अयोध्या फैसले पर पीएम मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन, कहा- नए भारत के लिए नया दिन

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo

अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन दिया। देश के न्यायपालिका के लिए ऐतिहासिक दिन बताते हुए उन्होंने कहा, "यह फैसला न्यायपालिका की दृढ़ इच्छाशक्ति को दर्शाता है। पूरे देश की इच्छा थी कि इस मामले की हर रोज सुनवाई हो और जल्द फैसला आए। इस विषय पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सबको सुना, बहुत धैर्य से सुना और सर्वसम्मति से फैसला दिया।"

पीएम ने देश की जनता को भी बधाई देते हुए कहा, ''जिस तरह से हर वर्ग, समुदाय और पंथ के लोगों ने इस फैसले को स्वीकार किया, वह स्वागत योग्य है। यह भारत की पुरातन संस्कृति, परंपराओं और सद्भाव की भावना को दिखाता है। पूरी दुनिया ये तो मानती है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश है, लेकिन आज दुनिया ने ये जान भी लिया कि भारत का लोकतंत्र कितना जीवंत और मजबूत है।''

उन्होंने आगे कहा, "देश के न्यायधीश, न्यायालय और हमारी न्यायिक प्रणाली अभिनंदन के अधिकारी हैं। अयोध्या पर फैसले के साथ ही 9 नवंबर की यह तारीख हमें साथ रहकर आगे बढ़ने की सीख देती है। आज के दिन का संदेश जुड़ने का है, जोड़ने का है और मिलकर जीने का है। अगर किसी के मन में कोई भी कटुता रही हो तो उसे भी तिलांजलि देने का यह दिन है।''

पीएम मोदी ने कहा, ''नए भारत में भय, कटुता, नकारात्मकता का कोई स्थान नहीं है। अब समाज के नाते, हर भारतीय को अपने कर्तव्य, अपने दायित्व को प्राथमिकता देते हुए काम करना है। हमारे बीच का सौहार्द, हमारी एकता, हमारी शांति, देश के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।''

फैसले को नए भारत के लिए नया सवेरा बताते हुए उन्होंने कहा, "इस विवाद का भले ही कई पीढ़ियों पर असर पड़ा हो, लेकिन इस फैसले के बाद हमें ये संकल्प करना होगा कि अब नई पीढ़ी, नए सिरे से न्यू इंडिया के निर्माण में जुटेगी।"

इससे पहले फैसला आने के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया था कि फैसले को किसी एक वर्ग के हार और एक वर्ग के जीत के रुप में नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने लिखा, "देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या पर अपना फैसला सुना दिया है। इस फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। रामभक्ति हो या रहीमभक्ति, ये समय हम सभी के लिए भारतभक्ति की भावना को सशक्त करने का है। देशवासियों से मेरी अपील है कि शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें।''


यह भी पढ़ें- 'मंदिर-मस्जिद के नाम पर राजनीति करने वालों की दुकान अब बंद हो जाएगी'

   

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.