प्रधानमंत्री ने जारी की बाघ गणना रिपोर्ट, 2014 के बाद बाघों की संख्या हुई दोगुनी

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प्रधानमंत्री ने जारी की बाघ गणना रिपोर्ट, 2014 के बाद बाघों की संख्या हुई दोगुनी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को अखिल भारतीय बाघ अनुमान रिपोर्ट 2018 जारी किया। रिपोर्ट जारी करते हुए पीएम ने कहा कि भारत आज दुनिया में बाघों के लिये सबसे सुरक्षित और सबड़े बड़े क्षेत्रों में से एक के रूप में उभर कर सामने आया है।

इस रिपोर्ट के अनुसार, देश में बाघों की संख्या 2967 हो गई है। मध्य प्रदेश सबसे अधिक बाघों वाला राज्य है। एमपी में 526 बाघ हैं, जबकि कर्नाटक में कुल 524 बाघ हैं। जबकि उत्तराखंड में बाघों की संख्या 442 हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ और मिजोरम को छोड़कर लगभग सभी राज्यों में बाघों की संख्या में इजाफा हुआ है।

पीएम मोदी ने कहा, "विकास या पर्यावरण की चर्चा पुरानी है। हमें सहअस्तत्वि को भी स्वीकारना होगा और सहयात्रा के महत्व को भी समझना होगा। मैं महसूस करता हूं कि विकास और पर्यावरण के बीच स्वस्थ संतुलन बनाना संभव है। लेकिन इसके लिए हमारी नीति में, हमारे अर्थशास्त्र में, हमें संरक्षण के बारे में संवाद को बदलना होगा।"

पीएम ने कहा कि बीते पांच वर्षों में जहां देश में अगली पीढ़ी के आधारभूत ढांचे के लिए तेजी से कार्य हुआ है, वहीं भारत में वन क्षेत्र का दायरा भी बढ़ रहा है। देश में संरक्षित क्षेत्रों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। 2014 में भारत में संरक्षित क्षेत्रों की संख्या 692 थी जो 2019 में बढ़कर 860 से अधिक हो गई है। साथ ही सामुदायिक संरक्षित क्षेत्रों की संख्या भी साल 2014 के 43 से बढ़कर अब सौ से ज्यादा हो गई है।"

प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं इस क्षेत्र से जुड़े लोगों से यही कहूंगा कि जो कहानी 'एक था टाइगर' से शुरू होकर 'टाइगर जिंदा है' तक पहुंची है, वो वहीं न रुके। केवल 'टाइगर जिंदा है', से काम नहीं चलेगा। बाघ संरक्षण से जुड़े जो प्रयास हैं उनका और विस्तार होना चाहिए, उनकी गति और तेज की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि भारत आर्थिक एवं पर्यावरण के दृष्टिकोण से समृद्ध होगा। भारत अधिक संख्या में सड़कें बनाएगा और देश में अधिक संख्या में स्वच्छ नदियां होंगी। भारत में अधिक रेल सम्पर्क होगा और अधिक संख्या में वृक्षों का दायरा भी बढ़ेगा।

(भाषा से इनपुट)

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