आठवीं पास खेती का चाणक्य : देखिए इस किसान की सफलता की कहानी
Devanshu Mani Tiwari | Feb 04, 2018, 12:00 IST
किसान गुलाम मोहम्मद भले ही आठवीं पास हैं , लेकिन उनकी जानकारी कृषि वैज्ञानिकों को भी हैरान कर देती है। खेती में तरह तरह के प्रयोग कर मोहम्मद गुलाम आज सैकड़ों किसानों के लिए उदाहरण हैं।
गुलाम मोहम्मद ने 30 साल पहले अपनी खेती की शुरुआत 5 एकड़ ज़मीन से की थी, आज उनकी खेती 20 एकड़ से ज़्यादा है। उनके खेतों में उगाए गए केला, टमाटर, खरबूज, तरबूज की मांग हैदराबाद , बंगाल से लेकर काठमांडू तक है।
बहराइच में जरवल गाँव में 30 साल पहले किसान गुलाम मोहम्मद गेहूं-धान जैसी पारंपरिक फसलों की खेती करते थें, लेकिन जब उन्हें जब ड्रिप सिंचाई तकनीक का पता चला, तो उन्होंने अनाज की खेती छोड़कर सब्जियों व फलों की खेती शुरू कर दी। आज गुलाम को सिर्फ बहराइच के किसान ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के कई ज़िलों के कृषि वैज्ञानिक भी जानते हैं।
आस पास के किसानों को सिखाते हैं, तकनीकी खेती करने का तरीका। गुलाम मोहम्मद के खेतों में आधुनिक तरह से उगाई गई फसलों को देख कर हम यह जान सकते हैं कि कैसे कम ज़मीन में भी ज़्यादा फसल उत्पादन किया जा सकता है। इसी खेत के सहारे गुलाम अहमद आज ना सिर्फ अपने परिवार के 11 सदस्यों का पेट पालते हैं बल्कि उनके पास वो सबकुछ है, जो एक आम किसान की चाहत होती है। उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर आज अपने कच्चे घर को पक्का बनवाया ही है और अपने भाइयों के परिवारों का पूरा खर्च भी वो खुद उठाते हैं। इन्हीं पैसों से उन्होंने एक बड़ा मुर्गी फार्फ भी शुरू किया है।
किसान जागरूकता शिविर लगाकर देते हैं किसानों को प्रशिक्षण। ड्रिप इरीगेशन से कम ज़मीन पर कई फसलों की खेती कर रहे गुलाम अहमद के खेतों में देशभर के किसान और कृषि अधिकारी अक्सर आया करते हैं।
ड्रिप सिंचाई की मदद से बढ़ा टमाटर का उत्पादन। गुलाम मोहम्मद अपनी खेती के सुधार व मौसम की जानकारी लेने के लिए अब एंड्रोएड फोन का भी इस्तेमाल करते हैं।
गुलाम मोहम्मद ने 30 साल पहले अपनी खेती की शुरुआत 5 एकड़ ज़मीन से की थी, आज उनकी खेती 20 एकड़ से ज़्यादा है। उनके खेतों में उगाए गए केला, टमाटर, खरबूज, तरबूज की मांग हैदराबाद , बंगाल से लेकर काठमांडू तक है।
बहराइच में जरवल गाँव में 30 साल पहले किसान गुलाम मोहम्मद गेहूं-धान जैसी पारंपरिक फसलों की खेती करते थें, लेकिन जब उन्हें जब ड्रिप सिंचाई तकनीक का पता चला, तो उन्होंने अनाज की खेती छोड़कर सब्जियों व फलों की खेती शुरू कर दी। आज गुलाम को सिर्फ बहराइच के किसान ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के कई ज़िलों के कृषि वैज्ञानिक भी जानते हैं।
लखनऊ जिले से करीब 70 किमी. दूर बहराइच के जरवल इलाके में ड्रिप तकनीक की मदद से केला , टमाटर, गन्ना, तरबूज और खरबूजे की खेती कर रहे हैं। इससे उन्हें फसल की अच्छी पैदावार, तो मिल ही रही है साथ ही सब्जियों व फलों के व्यापार में भी अच्छा मुनाफा हो रहा है।
आस पास के किसानों को सिखाते हैं, तकनीकी खेती करने का तरीका। गुलाम मोहम्मद के खेतों में आधुनिक तरह से उगाई गई फसलों को देख कर हम यह जान सकते हैं कि कैसे कम ज़मीन में भी ज़्यादा फसल उत्पादन किया जा सकता है। इसी खेत के सहारे गुलाम अहमद आज ना सिर्फ अपने परिवार के 11 सदस्यों का पेट पालते हैं बल्कि उनके पास वो सबकुछ है, जो एक आम किसान की चाहत होती है। उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर आज अपने कच्चे घर को पक्का बनवाया ही है और अपने भाइयों के परिवारों का पूरा खर्च भी वो खुद उठाते हैं। इन्हीं पैसों से उन्होंने एक बड़ा मुर्गी फार्फ भी शुरू किया है।
गुलाम मोहम्मद कृषि अधिकारियों और विज्ञानिकों की सलाह लेकर करते हैं खेती (बीच में) नई तकनीक को खेती में कैसे इस्तेमाल कर के अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है, यह तरीका गुलाम अपने क्षेत्र के किसानों को भी बता रहे हैं। बहराइच जिले के किसानों के लिए रोल मॉडल बन चुके गुलाम मोहम्मद को उनकी तकनीकी खेती और कम संसाधन होते हुए भी नायाब फसल उत्पादन के लिए उत्तर प्रदेश के राज्यपाल ने आदर्श किसान सम्मान भी दिया है।
किसान जागरूकता शिविर लगाकर देते हैं किसानों को प्रशिक्षण। ड्रिप इरीगेशन से कम ज़मीन पर कई फसलों की खेती कर रहे गुलाम अहमद के खेतों में देशभर के किसान और कृषि अधिकारी अक्सर आया करते हैं।
ड्रिप सिंचाई की मदद से बढ़ा टमाटर का उत्पादन। गुलाम मोहम्मद अपनी खेती के सुधार व मौसम की जानकारी लेने के लिए अब एंड्रोएड फोन का भी इस्तेमाल करते हैं।
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