फल और सब्जियों के बीजों से भी समृद्ध बन सकते हैं किसान

Ashwani NigamAshwani Nigam   10 April 2017 5:19 PM GMT

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लखनऊ। फल और सब्जियों ही नहीं बल्कि उनके बीज की भी देश-दुनिया में भारी डिमांड है। यही कारण है कि भारत में फल और सब्जी बीज एक बड़े उद्योग के रूप में उभर रहा है। देश के कई राज्यों में किसान बीज उत्पादन के लिए फल और सब्जी की खेती करके मुनाफा कमा रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी जागरूकता की कमी से इसकी खेती जितनी होनी चाहिए अभी नहीं हो रही है।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल इकोनॉमिक्स एण्ड पालिसी रिसर्च (एनएआईपी) के प्रधान वैज्ञानिक डा. शिव कुमार ने बताया '' किसान बीजों के लिए फलों और सब्जियों की खेती करके आर्थिक रूप से मजबूत हो सकते हैं। सिर्फ बीज के लिए खेती करके महाराष्ट्र, कनार्टक, आंध्रप्रदेश तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और उत्तर प्रदेश के किसान लाखों कमा रहे हैं ।''

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एपीडा यानि कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रमुख रुप से चुकंदर के बीज, गोभी के बीज, फूलगोभी के बीज, विभिन्न फलों के बीज, प्याज़ के बीज, मटर के बीज, अनार के बीज, मूली के बीज, इमली के बीज और अन्य बीज उगाए जाते हैं। जिनकी बांग्लादेश, पाकिस्तान, संयुक्त राज्य अमेरिका, नीदरलैंड और जापान जैसे देशों में भारतीय भारी डिमांड। यह देश हैं भारतीय बीजों के प्रमुख आयातक देश भी हैं। एपीडा के अनुसार अप्रैल 2016 से लेकर फरवरी 2017 तक भारत ने 5891.55 मीट्रिक टन फल और सब्जियों के बीजों का बाहर के देशों में निर्यात किया, जो 422.59 करोड़ रुपए के थे।

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पिछले दिनों उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद में मार्केटिंग स्ट्रेटेजीज फॉर वेजीटेबल्स क्रॉप विषय पर आयोजित ब्रेन स्टॉर्मिंग सत्र में जुटे देश के जानेमाने मंथन करके बताया था कि सब्जियों की खेती और उत्पादन में पश्चिम बंगाल के बाद उत्तर प्रदेश का दूसरा स्थान है। देश में पैदा होने वाली कुल सब्जी का 12 प्रतिशत हिस्सा उत्तर प्रदेश में होता है।

प्रदेश में सब्जी की जितनी जरुरत है उससे 4 से 5 गुना ज्यादा सब्जी उत्रत प्रदेश में पैदा होती है लेकिन प्रदेश में सब्जियों के भंडारण औ प्रसंस्करण की कमी से यहां की सब्जियां जल्दी खराब हो जाती हैं। जिसके कारण किसानों केा अपनी सब्जी की फसल केा तुरंत बेचनी पड़ती है लाभ की जगह उन्हें नुकसान होता है। ऐेस में किसानों को अब सब्जियों की खेती बीज के लिए भी करनी चाहिए। क्योंकि फल और सब्जियों क लिए जो बीज उगाए जाते हैं वह दो से लेकर तीन साल तक सुरक्षति रहते हैं। अंतराष्ट्रीय बाजार में भी इसकी अच्छी मांग है।

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भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली के सहायक महानिदेशक (बीज) डा. जे.एस. चौहान ने बताया '' किसानों के बीच बीज विनिमय नेटवर्क विकसित किया जाना चाहिये जिससे उत्तम बीज का उत्पादन होगा एवं प्रजातियों का बेमेल मिश्रण कम होगा। इसके साथ ही प्रदेश में जैविक बीज उत्पादन एवं विभिन्न फसलों के उत्पादन के प्रति जागरूकता के संदर्भ में अधिक से अधिक कार्यक्रम तैयार किए जाने चाहिए। जिसका लाभ किसानों को होगा। ''

उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद महानिदेश राजेन्द्र कुमार ने बीज उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कहा कि कृषि विश्वविद्यालयों में जो बीज पैदा किए जा रहे हैं उनको प्रदेश में केन्द्रीय भण्डार गृह और शीतगृह में संरक्षित करने के साथ किसानों के बीच ले जाने के लिए काम किया जाना चाहिए।

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