0

31वें दिल्ली मैंगो फेस्टिवल में उत्तर प्रदेश के आमों का बोलबाला

गाँव कनेक्शन | Jul 09, 2019, 12:41 IST
#Mango Mela
31 वें मैंगो फेस्टिवल में पश्चिम बंगाल, बिहार, हरियाणा और उत्तराखंड के आमों को तो देखा ही जा सकता है। लेकिन हर बार की तरह इस बार भी मैंगो फेस्टिवल में लखनऊ और उसके आसपास के आमों का बोलबाला रहा है। ICAR- CISH लखनऊ से करीब तीन सौ से अधिक किस्मों के आमों का प्रदर्शन किया गया। मलिहाबाद, मुजफ्फरपुर, सीतापुर, सहारनपुर से भी आमों के कई किस्म इस फेस्टिवल में पहुंचे हैं। पूरे फेस्टिवल में लगभग 90 प्रतिशत आम उत्तर प्रदेश के ही हैं।

जुलाई के दौरान हर साल आयोजित होने वाला यह कार्यक्रम न केवल आम प्रेमियों को आकर्षित करता है, बल्कि आम की किस्मों को संरक्षित करने में मदद करता है| दिल्ली पर्यटन विभाग के जमीन पर आयोजित इस राष्ट्रीय कार्यक्रम में किसान अपने किस्म के आमों को प्रदर्शित करने का इंतजार करते हैं।

केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (CISH) की तरफ से दिया जाता है निशुल्क स्टाल

मलिहाबाद के आम विविधता संरक्षण समिति (SCMD) के राम किशोर ने बताया कि आम के विभिन्न प्रकारों का प्रदर्शन करने के लिए केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (CISH) की तरफ से निशुल्क स्टाल दिया जाता है। लगभग 10 साल पहले CISH ने इस समिति का विकास किया था। उस दौरान उन्होंने चार गांवों के किसानों के सामूहिक कोशिश से 500 किस्मों के आमों का प्रदर्शन किया था। ज्यादातर किसान दिल्ली को आम बेचने के लिए एक अच्छा बाजार समझते हैं। यही वजह है कि इस बार कई सारे किसानों आम बेचने के लिए फेस्टिवल में भाग लेने के लिए इच्छुक हैं।

RDESController-2341
RDESController-2341


आमों के कई अन्य उत्पादों का भी लगाया गया है प्रदर्शन

फेस्टिवल में आम की बिक्री इनके कई किस्मों के संरक्षण में मदद कर रही है। इस अवसर पर आम के इतर कई आचार, चटनी, आम के मिक्स पाउडर, आम के चमड़े और अन्य उत्पाद मैंगो फेस्टिवल में प्रदर्षित किए जा रहे हैं। दिल्ली जैसे मेट्रो शहर में अल्फांसो, दशहरी, लंगड़ा, सफेदा जैसे अनेक किस्म के आमों की युवाओं और बच्चों के बीच बेहद मांग है।

CISH द्वारा प्रदर्शित हाइब्रिड 4120 किस्म का आम लोगों को सबसे अधिक रहा है। इसका फल बेहद आकर्षक रंग का है। अंबिका और अरुणिका के फलों देखने के बाद लोग फलों को खरीदने के इच्छुक होते हैं। साथ ही वे अपने किचन गार्डन में भी इस किस्म को लगाना चाहते हैं। दशहरी और चौसा के संकरण के माध्यम से विकसित हाइब्रिड CISH-M-2 को भी खरीदने में लोगों ने रूचि दिखाई है| इस नए किस्म के आम में दशहरी और चौसा दोनों का स्वाद है।

RDESController-2342
RDESController-2342


अलग अलग तरीके के आमों के नाम लोगों को कर रहे हैं आकर्षित

कई सारे आए हुए लोग यह को तैयार नहीं हैं कि आम की इतनी किस्में भारत में मौजूद हैं। गधेमार, हुस्न-ए-आरा, काकरिया किंग साहेब, करेला और नाज़ुक बदन जैसे नाम के आमों ने लोगों को आकर्षित किया। यह उत्सव पिछले तीन दशकों से अधिक समय से दिल्ली वासियों और किसानों को आकर्षित कर रहा है। इस तरह के फेस्टिवल से आम की किस्मों के संरक्षण में तो मदद मिलती है साथ ही कई लोगों को आजीविका का साधन भी बन रहा है।

(शैलेंद्र राजन, निदेशक, केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान)

ये भी पढ़ें- बजट और किसान: खेती की बंजर जमीन को कितना सींच पाएगा ये बजट?


Tags:
  • Mango Mela
  • cish
  • story

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.