लॉकडाउन के दौरान भी ई-कॉमर्स कम्पनियों में हो रही भर्तियां, बिग बास्केट और ग्रॉफर्स में 12 हजार से अधिक लोगों की भर्ती

लॉकडाउन के इस समय में जब निजी कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों को छंटनी या वेतन में कटौती का भय दिख रहा है, ग्रॉफर्स और बिग बास्केट का यह कदम निश्चित रूप से थोड़ा सा राहत भरा है। दूसरे ई-कॉमर्स कंपनियो ने भी कर्मचारियों को नौकरी ना जाने का भरोसा दिया है।

Daya SagarDaya Sagar   7 April 2020 11:14 AM GMT

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लॉकडाउन के दौरान भी ई-कॉमर्स कम्पनियों में हो रही भर्तियां, बिग बास्केट और ग्रॉफर्स में 12 हजार से अधिक लोगों की भर्ती

बिहार के अनीश कुमार दिल्ली में एक निजी कंपनी में कर्मचारी हैं। वह घरेलू उपभोग का सामान बेचने और घर तक डिलिवर करने वाली ई-कॉमर्स कंपनी ग्रॉफर्स और बिग बास्केट के नियमित उपभोक्ता रहे हैं। करीब एक महीने पहले उन्होंने ग्रॉफर्स पर अपने घर के लिए कुछ जरूरी सामान ऑर्डर किए थे, जो कि लॉकडाउन के कारण अभी तक डिलिवर नहीं हो पाए हैं।

अनीश कुमार ने कुछ दिन पहले इसको लेकर ट्विटर पर ग्रॉफर्स से शिकायत की तो ग्रॉफर्स ने लॉकडाउन की वजह से अत्यधिक मांग और कर्मचारियों की कमी को इसका प्रमुख कारण बताया। अनीश की तरह ही ऐसी कई शिकायतें सोशल मीडिया खासकर ट्वीटर पर तैर रही हैं, जिसमें उन्होंने ग्रॉफर्स और बिग-बास्केट पर समय से जरूरतों को ना पूरा करने की बात कही है।

इन दोनों ई-कॉमर्स कंपनियों ने इस आपात समय में चीजों को सही ढंग से काम ना करने की बात को स्वीकार किया है, हालांकि दोनों कंपनियों ने भरोसा दिलाया है कि जल्द ही इस कमी को पूरा किया जाएगा ताकि लॉकडाउन के इस समय में भी उनके उपभोक्ताओं को घरेलू जरूरत की चीजों की कोई दिक्कत ना हो। इसलिए दोनों कंपनियों ने लगभग 12 हजार डिलीवरी ब्वॉयज की वैकेंसी का विज्ञापन जारी किया है।

लॉकडाउन के इस समय में जब निजी कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों को छंटनी या वेतन में कटौती का भय दिख रहा है, ग्रॉफर्स और बिग बास्केट का यह कदम निश्चित रूप से थोड़ा सा राहत भरा है। यह उन युवाओं के लिए भी राहत की खबर है, जो शहरों में रहकर रोजगार के अवसर ढ़ूंढ रहे हैं।

ग्रॉफर्स के एक प्रतिनिधि ने हमें बताया, "लॉकडाउन के बाद अचानक से मांग में तेजी आई। हम इसके लिए तैयार थे। लेकिन जो ऑर्डर आएं, वे उम्मीद से भी काफी ज्यादा थे। इसलिए हमने कर्मचारियों और डिलीवरी ब्वॉयज की भर्ती का फैसला लिया है। यह प्रक्रिया शुरू भी हो चुकी है और लगभग 2000 कर्मचारियों की भर्ती का काम पूरा हो चुका है। उन्हें अभी ट्रेन किया जा रहा है। इसके अलावा हम अलग-अलग डिलीवरी करने वाली कंपनियों से भी पार्टनरशिप कर रहे हैं, ताकी इस आपात स्थिति से जल्द से जल्द निपटा जा सके।"

ग्रॉफर्स की तरह बिग बास्केट भी लगभग 10 हजार कर्मचारियों की भर्ती का विज्ञापन दे चुका है। बिगबास्केट की ह्यूमन रिसोर्स विभाग की वाइस प्रेसिडेंट तनुजा तिवारी ने बताया, "हम डिलीवरी सेवाओं के लिए 10000 लोगों की भर्ती करने के बारे में सोच रहे हैं। अभी हम वेयरहाउस और डिलीवरी से जुड़े कामों के लिए 40 फीसदी कर्मचारियों की कमी का सामना कर रहे हैं।"

