मई में संभावित वर्षा और ओलावृष्टि: किसान निपटा लें ये ज़रूरी काम

Gaon Connection | May 02, 2025, 17:18 IST
बदलते मौसम के इस दौर में किसानों को सावधानीपूर्वक फसल और पशुधन प्रबंधन करना जरूरी है। उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद ने किसानों के लिए ज़रूरी सलाह ज़ारी की है।
Hero image new website – 2025-05-02T171555.891
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, 4 से 6 मई के बीच प्रदेश के अधिकांश कृषि जलवायु अंचलों में मेघगर्जन, वज्रपात, तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है। 1 मई को प्रदेश के उत्तर-पूर्वी मैदानी क्षेत्रों में कहीं-कहीं ओलावृष्टि की संभावना भी जताई गई है। इस अवधि में अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है।

मौसम पूर्वानुमान (9-15 मई 2025):

इस सप्ताह के प्रारंभिक चरण में उत्तर-पूर्वी मैदानी क्षेत्रों को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में कहीं-कहीं हल्की वर्षा हो सकती है। तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है।

कृषकों के लिए सुझाव:

  • मौसम विभाग द्वारा जारी दैनिक चेतावनियों का पालन करें। 'सचेत' ऐप के माध्यम से अद्यतन जानकारी प्राप्त करें।
  • गेहूं और जायद फसलों की कटाई शीघ्र पूर्ण करें एवं सुरक्षित भंडारण सुनिश्चित करें।
  • खाली खेतों की गहरी जुताई करें ताकि मृदा में छिपे खरपतवार के बीज और कीट नष्ट हो सकें।
  • फसल अवशेषों का जैविक फॉर्मुलेशन 'हेलो-केयर' के साथ पुनर्चक्रण करें। यह उत्पाद लखनऊ स्थित केन्द्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान से प्राप्त किया जा सकता है।
  • देर से बोये जाने वाले गन्ने की बुवाई शीघ्र करें और पंक्ति से पंक्ति की दूरी 60 सेमी रखें।
  • धान की रोपाई के लिए हरी खाद हेतु 80-90 किग्रा सनई या 60 किग्रा ढैंचा प्रति हेक्टेयर की दर से बुवाई करें।
  • धान की बुवाई के लिए शोधित बीज का चयन करें और मई माह में देर से पकने वाली प्रजातियों को वरीयता दें।
  • आम के भुनगा कीट की रोकथाम के लिए इमिडाक्लोप्रिड 30.5% एस.सी. (3.0 मिली/10 लीटर) और प्रोफेनोफास 50% ई.सी. (1 मिली/लीटर) का छिड़काव करें।
  • आम में फल मक्खी और अन्य कीटों से बचाव के लिए बैगिंग विधि अपनाएं।
  • मृदा जनित रोगों से बचाव हेतु ट्राइकोडर्मा विरिडी 1% डब्ल्यू.पी. या ट्राइकोडर्मा हरजियेनम 2% डब्ल्यू.पी. की 2.5 किग्रा मात्रा को 65-75 किग्रा सड़ी हुई गोबर की खाद में मिलाकर अंतिम जुताई से पहले भूमि में मिलाएं।
  • हरे चारे जैसे ज्वार, बाजरा और चरी की कटाई जड़ से 6 इंच ऊपर करें और केवल पर्याप्त नमी वाले खेतों में ही चारा खिलाएं।
  • पशुपालक मोबाइल वेटनरी यूनिट की सेवाओं के लिए टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 1962 पर संपर्क कर सकते हैं।
इन सुझावों का पालन करके किसान मौसम की अनिश्चितताओं से अपनी फसलों और पशुधन की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।

    Follow us
    Contact
    • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
    • neelesh@gaonconnection.com

    © 2025 All Rights Reserved.