लेयर मुर्गीपालन से ज्यादा बेहतर विकल्प ब्रायलर मुर्गीपालन, देखें वीडियो
Diti Bajpai | Jan 24, 2019, 07:58 IST
प्रयागराज। ज्यादातर मुर्गीपालक जानकारी के अभाव में मुर्गीपालन व्यवसाय शुरू तो कर देते है लेकिन उनको इस बात की जानकारी नहीं होती है कि ब्रायलर मुर्गीपालन से मुनाफा होगा या फिर लेयर मुर्गीपालन से।
ब्रायलर मुर्गीपालन मांस के लिए किया जाता है और लेयर मुर्गीपालन अंडे के लिए किया जाता है। ब्रायलर और लेयर फार्मिंग में किससे ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है इसके बारे में जौनपुर जिले के पशुचिकित्सक अधिकारी और पोल्ट्री विशेषज्ञ डॉ. राजू वर्मा बताते हैं, ''ब्रायलर पालन में कम जगह और कम पूंजी की जरूरत होती है। इसमें ज्यादा लोगों की आवश्यकता नहीं होती है। जबकि लेयर मुर्गीपालन ज्यादा लागत वाला काम है।''
मुनाफा अधिक होने के कारण भारत में छोटे-बड़े स्तर पर ब्रायलर मुर्गीपालन व्यवसाय बहुत तेजी से बढ़ रहा है। ''अगर कोई किसान 500 मुर्गी से ब्रायलर मुर्गीपालन की शुरूआत करता है तो एक महीने में 10 से 12 हजार की कमाई होनी लगती है। जबकि लेयर मुर्गीपालन में साढ़े चार महीने में अंडा देना शुरू करती है और उसके बाद वो एक साल तक अंडा देती है। एक साल के बाद अंडे का उत्पादन भी कम हो जाता है।" डॉ राजू वर्मा ने गाँव कनेक्शन को बताया।
अपनी बात को जारी रखते हुए डॉ वर्मा बताते हैं, ''अगर आप ब्रायलर मुर्गीपालन की शुरू कर रहे तो काप बर्ड खरीदे और अगर लेयर मुर्गीपालन शुरू कर रहे हैं तो बीबी 300 नस्ल की मुर्गी पाले। यह मुर्गी 360 दिन में 320 अंडे देती है।'' अगर कम पैसे में अच्छा मुनाफा कमाना चाहते है तो ब्रायलर मुर्गीपालन बेहतर विकल्प है। ब्रायलर शुरू करने के बाद लेयर मुर्गीपालन की शुरू किया जा सकता है।
मुर्गी पालन करने से पहले इन बातों का रखे ध्यान
ब्रायलर मुर्गीपालन मांस के लिए किया जाता है और लेयर मुर्गीपालन अंडे के लिए किया जाता है। ब्रायलर और लेयर फार्मिंग में किससे ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है इसके बारे में जौनपुर जिले के पशुचिकित्सक अधिकारी और पोल्ट्री विशेषज्ञ डॉ. राजू वर्मा बताते हैं, ''ब्रायलर पालन में कम जगह और कम पूंजी की जरूरत होती है। इसमें ज्यादा लोगों की आवश्यकता नहीं होती है। जबकि लेयर मुर्गीपालन ज्यादा लागत वाला काम है।''
मुनाफा अधिक होने के कारण भारत में छोटे-बड़े स्तर पर ब्रायलर मुर्गीपालन व्यवसाय बहुत तेजी से बढ़ रहा है। ''अगर कोई किसान 500 मुर्गी से ब्रायलर मुर्गीपालन की शुरूआत करता है तो एक महीने में 10 से 12 हजार की कमाई होनी लगती है। जबकि लेयर मुर्गीपालन में साढ़े चार महीने में अंडा देना शुरू करती है और उसके बाद वो एक साल तक अंडा देती है। एक साल के बाद अंडे का उत्पादन भी कम हो जाता है।" डॉ राजू वर्मा ने गाँव कनेक्शन को बताया।
अपनी बात को जारी रखते हुए डॉ वर्मा बताते हैं, ''अगर आप ब्रायलर मुर्गीपालन की शुरू कर रहे तो काप बर्ड खरीदे और अगर लेयर मुर्गीपालन शुरू कर रहे हैं तो बीबी 300 नस्ल की मुर्गी पाले। यह मुर्गी 360 दिन में 320 अंडे देती है।'' अगर कम पैसे में अच्छा मुनाफा कमाना चाहते है तो ब्रायलर मुर्गीपालन बेहतर विकल्प है। ब्रायलर शुरू करने के बाद लेयर मुर्गीपालन की शुरू किया जा सकता है।
मुर्गी पालन करने से पहले इन बातों का रखे ध्यान
- ऐसी जगह का चुनाव करे जो आबादी से दूर हो।
- जहां पर फार्म बना रहे हैं वहां पर ट्रांसपोर्ट की सुविधा हो , जिससे फार्म पर गाड़ियां जा सके मुर्गिंयों के लिए फीड पहुंच सके और तैयार माल बाजार तक पहुंच सके।
- फार्म में स्वच्छ पानी की व्यवस्था होनी चाहिए।
- 24 घंटे फार्म में बिजली की व्यवस्था होनी चाहिए। ब्रूडिंग में बिजली का बहुत बड़ा रोल होता है क्योंकि शुरूआत में ठंड में या गर्मी में बच्चे की शुरूआत में 10 दिन ब्रूडिंग करते है तो उसमें बिजली की बहुत ज्यादा आवश्यकता होती है। क्योंकि उनको गर्मी देनी होती है अगर गर्मी नहीं देंगे तो उसके बच्चे मर जाऐंगे और मुर्गीपालक को नुकसान होगा।
- चाहे ब्रायलर करे या लेयर टीकाकरण अवश्य कराए।