बिग बास्केट अभी कोई नए ऑर्डर नहीं ले रहा है। वह अभी पुराने ऑर्डर्स को ही पूरा करने की कोशिश कर रहा है। बिग बास्केट के सह संस्थापक और सीईओ हरि मेनन ने किसी को भी पैनिक बाइंग ना करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा, "हमारे पास पर्याप्त सामान उपलब्ध हैं। इसे सही समय पर लोगों तक पहुंचाया जा सके इसके लिए 'कम्यूनिटी बाइंग' के विकल्पों पर भी ध्यान दिया जा रहा है, जिसमें एक कॉम्पलेक्स या कॉलोनी के लोग अपने सभी जरूरतों को एक ही ऑर्डर में दें।"

ग्रॉफर्स ने भी अपने उपभोक्ताओं को सलाह दी है कि वह कुछ भी ऑर्डर करने से पहले अपने आस-पड़ोस में रहने वाले लोगों से भी पूछ लें और उन्हें एक साथ ऑर्डर करें, ताकि एक ही ऑर्डर में लोगों की जरूरतों को पूरा किया जा सके।

बिग बास्केट के सीईओ हरि मेनन ने कहा, "हमें जो ऑर्डर मिल रहे हैं वह पहले कि तुलना में ढाई गुना अधिक है। वर्तमान समय में हमारे पास एक लाख से अधिक ऑर्डर पेंडिंग हैं इसलिए हमें डिलिवरी ब्वायज और डिलिवरी पार्टनर्स की जरूरत है।"

उन्होंने आगे कहा, "हम तय योजना के मुकाबले सिर्फ 60 फीसदी सेवाएं ही दे पा रहे हैं। हम 25 मार्च को अपनी क्षमता के मुकाबले सिर्फ 10 फीसदी सेवाएं ही दे पा रहे थे। लेकिन लॉकडाउन के कुछ दिन बाद से हमें प्रशासन से कुछ सहूलियतें मिलनी शुरू हुई और हमने डिलिवरी ब्वॉयज को भर्ती और ट्रेन किया। अब हम छह अप्रैल के दिन अपनी 60 फीसदी सेवाएं दे पा रहे हैं। जल्द ही भर्ती और ट्रेनिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद हम अपनी 100 फीसदी सेवाएं देने लगेंगे।"

मेनन ने बताया कि कोच्चि और इंदौर को छोड़कर लगभग सभी शहरों में बिग-बास्केट अपनी सेवाएं दे रही है। गौरतलब है कि बिग बास्केट देश के 26 प्रमुख शहरों में काम करती है। वहीं ग्रॉफर्स देश के लगभग 27 शहरों में अपनी सेवाएं देती है।

ई-कॉमर्स कंपनियां आ रहीं एक साथ

डिलीवरी की दिक्कतों को देखते हुए बिग-बास्केट ने उबर के साथ भी टाई-अप किया है। ऐप आधारित टैक्सी सेवा देने वाली कंपनी उबर उपभोक्ताओं को घर पर उनकी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करेगी। इससे उबर के उन चालकों को फायदा होगा, जो लॉकडाउन के कारण एक झटके में ही बेरोजगार हो गए थे।

उबर भारत और दक्षिण एशिया के निदेशक प्रभजीत सिंह ने कहा, "इस सेवा से लोगों को फायदा तो होगा ही, उन्हें सही समय पर आवश्यक सामान मिलेगा। वहीं हमारे चालकों को भी इससे आमदनी होगी। चूंकि लॉकडाउन के दौरान कैब सेवाओं के परिचालन की अनुमति नहीं है ऐसे में हमसे जुड़े चालकों के पास आमदनी का कोई जरिया नहीं बचा था।" हालांकि उबर और बिग बास्केट का यह टाईअप सिर्फ बेंगलुरु, हैदराबाद, चंडीगढ़ और नोएडा जैसे शहरों में है।

