किसानों के समर्थन में आई मुंबई की सिविल सोसाइटी

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने कहा- किसान अकेले नहीं है बल्कि देश की सिविल सोसाइटी भी उनके साथ है।

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- विशाल पालीवाल

किसान अलायंस मोर्चा के बैनर तले मुम्बई के कई सामाजिक संगठनों और आम मुंबईकरों ने कृषि क़ानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में एक रैली निकाली और जनसभा की। समाजसेवी मेधा पाटेकर, बॉम्बे हाइकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस पाटिल और अन्य कई समाजसेवियों की अगुवाई में ये रैली इस्लाम जिमखाना, मरीन लाइंस से शुरू होकर आज़ाद पार्क में पहुँची।

रैली में बड़ी संख्या में बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएँ और युवा शामिल थे। इस रैली में किसानों के समर्थन और सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ नारे भी लगाए गए। रैली में सबसे आगे युवा हाथें में हल और गन्ने लेकर किसानों को प्रतीकात्मक रूप से दर्शाते हुए चल रहे थे।

रैली को संबोधित करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश कोलसे पाटिल ने कहा कि ये कृषि बिल एक साज़िश का हिस्सा है ताकि देश के किसानों को अडानी और अंबानी के हवाले किया जा सके। अडानी को अनाज भंडारण के लिए वेयर हाउस बनाने की भी अनुमति दे दी गयी है।

मानवाधिकार और सामाजिक मुद्दों पर काम करने वाली तीस्ता सीतलवाड़ ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि यह देश के किसानों के खिलाफ एक साजिश है और आखिरी वक्त तक इसके खिलाफ खड़े रहना है।





रैली को संबोधित करते हुए अभिनेता सुशांत सिंह ने कहा कि देश के किसान सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, शाहजहाँपुर और जहाँ-जहाँ धरने पर बैठे हैं, वहाँ पर वो अकेले नहीं है बल्कि देश की सिविल सोसाइटी भी उनके साथ है।

रैली को संबोधित करते हुए प्रख्यात समाजसेविका मेधा पाटेकर ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी जी नवाज़ शरीफ के पास नजराना लेकर जाते हैं पाकिस्तान, हमारे पंजाब-हरियाणा के किसान खालिस्तानी-पाकिस्तानी नहीं, हिंदुस्तानी हैं। अडानी-अंबानी और सरकार के संबंधों को लेकर भी उन्होंने सरकार को खरी-खोटी सुनाई।

इस रैली की समाप्ति राष्ट्रगान के साथ की गई।

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