डिजिटल मार्केटिंग: मंदी के दौर में भी रोजगार के अवसर

डिजिटल मार्केटिंग में रोजगार के अवसर: ऑनलाइन शॉपिंग के अलावा अब शिक्षा से लेकर मेडिकल जैसी सुविधाओं में भी डिजिटल मार्केटिंग अपने पैर पसार चुका है। अब जब डिजिटल मार्केटिंग के उपयोग में इजाफा हो रहा है तो इसमें रोजगार के अवसर भी तेजी से विकसित हो रहे हैं।

Sachin Dhar DubeySachin Dhar Dubey   17 Sep 2019 7:15 AM GMT

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डिजिटल मार्केटिंग: मंदी के दौर में भी रोजगार के अवसर

लखनऊ। ऑनलाइन शॉपिंग के अलावा अब शिक्षा से लेकर मेडिकल जैसी सुविधाओं में भी डिजिटल मार्केटिंग अपने पैर पसार चुका है। अब जब डिजिटल मार्केटिंग के उपयोग में इजाफा हो रहा है तो इसमें रोजगार के अवसर भी तेजी से विकसित हो रहे हैं।

भारत में पिछले कुछ सालों में डिजिटल मार्केटिंग में कॅरियर बनाने की संभावनाएं काफी तेजी से बढ़ी है। वर्ष 2018 में इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएसन ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार डिजिटल मार्केटिंग इंडस्ट्री आने वाले समय में 10 से 20 लाख युवाओं को रोजगार देने का काम करेगी।

उसकी इस रिपोर्ट के अनुसार 2018 में भारत के डिजिटल एडवरटाइजिंग मार्केटिंग में 30 प्रतिशत तक इजाफा हुआ। इससे पहले 2017 में यही डिजिटल बाजार 27 प्रतिशत छलांग लगाकर 9,266 करोड़ पर पहुंच गया था।

नितनेम सिंह सोढ़ी, जो साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट हैं, साथ ही खुद की डिजिटल मार्केटिंग कंपनी साइबर शिवा कॉर्पोरेशन में सीईओ हैं, वह बताते हैं, "डिजिटल मार्केटिंग बिल्कुल ऑफलाइन मार्केटिंग की ही तरह है। यहां पर अपनी वही स्किल फील्ड की जगह सोशल साइट्स पर दिखानी होती है। फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर पर जो एडवरटाइजमेंट चलते रहते हैं वह सब डिजिटल मार्केटिंग का ही है।"

नितनेम सिंह सोढ़ी, सीईओ सायबर शिवा कारपोरेशन

नितनेम बताते हैं, "भविष्य में डिजिटल मार्केटिंग में बहुत अवसर हैं। मंदी के इस दौर में यह एक ऐसा क्षेत्र है जिस पर मंदी पड़ने की संभावानाएं सबसे कम है। मंदी के दौर में भी इसकी विकास की गति धीमी नहीं पड़ेगी।"

वह आगे बताते हैं, "अब लोगों का अखबारों से नाता बहुत कम हो गया है और टेलिविजन देखने के लिए भी उतना समय नहीं रहता है। ज्यादातर लोग अपना समय मोबाइल्स पर इंटरनेट के उपयोग में लगाने में पसंद करते हैं। इस वजह से सोशल साइट्स पर दिखने वाले विज्ञापनों से ज्यादा प्रभावित होते हैं।"

"अगर किसी प्रोडक्ट या किसी समूह को अधिक लोगों तक पहुंचाना है तो अखबारों और टीवी के बजाय कम पैसे में ऑनलाइन डिजिटल मार्केटिंग का उपयोग कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सकता है," नितनेम आगे कहते हैं।

भारत में ई-कॉमर्स वेबसाइट्स के अनुमानों के मुताबिक भारतीय भाषाओं में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 2020 तक बढ़कर 500 मिलियन हो जाएगी। इसके अलावा इस समय तक डिजिटल मीडिया पर विज्ञापनों का शेयर 25,200 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है।

सिस्को विजुअल नेटवर्किंग इंडेक्स(VNI) की रिपोर्ट के अनुसार भारत में लोग अब खुद जाकर सामान खरीदने के बजाय इंटरनेट से खरीदने में ज्यादा उत्सुकता दिखा रहे हैं। यही वजह है भारत में 90 प्रतिशत कंपनियां अपने कुल आय का 15 प्रतिशत डिजिटल मार्केटिंग पर खर्च कर रही हैं। इस तरह के आंकड़ें ही बताते हैं कि जैसे-जैसे इंटरनेट पर लोगों की निर्भरता बढ़ रही है उतनी ही तेजी से डिजिटल मार्केटिंग में रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं।