इसके अलावा उबर ने अपने ड्राइवरों के आर्थिक नुकसान को कम से कम करने के लिए ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट और स्पेंसर से भी करार किया है। अब उबर के ड्राइवर अपने कैब और बाइक के जरिये आपकी जरूरी उपयोग की चीजें आप तक पहुंचाएंगे। यह सुविधा भी सिर्फ तीन प्रमुख शहरों दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरू में लागू होगी।

ठीक इसी तरह बाइक सेवा देने वाली ऐप कंपनी रैपिडो ने भी बिग बॉस्केट, बिग बाजार और स्पेंसर जैसी ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट के साथ करार किया है। देश के 95 शहरों में अपनी सेवाएं देने वाले रैपिडो बाइकर अब आप की जरूरत की चीजें आपके घर तक उपलब्ध कराएंगे। रैपिडो के प्रतिनिधि ने अपने मेल में हमें बताया कि यह सुविधा देश के 90 शहरों में उपलब्ध होगी। उन्होंने यह भी बताया कि रैपिडो जल्द ही ग्रोफर्स और बिग-बास्केट से भी डील करने जा रही है।

दरअसल लॉकडाउन के इस मुश्किल समय में अधिकतर ई-कॉमर्स कंपनियां एक साथ खड़ी आती दिख रही हैं। अमेजन, बिग बास्केट, ग्रॉफर्स और ऑनलाइन दवाओं की डिलिवरी करने वाली कंपनी मेडलाइफ ने एक वीडियो जारी कर यह दिखाने की कोशिश की है कि सभी ई-कॉमर्स कंपनियां इस मुश्किल समय में एक साथ मिलकर लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए तत्पर हैं। उन्होंने अपनी इस मुहिम को 'हम सब एक साथ' (#HumSabEkSaath) का नाम दिया है।

अन्य ई-कॉमर्स कंपनियों ने भी दिया नौकरी ना जाने का भरोसा

वहीं अमेरिकी ऑनलाइन कंपनी वॉलमार्ट ने घोषणा की है कि लॉकडाउन के समय में वह अपने कर्मचारियों का वेतन नहीं काटेगी। इसके अलावा वॉलमार्ट उन लोगों को नौकरी भी देगी, जिनको उन्होंने इस वायरस के फैलने से पहले नौकरी की पेशकश की थी।

फ्लिपकार्ट ने भी टाउन हॉल का आयोजन कर अपने लगभग 6,000 नियमित कर्मचारियों को भरोसा दिलाया है कि उनकी नौकरियां सुरक्षित हैं। फ्लिपकार्ट कंपनी के सीईओ कल्याण कृष्णमूर्ति ने ऑनलाइन एक टाउन हॉल का आयोजन किया, जिसमें उन्होंने अपने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि कंपनी की वित्तीय स्थिति काफी सुरक्षित है। इसलिए उन्हें नौकरी जाने की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।

यह भरोसा सिर्फ कंपनी के नियमित कर्मचारियों को दिया गया। उन कर्मचारियों का भविष्य अभी भी अधर में है, जो कॉन्ट्रैक्ट या डेली बेसिस पर इन कंपनियों के लिए काम करते हैं।

फ्लिपकार्ट और अमेजन पर सिर्फ जरूरी सामान उपलब्ध

लॉकडाउन की स्थिति को देखते हुए फ्लिपकार्ट और अमेजन ने सिर्फ जरूरी सामानों (Essential Services and Products) को बेचने का निर्णय लिया है। इसलिए इन कंपनियों की साईट पर स्मार्टफोन सहित तमाम इलक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स कम या नहीं उपलब्ध दिखाई दे रहे हैं, जिसकी बिक्री इन साइट्स पर सबसे अधिक होती थी। कपड़ों की बिक्री करने वाली फ्लिपकार्ट की सहयोगी कंपनी मिंत्रा ने भी अपनी सेवाएं लॉकडाउन के दौरान बंद की हैं।

अमेजन और फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध जरूरी सामानों में में घरेलू उपभोग की चीजें, स्वास्थ्य और स्वच्छता उत्पाद, सैनिटाइजर और चिकित्सा उत्पाद प्रमुख हैं। इसी तरह पिज्जा कंपनी डोमिनोज ने भी आईटीसी के साथ करार कर बेंगलुरू में आटा और मसाले जैसी जरूरी चीजों की डिलीवरी करना शुरू किया है।

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