सीपीएम की राह पर गुजरात बीजेपी, बनने जा रहा है नया रिकॉर्ड
Ashwani Nigam 18 Dec 2017 2:03 PM GMT

आज आ रहे गुजरात चुनाव के नतीजों को देखते हुए कहा जा सकता है कि इतिहास कायम करते हुए गुजरात भी पश्चिम बंगाल की राह पर चल पड़ा है। ऐसे समय में जब देश के विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनावों में उलटफेर होते हुए एक ही पार्टी सत्ता में लगातार नहीं रह पाती है, वहीं गुजरात में बीजेपी 22 साल के बाद फिर सत्ता में आती नजर आ रही है।
भारतीय राजनीति में इसके पहले सिर्फ पश्चिम बंगाल में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) यानि सीपीएम ने ही 34 बरसों तक लगातार चुनी गई सरकार के रूप में पश्चिम बंगाल में शासन किया है। लेकिन साल 2011 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी के हाथों बंगाल से सीपीएम की विदाई हो गई।
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बीजेपी ने कांग्रेस का गढ़ रहे गुजरात में जनता दल के साथ मिलकर 1990 में दस्तक दी और 1995 में 182 में से 121 सीटों की जीत के साथ गुजरात में सत्ता के सफर की शुरूआत की। केशुभाई पटेल गुजरात के पहले बीजेपी मुख्यमंत्री बने। 2001 में उनकी जगह बीजेपी ने नरेन्द्र मोदी को मुख्यमंत्री बनाया और गुजरात में अपनी पकड़ मजबूत करते हुए आगे बढ़ी। इसके बाद मोदी लगातार तीन विधानसभा चुनावों में बीजेपी की विजय पताका फहराते रहे।
मई 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी की जगह आनंदीबेन पटेल मुख्यमंत्री बनींऔर उनके बाद विजय रूपानी को सालभर पहले मुख्यमंत्री बनाया गया। 22 साल बाद यह पहला चुनाव था जिसमें माना जा रहा था कि सत्ता परिवर्तन हो सकता है। राहुल गांधी ने गुजरात में जोरदार प्रचार अभियान चलाया लेकिन आखिरकार जीत बीजेपी को मिली।
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