डिजिटल मार्केटिंग में कॅरियर और अवसर

डिजिटल मार्केटिंग में बढ़ते अवसर को देखते हुए कई संस्थान डिजिटल मार्केटिंग के पाठ्यक्रम उपलब्ध करा रहे हैं। युनिवर्सिटीज से डिजिटल मार्केटिंग में एमबीए भी किया जा सकता है। इसके अलावा ऑनलाइन कोर्सेज भी उपलब्ध हैं। यूट्यूब और विभिन्न सोशल मीडिया पर भी कई सारे ऑनलाइन विडियो कोर्सेज हैं जिससे डिजिटल मार्केटिंग सीखा जा सकता है

नितनेम बताते हैं, "डिजिटल मार्केटिंग सीखने के लिए वैसे किसी योग्यता की जरूरत नहीं होती है। न ही कोई स्पेशल कोर्स करने की इतनी आवश्यकता है, फिर भी अगर कोई डिजिटल मार्केटिंग का कोर्स करना चाहता है तो कई सारे इंस्टीट्यूट डिजिटल मार्केटिंग में शॉर्ट टर्म कोर्स कराते हैं। इनमें एचटीएमएल, टैग, मेटा टैग, ब्लाग, की वर्ड रिसर्च, साइट एनालिसिस, सोशल बुकमार्किंग, गूगल एडवर्ड, यू ट्यूब मार्केटिंग के तरीके सिखाते हैं।"

वह बताते हैं, "इसके लिए किसी भी स्ट्रीम से 12 वीं तक की शिक्षा जरूरी है। वहीं एमबीए इन डिजिटल मार्केटिंग करने के लिए आपको किसी भी स्ट्रीम से स्नातक होना जरूरी है।"

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डिजिटल मार्केटिंग सीखने के बाद आप बैंकिंग, टूरिज्म, हॉस्पिटैलिटी, आईटी, मीडिया, कंसल्टेंसी, मार्केट रिसर्च, पीएसयू, पीआर एडं एडवरटाइजिंग, मल्टी नेशनल कंपनियों और रिटेल सेक्टर्स में काफी बढ़िया सैलरी पैकेज में जॉब कर सकते हैं।

शॉपिंग से होते हुए डिजिटल मार्केटिंग अब शिक्षा के क्षेत्र में भी अपने पैर पसार चुका है। ई लर्निंग वेबसाइट्स "लेक्चर देखो डॉट कॉम" चलाने वाले अनुराग तिवारी कहते हैं कि डिजिटल मार्केटिंग ऑनलाइन स्टार्टअप के लिए वरदान है। पहले के जमाने में लोग अपने प्रोडक्ट को एक सीमित लोगों तक ही पहुंचा पाते थे। लेकिन इंटरनेट के जमाने में डिजिटल मार्केटिंग के सहयोग से आप काफी जल्दी से अपने ब्रांड को ज्यादा लोगों तक पहुंचा सकते हैं। वह आगे बताते हैं कि आज के जमाने में सभी कंपनियों को डिजिटल सहभागिता की जरूरत है। अगर वह अपने आप को डिजिटली अपडेट नहीं करेंगे तो इंटरनेट के जमाने में अन्य कंपनियों से मुकाबला नहीं कर पाएंगे।

Anurag Tiwari, CEO lecturedekho.com

वह आगे बताते हैं कि ऐसे में उन कंपनियों को आने वाले समय में 7से 10 लाख डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल की भारतीय डिजिटल मार्केट में जरूरत है। आने वाले तीन चार सालों में न केवल कंपनियों बल्कि राजनैतिक तौर पर भी डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल की जरूरत है । ज्यादातर राजनेता अब अपनी छवि सुधारने और उसकी मार्केटिंग करने के लिए डिजिटल प्रोफेशनल्स को नौकरी पर रखने लगे हैं। अनुराग अपनी इ लर्निंग वेबसाइट का ही हवाला देते हुए बताते हैं कि उनको अपनी वेबसाइट्स के स्टडी मैटेरियल को लोगों तक पहुंचाने के लिए इन डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल्स की जरूरत रहती है। यह प्रोफेशनल मेरी वेबसाइट्स के स्टडी मैटेरियल की कई सारे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर मार्केटिंग करते हैं और लोगों तक पहुंचाते हैं।

भारत में डिजिटल मार्केंटिंग में फ्रेशर लेवल पर सैलरी 18 से 25 हजार होती है, अनुभव के हिसाब से यह आने वाले समय में धीरे-धीरे बढ़ता जाता है। इसके अलावा डिजिटल मार्केटिंग में प्रोफेसनल और फ्रीलांसर दोनों आधार पर रोजगार के पर्याप्त अवसर हैं।

डिजिटल मार्केटिंग के काम

डिजिटल मार्केटिंग में सारे काम ई-कॉमर्स वेबसाइट्स और सोशल साइट्स पर निर्भर है। इस क्षेत्र में विभिन्न स्तरों पर आने वाले समय में काफी रोजगार मौजूद है। डिजिटल मार्केटिंग के कई महत्वपूर्ण काम हैं, जिसके बिना डिजिटल मार्केटिंग की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। इनमें मुख्य रूप से ये हैं...

