0

कृषि विशेषज्ञों की सलाह: धान की फसल में इस समय इन रोग-कीटों का होता है खतरा, समय रहते करें प्रबंधन

गाँव कनेक्शन | Sep 05, 2022, 11:55 IST
आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने किसानों के लिए मौसम आधारित कृषि सलाह जारी की है।
#paddy
इस मौसम में धान की फसल इस समय बढवार की स्थिति में है इसलिए फसल में पत्ता मरोड़ या तना छेदक कीटों की निगरानी करें। तना छेदक कीट की निगरानी के लिए फिरोमोन प्रपंच 3-4 प्रति एकड़ लगाए।

इस मौसम में धान की फसल को नष्ट करने वाली ब्राउन प्लांट हॉपर का आक्रमण शुरू हो सकता है, इसलिए किसान खेत के अंदर जाकर पौध के निचली भाग के स्थान पर मच्छरनुमा कीट का निरीक्षण करें। यदि कीट की संख्या अधिक हो तो ओशेन (Dinotefuran) 100 ग्राम/ 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।

इस मौसम में बासमती धान में आभासी कंड (False Smut) आने की काफी संभावना है। इस बीमारी के आने से धान के दाने आकार में फूल जाते है। इसकी रोकथाम के लिए ब्लाइटोक्स 50 की 500 ग्राम प्रति एकड़ की दर से आवश्यकतानुसार पानी में मिलाकर 10 दिन के अंतराल पर 2-3 बार छिड़काव करें।

किसानों को सलाह है कि बाजरा मक्का, सोयाबीन व सब्जियों में खरपतवार नियंत्रण के लिए निराई-गुड़ाई काम करें। सरसों की अगेती बुवाई के लिए पूसा सरसों-28, पूसा तारक आदि के बीज की व्यवस्था करें और खेतों को तैयार करें।

इस मौसम में किसान गाजर की बुवाई मेड़ों पर कर सकते हैं। उन्नत किस्में- पूसा रूधिरा का बीज दर 4.0 किग्रा. प्रति एकड़। बुवाई से पहले बीज को केप्टान 2 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचार करें और खेत में देसी खाद, पोटाश और फास्फोरस उर्वरक डालें। गाजर की बुवाई मशीन द्वारा करने से बीज 1.0 किग्रा. प्रति एकड़ की जरूरत होती है जिससे बीज की बचत और उत्पाद की गुणवत्ता भी अच्छी रहती है।

361351-paddy-farming-kharif-agriculture-advisory-icar-iari-vegetable-farming-mustard-cultivation-2
361351-paddy-farming-kharif-agriculture-advisory-icar-iari-vegetable-farming-mustard-cultivation-2

सब्जियों में (टमाटर, मिर्च, बैंगन फूलगोभी व पत्तागोभी) फल छेदक, शीर्ष छेदक और फूलगोभी व पत्तागोभी में डायमंड़ बेक मोथ की निगरानी के लिए फेरोमोन प्रपंच @ 3-4/एकड़ लगाएं।

जिन किसानों की टमाटर, हरी मिर्च, बैंगन व अगेती फूलगोभी की पौध तैयार है, वे मौसम को मध्यनजर रखते हुए रोपाई मेंडों (ऊथली क्यारियों) पर करें।

इस मौसम में किसान ग्वार (पूसा नव बहार, दुर्गा बहार), मूली (पूसा चेतकी), लोबिया (पूसा कोमल), भिंडी (पूसा ए-4), सेम (पूसा सेम 2, पूसा सेम 3), पालक (पूसा भारती), चौलाई (पूसा लाल चौलाई, पूसा किरण) आदि फसलों की बुवाई के लिए खेत तैयार हो तो बुवाई ऊंची मेंड़ों पर कर सकते हैं। बीज किसी प्रमाणित स्रोत से ही खरीदें।

कद्दूवर्गीय सब्जियों को ऊपर चढाने की व्यवस्था करे ताकि वर्षा से सब्जियों की लताओं को गलने से बचाया जा सके।

कद्दूवर्गीय और अन्य सब्जियों में मघुमक्खियों का बडा योगदान है क्योंकि, वे परागण में सहायता करती है, इसलिए जितना संभव हो मघुमक्खियों के पालन को बढ़ावा दें। कीड़ों और बीमारियों की निरंतर निगरानी करते रहें, कृषि विज्ञान केन्द्र से सम्पर्क रखें व सही जानकारी लेने के बाद ही दवाईयों का प्रयोग करें।

किसान प्रकाश प्रपंश (Light Trap) का भी इस्तेमाल कर सकते है। इसके लिए एक प्लास्टिक के टब या किसी बड़े बर्तन में पानी और थोड़ा कीटनाशक दवाई मिलाकर एक बल्ब जलाकर रात में खेत के बीच में रखे दें। प्रकाश से कीट आकर्षित होकर उसी घोल पर गिरकर मर जायेंगें। इस प्रपंश से अनेक प्रकार के हानिकारक कीटों का नाश होगा।

Tags:
  • paddy
  • Agricultural Advice
  • IARI
  • story

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.