औली: शाही शादी मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एफ आर आई सहित तीन संस्थाओं को बनाया पक्षकार

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औली: शाही शादी मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एफ आर आई सहित तीन संस्थाओं को बनाया पक्षकार

लखनऊ। उत्तराखंड के औली मै हुई शाही शादी से औली को हुए पर्यावरणीय नुकसान के आकलन के लिए उत्तराखंड हाईकोर्ट ने फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, देहरादून (एफ आर आई), वाडिया इंस्टीट्यूट और जियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया को पक्षकार बनाया है। हाईकोर्ट ने इन तीनों संस्थाओं से दो हफ्ते में रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं, जिसमें बताया जाएगा कि शाही शादी से औली के पर्यावरण को कितना नुकसान हुआ।

इससे पहले नैनीताल हाईकोर्ट इस संबंध में चमोली डीएम के दिए गए रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हुआ और इन तीनों संस्थाओं को पक्षकार बनाया। 19 जून से 22 जून तक हुए एनआरआई गुप्ता परिवार के इस बहुचर्चित विवाह समारोह में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, योग गुरू बाबा रामदेव, स्वामी चिदानन्द सरस्वती और बालीवुड जगत के कई सितारों ने शिरकत की थी।

इस हाई प्रोफाइल शादी समारोह से सैकड़ों क्विंटल गंदगी और कूड़ा-करकट पैदा हुआ था, जिसे एक हफ्ते की सफाई के बाद भी ठीक तरह से हटाया नहीं जा सका था। इस शादी समारोह के कारण औली में हुए पर्यावरणीय नुकसान का जायजा लेने के लिए उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चमोली के डीएम को आठ जुलाई तक रिपोर्ट जमा करने के नि‍र्देश दिए थे।

आपको बता दें कि प्रदेश सरकार ने औली को अंतरराष्ट्रीय स्कीईंग स्लोप के रूप में विकसित करने के लिए प्रदेश सरकार ने करोड़ो रूपए खर्च किए थे, जिसको भी इस शादी समारोह से नुकसान पहुंचा था। इस शादी समारोह के कारण औली मे एक माह तक लगातार गाड़ियों, ट्रकों और जेसीबी का आवागमन बना रहा। इसके अलावा हेलीकॉप्टरों के रूकने से भी इस स्कीईंग स्लोप को नुकसान पहुंचा था।

राज्य के पर्यावरण प्रेमियों को उम्मीद है कि हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद शादी से हुए प्रकृति और वन्य जीव-जंतुओं को नुकसान का सही मूल्यांकन किया जाएगा और उचित क्षतिपूर्ति की जाएगी।

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