वेब डेवलपर और वेब डिजायनर : इंटरनेट की दुनिया में हम जिन सुंदर पेजेस को ब्राउज करते हैं उसको डिजायन करने की जिम्मेदारी इन्हीं पर होती है। इसमें अपना कॅरियर बनाने वालों के लिए जावा स्क्रिप्ट, एचटीएमएल, एचटीएमएल, सीएसएस, पीएचपी, डॉट नेट की जानकारी जरूर होनी चाहिए।

एसईओ एक्सपर्ट : इनकी जिम्मेदारी होती है कि यह वेबसाइट्स और सोशल साइट्स पर अपने मौजूद पेजेस पर ट्रैफिक लाए। इसके साथ ही अपने वेबसाइट्स गूगल सर्च रैंकिग को बेहतर करने की भी जिम्मेदारी होती है

सोशल मीडिया एग्जीक्यूटिव : यह लोग विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर पर अपने वेबसाइट्स को हैंडल करने का काम करते हैं। यह सोशल मीडिया ट्रेंड पर बेहद करीब से नजर रखते हैं और उसके हिसाब से अपनी पॉलिसी तय करते हैं।

कंटेट मार्केटर : एक कंटेंट मार्कर अपने ब्रांड के अनुसार अनुकूलित और ट्रेंडिंग कंटेंट बनाने का काम करता है। इसके अलावा एसईओ टीम और कीवर्ड रिसर्च टीम के साथ समन्वय बनाकर अपना कंटेट बनाने की जिम्मेदोरी होती है। इस काम को करने वाले व्यक्ति की भाषा पर अच्छी पकड़ होना बेहद जरूरी है और उसके अंदर रचनात्मकता हो।

डिजिटल मार्केटिंग मैनेजर : इस पद पर काम करने वाला व्यक्ति पूरे डिजिटल मार्केटिंग की प्रकिया को देखता है, रणनीतियों को तैयार करता है। इस पद पर काम करने के लिए डिजिटल मार्केटिंग का ठीक ठाक अनुभव होना जरूरी है।

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इन सबके अलावा डिजिटल मार्केटिंग में और भी महत्वपूर्ण पद हैं, जिनके माध्यम से मार्केटिंग को एक अलग स्तर पर पहुंचाया जा सकता है। जिनकी औसतन सैलरी सालाना 2 से तीन लाख रूपये के बीच होती है।

सीआरएम मैनेजर- सीआरएम मैनेजर के पद पर काम करने वाले प्रोफेशनल कस्टमर से ऑनलाइन संपर्क बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है। इनके ऊपर एक बार कस्टमर से संबंध स्थापित होने के बाद लंबे समय तक कस्टमर को साथ जोडे़ रखने की जिम्मेदारी होती है।

ईमेल मार्केटिंग मैनेजर- ईमेल मार्केटिंग मैनेजर ईमेल के माध्यम से मार्केटिंग के लक्ष्यों को पूरा करता है। वह अपनी वेबसाइट्स के संपर्क में आए मेल आईडी पर समय समय पर विभिन्न आफर्स को मेल करता रहता है। जिससे ग्राहक की उनके प्रोडक्ट में रूचि जगी रहे।

एनालिटिक मैनेजर- इस पद पर काम करने वाले समय-समय पर यह रिसर्च करते रहते हैं कि अभी ग्राहकों का झुकाव किस ओर जा रहा है। उस आधार पर वह अपनी पॉलिसी बनाते हैं और ग्राहकों को ऑफर देने का काम करते हैं जिससे उनके वेबसाइट्स का की पहुंच लोगों तक बराबर बनी रहे।

एफिलिएट मार्केटर- एफिलिएट मार्केटर एक अलग तरह के डिजिटल प्रोफेशनल होते हैं। यह दूसरी कंपनियों को प्रमोट करने के लिए उनसे पैसे लेते है और उनको स्पेश प्रोवाइड करते हैं। अक्सर बड़े सेलिब्रिटी जिनकी पहुंच ज्यादा होती है वह अपनी सोशल आईडी पर कंपनियों को स्पेस प्रोवाइड करते हैं।

नौकरियों में कमी और मंदी के इस दौर में डिजिटल मार्केटिंग की क्षमताओं को देखते हुए भारत सरकार भी डिजिटल इंडिया और इंडियन स्टार्टअप पर काम कर रही है और उसे बढ़ावा भी दे रही है। इसका मुख्य उद्देश्य ही यही है कि जब नौकरियों का संकट है तो उस समय में युवाओं के लिए इस क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर बनाए जा सके।

   

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