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यूपी : गेहूं की कटाई जोर-शोर से जारी, कई जिलों में मौसम की मार का गेहूं की उपज पर असर

Arvind Shukla | Apr 15, 2018, 18:46 IST
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लखनऊ। इस समय यूपी समेत देश के कई राज्यों में गेहूं की कटाई चल रही है। बड़े किसान कंबाइन से फसल कटवा रहे हैं तो छोटे किसान और भूसा रखने वाले किसान थ्रेसर चलवा रहे हैं। किसानों की मानें तो यूपी के कई जिलों में इस बार गेहूं का दाना अपेक्षाकृत छोटा है, जिसका असर पैदावार पर पड़ा है।

सीतापुर जिले के गोड़िरया गांव निवासी किसान शिवकुमार सिंह के पास 13 बीघे (सवा दो एकड़) गेहूं है। कुछ दिनों ही पहले उन्होंने कटाई कराई है। उपज को लेकर पूछे गए सवाल पर शिवकुमार कहते हैं, “3 से 4 कुंतल बीघा पैदा (उपज) हुआ है, इसे अच्छा तो नहीं कह सकते।”

उन्नाव में वलिया हिलोली गांव के संदीप कुमार के यहां भी यही औसत है। बाराबंकी जिले के सूरतगंज ब्लॉक की तुरकौली ग्राम पंचायत में रहने राम कुमार सिंह ने शनिवार को ही कंबाइन से करीब 10 बीघे (दो एकड़) गेहूं कटाया।

ट्रॉली में गेहूं ठीक करते हुए राम कुमार सिंह बताते हैं, “पैदावार अच्छी नहीं हुई है, क्योंकि पहले तो पानी कम बरसा, ऊपर से आखिर दिनों (मार्च-अप्रैल) में गर्म हवाएं चलने लगीं। जिससे गेहूं मार गया (नमी के चलते सूख गया)।“

बुलई मिट्टी वाले किसानों पर इस मौसम के बदलाव और कम बारिश का असर ज्यादा पड़ा है। लखनऊ समेत कई जिलों में किसानों से हुई बातचीत के मुताबिक, औसत पैदावार करीब 4 कुंतल बीघा यानि 20 कुंतल प्रति एकड़ तक की है।

जोरों से चल रही गेहूं की कटाई। लखनऊ के कुम्हारावां में अनाज कारोबारी अभिजीत मिश्र बताते हैं, “सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है, लेकिन नगद पैसे का चाहने वाले किसान कारोबारियों को ही बेच रहे हैं, अभी तक जो गेहूं आया है, उसमें दाना थोड़ा बारीक (छोटा) लग रहा है।“

हालांकि सीतापुर में कटिया कृषि विज्ञान के फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डॉ. दया श्रीवास्तव कम पैदावार से इनकार करते हैं। गांव कनेक्शन को वो बताते हैं, “गेहूं की फसल जब तैयार हो रही होती है, ज्यादातर बार गर्म हवाएं (लू) चलने लगती हैं, ऐसे में फसल पर असर पड़ता है, लेकिन ज्यादातार वो किसान प्रभावित होते हैं, जो अगैती बीज देर से बोते हैं या फिर उनमें सिंचाई का ध्यान नहीं रख पाते। ये हर बार होता है, लेकिन अभी इसका ज्यादा असर नजर नहीं आया है।“

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 15 अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू की है। गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1735 रुपए निर्धारित किया गया है, जबकि 10 रुपए प्रति कुंतल का छनाई का शुल्क दिया जा रहा है। सरकार ने गेहूं खरीद के 90 घंटों के अंदर भुगतान का भी वादा किया है, जबकि आढ़तिए और कारोबारी 1500 रुपए प्रति कुंतल से लेकर 1600 तक का रेट दे रहे हैं।

पिछले दिनों यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि प्रदेश में इस बार 50 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा गया है। पिछले वर्ष 37 लाख मीट्रिक टन की खरीद हुई थी, साथ ही इस बार 110 रुपए प्रति कुंतल की बढ़ोतरी भी की गई है। उन्होंने ट्वीटर पर लिखा कि जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी उस वर्ष मात्र 7 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हई थी।

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