दालों के निर्यात पर प्रतिबंध समाप्त, सभी तरह की दालों का हो सकेगा निर्यात
गाँव कनेक्शन | Nov 16, 2017, 17:17 IST
नई दिल्ली (भाषा)। खुले बाजार में दाल-दलहन की गिरती कीमतों के बीच सरकार ने आज सभी तरह की दालों के निर्यात पर लगे प्रतिबंध समाप्त कर दिये। इस व्यवस्था से किसानों को अपने उत्पादों का बेहतर लाभ उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिंमंडल की बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ''सभी प्रकार के दलहनों का निर्यात खोले जाने से किसानों को उनकी कृषि उपज के लिये लाभकारी दाम मिल सकेंगे। इससे उन्होंने बुवाई के रकबे को बढ़ाने में प्रोत्साहन मिलेगा।''
उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने सभी प्रकार की दलहनों के निर्यात पर लगी रोक हटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि किसानों को अपने उत्पादों का विपणन करने के कई तरह के विकल्प प्राप्त हो सके।
उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण सचिव की अगुवाई वाली समिति को दलहन निर्यात एवं आयात नीति की समीक्षा करने के लिए अधिकृत किया गया। उन्हें मात्रात्मक प्रतिबंध, पूर्व पंजीकरण तथा घरेलू उत्पादन एवं मांग के आधार पर आयात शुल्क में बदलाव, स्थानीय एवं अंतरराष्ट्रीय कीमतें तथा वैश्विक व्यापार के आकार जैसे उपायों उप विचार करने को कहा गया।
उन्होंने कहा कि दलहनों का निर्यात, दलहनों के अतिरिक्त उत्पादन के लिए एक वैकल्पिक बाजार प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि इससे देश और निर्यातकों को उनका निर्यात बाजार फिर से हासिल करने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिंमंडल की बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ''सभी प्रकार के दलहनों का निर्यात खोले जाने से किसानों को उनकी कृषि उपज के लिये लाभकारी दाम मिल सकेंगे। इससे उन्होंने बुवाई के रकबे को बढ़ाने में प्रोत्साहन मिलेगा।''
उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने सभी प्रकार की दलहनों के निर्यात पर लगी रोक हटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि किसानों को अपने उत्पादों का विपणन करने के कई तरह के विकल्प प्राप्त हो सके।
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उन्होंने कहा कि दलहनों का निर्यात, दलहनों के अतिरिक्त उत्पादन के लिए एक वैकल्पिक बाजार प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि इससे देश और निर्यातकों को उनका निर्यात बाजार फिर से हासिल करने में मदद मिलेगी।