पतंजलि ने लॉन्च की कोरोना की आयुर्वेदिक दवा, आयुष मंत्रालय ने बिक्री और प्रचार पर लगाया प्रतिबंध

इस आयुर्वेदिक दवाई का नाम कोरोनिल है, जिसका लगभग 100 लोगों पर सफल ट्रायल हो चुका है। यह दवा अगले एक हफ्ते में निकटतम पतंजलि स्टोर्स पर उपलब्ध होगी। हालांकि सरकार ने इस दवा से संबंधित सभी जानकारी मांगते हुए इसके प्रचार और बिक्री पर फिलहाल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है।

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योगगुरू बाबा रामदेव ने दावा किया है कि उनकी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए आयुर्वेदिक दवा बना ली है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि इस दवा से लोग एक सप्ताह के भीतर कोरोना वायरस संक्रमण से निजात पा सकते हैं। उन्होंने बताया कि यह आयुर्वेदिक दवा एक सप्ताह के भीतर देश भर के पतंजलि स्टोर्स पर बिक्री के लिए उपलब्ध होगी। हालांकि अभी तक आईसीएमआर की तरफ से इस दवा की उपयोगिता और वैधता के बारे में कोई टिप्पणी नहीं आई है। वहीं आयुष मंत्रालय ने इस दवा से संबंधित सभी जानकारी मांगते हुए इसकी बिक्री और प्रचार पर प्रतिबंध लगा दिया है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रामदेव ने कहा, "कोरोना वायरस के दवा की पूरी दुनिया इंतजार कर रही थी। हमें गर्व है कि कोरोना वायरस की पहली आयुर्वेदिक दवाई हमने तैयार कर ली है। इस आयुर्वेदिक दवाई का नाम कोरोनिल है।" रामदेव ने बताया कि इस दवा के प्रयोग की क्लीनिकल कंट्रोल स्टडी हो चुकी है। सौ कोरोना पॉजिटिव लोगों पर इसका टेस्ट हुआ, जिसमें से 65-70 फीसदी लोग तीन दिन में और 100 फीसदी लोग एक सप्ताह में कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव हो गए।

उन्होंने दावा किया कि कोरोनिल नाम की इस दवा का रिकवरी रेट सौ फीसदी और डेथ रेट शून्य फीसदी है। रामदेव के सहयोगी आचार्य बालाकृष्ण ने बताया कि यह दवा पूरी रिसर्च के साथ तैयार हुई है और हमने दवा बनाते वक्त सभी वैज्ञानिक नियमों का पालन किया है। हमारे पास इससे संबंधित हर सवाल का जवाब है।

योगगुरू बाबा रामदेव ने बताया कि इस दवा में अश्वगंधा, गिलोय और तुलसी का प्रयोग हुआ, जिसका एक्टिव कंपाउंड लेकर यह कोरोनिल नाम की आयुर्वेदिक औषधि बनी है। उन्होंने कहा कि यह दवा संसार का कोरोना मुक्ति के लिए एक उपहार है। इसके अलावा उन्होंने श्वासारि वटी नाम की एक दवा को भी लॉन्च किया जो इस बीमारी में सांस संबंधी रोगों को दूर करेगा। इस दवा पर पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट के साथ-साथ हरिद्वार एंड नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस ने भी साझा रिसर्च किया है और इस लॉन्चिंग के दौरान हरिद्वार एंड नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस भी उपस्थित थे।

भारत में अब तक कोरोना संक्रमितों के कुल 4 लाख 40 हजार 215 मामले आ चुके हैं। पिछले 24 घंटे में कोरोना के कुल 14933 नए केस मिले, जबकि इस दौरान 312 मरीजों की मौत हुई। देश में कोरोना के कुल एक लाख 78 हजार 14 एक्टिव केस हैं, जबकि कुल 14011 लोगों की जान जा चुकी है। 2 लाख 48 हजार 189 मरीज इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं।

आईसीएमआर और आयुष मंत्रालय ने हालांकि अभी तक इस दवा को अपनी वैधता नहीं दी है। आयुष मंत्रालय ने कहा कोरोना से सबंधित कोई जानकारी आईसीएमआर के अधिकारी ही सही जानकारी दे पाएंगे। वहीं भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) का कहना है कि आयुर्वेदिक दवा से संबंधित सभी जिम्मेदारी आयुष मंत्रालय की है, इसलिए हम पर कुछ भी नहीं कह सकते।

हालांकि अब आयुष मंत्रालय ने पतंजलि आयुर्वेद से इस दवा के संबंध में पूरी जानकारी मांगी है। आयुष मंत्रालय ने कहा है कि उसे इस दवा के संबंध में तथ्‍यों के दावे और वैज्ञानिक शोध के संबंध में कोई जानकारी नहीं है और यह सारी जानकारी मंत्रालय को उपलब्ध कराई जाए।


जानकारी में उस जगह और अस्‍पताल के बारे में भी बताने को कहा गया है, जहां शोध और अध्ययन किया गया था। साथ ही प्रोटोकॉल, सैंपल साइज, इंस्टीट्यूशनल एथिक्स कमेटी क्लीयरेंस, CTRI रजिस्ट्रेशन और रिजल्ट ऑफ स्टडीज (IES) की भी जानकारी मांगी गई है, जो कि किसी भी दवा के लिए जरूरी होता है।

इसके साथ ही मंत्रालय ने दवा के विज्ञापन और प्रचार बंद करने को भी कहा है। मंत्रालय ने कहा है कि यह रोक तब त‍क रहेगी जब तक दवा की सही तरीके से जांच नहीं हो जाती।

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