झारखंडः किसानों ने कहा- अब हमें खेती की लागत के लिए नहीं लेना पड़ेगा लोन

Neetu Singh | Aug 10, 2019, 14:04 IST
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झारखंड में रहने वाले सीमांत किसान जो पानी की कमी और पैसे के आभाव में खेती से ज्यादा मुनाफा नहीं ले पाते थे, उन किसानों के लिए'मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना'फायदेमंद साबित हो सकती है।

रांची जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर ओरमांझी ब्लॉक के सदमा गांव के रहने वाले किसान गंसू महतो (41 वर्ष) ने गाँव कनेक्शन को बताया, "हमारे यहाँ खेती करने वाले किसानों को सबसे बड़ी समस्या खेती में आने वाली लागत थी। उनके पास इतने पैसे नहीं होते थे कि वो समय से खाद बीज मंगाकर रोपाई कर सकें। अगर धान की खेती के लिए पर्याप्त पानी नहीं बरसा तो पैदावार न के बराबर होती थी।"

उन्होंने आगे कहा, "सरकार के इस स्कीम से किसानों को बहुत राहत मिलेगी। वो अब समय से खाद बीज मंगा सकेंगे। जरूरत पड़ने पर इसी पैसे का प्रयोग कर खेत में पानी भी लगवा सकेंगे।"

गंसू महतो की गिनती अपने क्षेत्र के सफल किसानों में से होती है। वह 10,000 से ज्यादा किसानों को खेती करने के लिए प्रशिक्षित कर चुके हैं। एक समय गंसू भी 50 रुपए की दिहाड़ी मजदूरी करते थे लेकिन अब खेती से अच्छा लाभ ले रहे हैं।

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रांची के हरमू मैदान में 10 अगस्त 2019 को उपराष्ट्रापति वेंकैया नायडू ने 'मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना' योजना की शुरुआत की। मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तहत लघु और सीमान्त किसान जिनके पास एक एकड़ तक जमीन है उन्हें प्रतिवर्ष 5 हजार रुपये और जिन किसानों के पास 5 एकड़ तक जमीन है उन्हें 25 हजार रुपए दिए जाएंगे। योजना की पहली क़िस्त 13 लाख 60 हजार किसानों को 442 करोड़ डीबीटी (डायरेक्ट धनराशि ट्रान्सफर) के माध्यम से भेजी जा चुकी है। राज्य में 35 लाख किसानों को दिसंबर तक लाभ मिलेगा।

रांची जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर सिल्ली प्रखंड की रहने वाली महिला किसान लक्ष्मी देवी ने इस योजना की तारीफ़ करते हुए कहा, "पानी का साधन न होने की वजह से उनकी जमीन खाली पड़ी रहती थी। अब अगर उन्हें ये पैसा मिल जायेगा तो वो सिंचाई कर सकती हैं। लागत के लिए किसानों को अब किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा।"

लक्ष्मी देवी आगे बताती हैं, "जब हम ये फार्म भर रहे थे तब हमें ये भी बताया गया था कि एक एकड़ के लिए मुख्यमंत्री सालाना 5,000 रुपए और प्रधानमंत्री तीन किस्तों में 2,000-2,000 रुपए देंगे। इस हिसाब से एक एकड़ जमीन पर एक किसान को 11,000 प्रतिवर्ष मिलेंगे।"

लक्ष्मी जिस 6000 रुपए की बात प्रधानमंत्री के द्वारा दिए जाने की बात कर रही थी वो योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि थी। जो देशभर में 1 दिसम्बर 2018 को लागू हो चुकी है। योजना के तहत किसानों के खाते में प्रति एकड़ के हिसाब से सालाना 6000 की राशि जायेगी।

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झारखंड के किसानों को अब प्रति एकड़ 11,000 रुपए मिलेंगे जिसमें 6000 प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से और पांच हजार मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना से मिलेंगे। इस योजना से राज्य के 22.76 लाख लघु एवं सीमांत किसानों को फायदा होगा। इस योजना पर राज्य सरकार लगभग 2250 करोड़ रुपये की राशि खर्च करेगी।

रांची जिला कृषि पदाधिकारी अशोक कुमार सिन्हा ने गाँव कनेक्शन को बताया, "किसानों के लिए यह एक महत्वपूर्ण योजना है। अगर हम उस सीमांत किसान की बात करें जिसके पास एक हेक्टेयर ही जमीन है उसे भी सालाना 12,000 मिलेगा जिससे वो खेती की मूलभूत जरूरत खाद और बीज समय से खरीद सकता है।"

उन्होंने झारखंड के किसानों की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा, "यहाँ के ज्यादातर किसान छोटी जोत के हैं जिनके पास पैसे की बहुत किल्लत रहती है। खेती में लगने वाली पांच दस हजार की लागत के लिए या तो वो बैंक के चक्कर लगाते या फिर महाजन के। जब पैसा वापस करते तब उन्हें इसके बदले कई गुना ब्याज देना पड़ता। इस योजना के बाद किसान को बैंक और महाजनों के चक्कर से छुटकारा मिलेगा और समय से खेत की बुवाई कर सकेंगे।"

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि अन्नदाताओं को कृषि की उन्नत तकनीक सीखने के लिए इजरायल भेजा जाता है। इस कड़ी में अगले एक महीने में 100 किसानों को इजरायल भेजा जाएगा जिसमें 50 फीसदी महिला किसान होंगी।

कृषि विज्ञान केंद्र गुमला के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ संजय कुमार ने बताया, "यह योजना किसानों के लिए मील का पत्थर साबित होगी। मजदूरी पर निर्भर रहने वाले किसान अब खेती कर सकेंगे। अब लागत के पैसों के लिए उन्हें सोचना नहीं पड़ेगा।"

कैसे ले सकते हैं इस योजना का लाभ

जिन किसानों के पास पांच एकड़ से ज्यादा जमीन है उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। जो लोग सरकारी नौकरी, जिन्हें 10,000 रुपए पेंशन मिल रही हो, संवैधानिक पद पर कार्यरत, इनकम टैक्स भरते हैं इन सभी को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

जिन किसानों ने मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना का फार्म नहीं भरा है वे अंचल कार्यालय या ब्लॉक स्तर पर बने सिंगल विंडो सेंटर से इसका फार्म लेकर भर सकते हैं। इसके लिए कोई पैसा खर्च नहीं करना होगा।

अगर जमीन आपके नाम है तो प्रपत्र ए नाम का फार्म भरना होगा। जमीन अगर आपके पिता के नाम है तो प्रपत्र ए भरने के बाद प्रपत्र बी भी भरना होगा जिसमें ये दर्शाएं कि जमीन पिता के नाम है और आपके हिस्से में कितनी पड़ रही है। विभाग दोनों प्रपत्रों का मिलान करके जांच करेगा इसके बाद आपको योजना का लाभ मिल सकेगा।

इन दो फार्म के आलावा एक फार्म और भरना पड़ेगा जिसमें किसान ये अनुमति देगा कि हमारे आधार नम्बर का इस योजना के लिए उपयोग किया जा सकता है।


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