पैडी ट्रांसप्लांटर: धान लगाने की मशीन देखने उमड़े किसान
Virendra Singh | Aug 07, 2018, 12:13 IST
चार हॉर्स पावर के इंजन वाली ये मशीन एक घंटे में ६०० ग्राम डीजल खपत करती है, जबकि एक घंटे में करीब एक बीघे की रोपाई करती है।
बाराबंकी (उत्तर प्रदेश)। धान की खेती करने वालों किसानों को अक्सर धान की रोपाई के लिए मजदूरों की समस्या होती है। एक तो मजदूर मुश्किल से मिलते हैं, दूसरे मजदूरी में किसान का खर्च बढ़ जाता है। ऐसे में किसान मशीनी खेती की तरफ बढ़ रहे हैं। हाईटेक पैडी ट्रांसप्लांटर किसानों की कई समस्याओं का समाधान कर सकती है।
भारत में धान की रोपाई की कई तरह की मशीनें भारत में उपलब्ध हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों में इन मशीनों का चलन तेजी से बढ़ा है। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के पिपरौली गांव में ऐसी ही एक मशीन का खेत में परीक्षण किया गया। मशीन की कार्यक्षमता देखने के लिए स्पाइसेस बोर्ड के उपनिदेशक डॉक्टर जान जो वर्गीज व कृषि विभाग के आशीष अग्निहोत्री, आशीष सिंह समेत कई कर्मचारी मौजूद रहे।
कृषि अधिकारी आशीष सिंह बताते हैं,"मशीन की कीमत ढाई लाख के करीब है, इसमें 4 हॉर्स पावर का इंजन है, एक घंटे में 600 ग्राम डीजल की खपत होती है। एक एकड़ की रोपाई में करीब 3 लीटर डीजल खर्च होता है। मशीन को चलाने के लिए एक ड्राइवर और 2 सहायकों की जरुरत होती है।"
पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन में तीन पहिए होते हैं सड़क पर चलने के लिए रबर का टायर, खेत में चलने के लिए लोहे की पहिया होती है। धान लगाने के लिए खेत तैयार करते समय ध्यान रखें कि खेत में पानी एक दिन पहले भरे पानी में जुताई करें और सारा पानी निकाल दें। मशीन कीचड़ में चलाएं। मशीन चलाने से पहले आगे लोहे का पहिया लगाएं और पीछे के दोनों पहिया निकाल देना चाहिए। मशीन एक बार में 8 लाइन लगाई गईं।
ट्रांसप्लांटर मशीन के गणित को समझाते हुए स्पाइसेस बोर्ड के उप निदेशक डॉक्टर जान जो वर्गीज बताते है, "मशीन धान लगाने में सबसे महत्वपूर्ण काम बैरन तैयार करना होता है।" किसानों की मांग पर उन्होंने विस्तार से इसकी जानकारी दी। सबसे पहले खेत को समतल करके पानी भर दें। सवा मीटर चौड़ी और 3 मीटर लंबी पॉलीथिन पर एक बीघे का बैरन उगाया जा सकता है इसी हिसाब से जितना ध्यान लगाना हो उस हिसाब से पॉलीथिन बिछाएं। पॉलीथिन से पॉलीथिन की दूरी 2 फीट रखेंगे फिर 1 इंच चौड़े पटरी ले सवा मीटर पॉलिथीन पर दोनों किनारों पर रखकर गीली मिट्टी भर दें।
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धान से धान की दूरी लगभग आधा अंगुल रखें, जिससे बैरन मोटा हो जाए इस तरह जब बैरन हो जाए तो दूसरे दिन स्प्रेयर से पानी का छिड़काव करें। छिड़काव के बाद उसे दूसरी पॉलीथिन से ढक दें चार दिन बाद ऊपर की पॉलीथिन हटा दें, पानी का छिड़काव छठे दिन करें फिर पानी लगा दें। इस तरह तीसरी बार पानी लगाएं। 18 से 20 दिन बाद बैरन पैडी ट्रांसप्लांटर में लगाने के लिए तैयार हो जाएगी। याद रखें, जब बैरन लगानी हो, उसमें पानी देना बंद कर दें, ताकि पौधे के साथ मिट्टी की परत न टूटे।
अब पढ़िए गांव कनेक्शन की खबरें अंग्रेज़ी में भी
भारत में धान की रोपाई की कई तरह की मशीनें भारत में उपलब्ध हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों में इन मशीनों का चलन तेजी से बढ़ा है। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के पिपरौली गांव में ऐसी ही एक मशीन का खेत में परीक्षण किया गया। मशीन की कार्यक्षमता देखने के लिए स्पाइसेस बोर्ड के उपनिदेशक डॉक्टर जान जो वर्गीज व कृषि विभाग के आशीष अग्निहोत्री, आशीष सिंह समेत कई कर्मचारी मौजूद रहे।
कृषि अधिकारी आशीष सिंह बताते हैं,"मशीन की कीमत ढाई लाख के करीब है, इसमें 4 हॉर्स पावर का इंजन है, एक घंटे में 600 ग्राम डीजल की खपत होती है। एक एकड़ की रोपाई में करीब 3 लीटर डीजल खर्च होता है। मशीन को चलाने के लिए एक ड्राइवर और 2 सहायकों की जरुरत होती है।"
पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन में तीन पहिए होते हैं सड़क पर चलने के लिए रबर का टायर, खेत में चलने के लिए लोहे की पहिया होती है। धान लगाने के लिए खेत तैयार करते समय ध्यान रखें कि खेत में पानी एक दिन पहले भरे पानी में जुताई करें और सारा पानी निकाल दें। मशीन कीचड़ में चलाएं। मशीन चलाने से पहले आगे लोहे का पहिया लगाएं और पीछे के दोनों पहिया निकाल देना चाहिए। मशीन एक बार में 8 लाइन लगाई गईं।
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ऐसे तैयार करें मशीन के लिए बैरन
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धान से धान की दूरी लगभग आधा अंगुल रखें, जिससे बैरन मोटा हो जाए इस तरह जब बैरन हो जाए तो दूसरे दिन स्प्रेयर से पानी का छिड़काव करें। छिड़काव के बाद उसे दूसरी पॉलीथिन से ढक दें चार दिन बाद ऊपर की पॉलीथिन हटा दें, पानी का छिड़काव छठे दिन करें फिर पानी लगा दें। इस तरह तीसरी बार पानी लगाएं। 18 से 20 दिन बाद बैरन पैडी ट्रांसप्लांटर में लगाने के लिए तैयार हो जाएगी। याद रखें, जब बैरन लगानी हो, उसमें पानी देना बंद कर दें, ताकि पौधे के साथ मिट्टी की परत न टूटे।
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