रभावशाली और सुरक्षित उपाय साबित हो रहा है। यह न केवल कीटों और रोगों से बचाव करता है, बल्कि किसानों के लिए किफायती और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प भी है।
दशपर्णी जैविक खेती के क्षेत्र में एक प्रभावशाली और सुरक्षित उपाय साबित हो रहा है। यह न केवल कीटों और रोगों से बचाव करता है, बल्कि किसानों के लिए किफायती और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प भी है।
By Dr SK Singh
केले की खेती के लिए सितंबर एक महत्वपूर्ण महीना है, क्योंकि इसमें कई ज़रूरी काम किए जाते हैं। कटाई और छंटाई से लेकर कीट प्रबंधन और सिंचाई तक, इनमें शामिल है। साथ ही इनमें से हर एक केले की सफल फसल सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इन कृषि कार्यों को लगन से करके, किसान अपनी केले की पैदावार बढ़ा सकते हैं और इस आवश्यक फसल की स्थिरता में योगदान कर सकते हैं।
केले की खेती के लिए सितंबर एक महत्वपूर्ण महीना है, क्योंकि इसमें कई ज़रूरी काम किए जाते हैं। कटाई और छंटाई से लेकर कीट प्रबंधन और सिंचाई तक, इनमें शामिल है। साथ ही इनमें से हर एक केले की सफल फसल सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इन कृषि कार्यों को लगन से करके, किसान अपनी केले की पैदावार बढ़ा सकते हैं और इस आवश्यक फसल की स्थिरता में योगदान कर सकते हैं।
By Dr SK Singh
बारिश के मौसम में पपीते की फसल को कॉलर रॉट जैसे घातक रोग से बड़ा खतरा होता है। यह फफूंदजनित बीमारी पौधे के तने और जड़ों को सड़ा देती है, जिससे पूरी फसल नष्ट हो सकती है। जानिए इसके लक्षण, कारण और बचाव के सरल वैज्ञानिक उपाय - ताकि फसल रहे सुरक्षित और किसान को न हो आर्थिक नुकसान।
बारिश के मौसम में पपीते की फसल को कॉलर रॉट जैसे घातक रोग से बड़ा खतरा होता है। यह फफूंदजनित बीमारी पौधे के तने और जड़ों को सड़ा देती है, जिससे पूरी फसल नष्ट हो सकती है। जानिए इसके लक्षण, कारण और बचाव के सरल वैज्ञानिक उपाय - ताकि फसल रहे सुरक्षित और किसान को न हो आर्थिक नुकसान।
By Dr SK Singh
जीवामृत एक देसी जैविक खाद और कीटनाशक है, जो देसी गाय के गोबर-गोमूत्र से तैयार होता है। यह मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता है, फसलों को रोगमुक्त करता है और उत्पादन में वृद्धि लाता है। कम लागत में टिकाऊ खेती का यह समाधान किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है।
जीवामृत एक देसी जैविक खाद और कीटनाशक है, जो देसी गाय के गोबर-गोमूत्र से तैयार होता है। यह मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता है, फसलों को रोगमुक्त करता है और उत्पादन में वृद्धि लाता है। कम लागत में टिकाऊ खेती का यह समाधान किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है।
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अब खेतों से केवल केले के फल ही नहीं, बल्कि केले के पत्ते भी अच्छे दामों पर बिक रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि केले के पत्तों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए क्या करना चाहिए? आइए जानें केले के पत्तों को संरक्षित करने के सही तरीके।
अब खेतों से केवल केले के फल ही नहीं, बल्कि केले के पत्ते भी अच्छे दामों पर बिक रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि केले के पत्तों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए क्या करना चाहिए? आइए जानें केले के पत्तों को संरक्षित करने के सही तरीके।
By Dr SK Singh
आम के पेड़ का मुख्य तने से मंजर और फल निकलना एक गंभीर समस्या का संकेत है। यह दर्शाता है कि पेड़ अत्यधिक पुराना, कमजोर और पोषक तत्वों की कमी से जूझ रहा है। यदि समय पर उचित उपचार नहीं किया गया, तो पेड़ जल्दी ही सूख सकता है।
आम के पेड़ का मुख्य तने से मंजर और फल निकलना एक गंभीर समस्या का संकेत है। यह दर्शाता है कि पेड़ अत्यधिक पुराना, कमजोर और पोषक तत्वों की कमी से जूझ रहा है। यदि समय पर उचित उपचार नहीं किया गया, तो पेड़ जल्दी ही सूख सकता है।
By Dr SK Singh
आम के छोटे फलों (टिकोले) पर लाल पट्टी वाला छेदक (रेड बैंडेड बोरर) कीट से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए ज़रूरी है कि बागों का नियमित निरीक्षण और समय प्रबंधन किया जाये।
आम के छोटे फलों (टिकोले) पर लाल पट्टी वाला छेदक (रेड बैंडेड बोरर) कीट से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए ज़रूरी है कि बागों का नियमित निरीक्षण और समय प्रबंधन किया जाये।
By Dr SK Singh
आम के पेड़ों में जिंक की कमी से उनके विकास, फल की गुणवत्ता पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। लक्षणों को पहचानना और कारणों को समझना इस समस्या के समाधान में महत्वपूर्ण कदम हैं।
आम के पेड़ों में जिंक की कमी से उनके विकास, फल की गुणवत्ता पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। लक्षणों को पहचानना और कारणों को समझना इस समस्या के समाधान में महत्वपूर्ण कदम हैं।