अक्टूबर महीने में प्राकृतिक रबड़ का उत्पादन आठ प्रतिशत बढ़ा, आयात 63 प्रतिशत बढ़ा

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नयी दिल्ली। प्राकृतिक रबड़ का उत्पादन इस साल अक्टूबर महीने में सालाना आधार पर आठ प्रतिशत बढ़कर 67 हजार टन पर पहुंच गया। इसका आयात भी इस दौरान 63 प्रतिशत बढ़कर 62 हजार टन से अधिक हो गया। रबड़ बोर्ड के शुरुआती आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई।

पिछले साल के अक्टूबर महीने में प्राकृतिक रबड़ का उत्पादन 62 हजार टन रहा था। समीक्षाधीन महीने के दौरान प्राकृतिक रबड़ की खपत भी पिछले साल के 89 हजार टन से बढ़कर 1.02 लाख टन पर पहुंच गयी।

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इस अवधि के दौरान आयात 38,048 टन से बढ़कर 62,047 टन पर पहुंच गया। हालांकि, निर्यात इस दौरान 479 टन से गिरकर शून्य पर आ गया। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अक्टूबर की अवधि के दौरान प्राकृतिक रबड़ का उत्पादन 3.82 लाख टन से कम होकर 3.44 लाख टन पर आ गया। हालांकि, उपभोग 6,17,960 टन से बढ़कर 7,16,040 टन पर पहुंच गया। इस दौरान आयात 2,63,221 टन से बढ़कर 3,56,255 टन पर पहुंच गया। हालांकि निर्यात 4,687 टन से गिरकर 433 टन रह गया।

पूर्वोतर विकास वित्त निगम के अनुसार त्रिपुरा में वर्ष 1976-77 में रबड़ उत्पादन क्षेत्र महज 574 हेक्टेयर में फैला था, जो अब बढ़कर 70 हजार हेक्टेयर से अधिक हो गया है। इसी तरह असम में वर्ष 2006-07 में 16.5 हजार हेक्टेयर में रबड़ उत्पादन होता था, जो अब करीब 50 हजार हेक्टेयर हो गया है।

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वर्ष 2000-01 में मेघालय में 4,029 हेक्टेयर क्षेत्र में रबड़ की खेती होती थी, जो 2006-07 में ही 5,331 हेक्टेयर में फैल चुकी थी। इस अवधि में मिजोरम में रबड़ बागानों का दायरा 507 हेक्टेयर से बढ़कर 525 हेक्टेयर और नागालैंड में 585 हेक्टेयर से बढ़कर 2486 हेक्टेयर हो गया था।

(भाषा से इनपुट)


  

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