दस बैंकों का विलय कर बनेंगे चार बैंक, देश में सरकारी बैंकों की संख्या हुई 12
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भरोसा दिलाया कि इन बैंकों के विलय के बाद भी किसी प्रकार की छंटनी नहीं की जाएगी।
गाँव कनेक्शन 30 Aug 2019 12:20 PM GMT
देश को पांच ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार ने 10 सरकारी बैंकों का आपस में विलय कर उसे चार बैंकों में बदल दिया है। इससे देश में सरकारी बैंकों की संख्या 18 से 12 हो गई है। इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक का आपस में विलय कर उसे इंडियन बैंक बनाया गया है।
$5 Trillion अर्थव्यवस्था के लिए बैंकों की अहम भूमिका होगी, उसके लिए ऐसे बैंक चाहिए जिनमे अधिक lending capacity हो, आधुनिक तकनीक के प्रयोग से बेहतरीन सेवाएँ प्रदान कर सकें। Consolidation is the way forward @PMOIndia @FinMinIndia @PIB_India #PSBsFor5TrillionEconomy pic.twitter.com/5Uy5XJk04A
— Rajeev kumar (@rajeevkumr) August 30, 2019
वहीं केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक को आपस में मिलाकर केनरा बैंक कर दिया गया है। जबकि यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक और कार्पोरेशन बैंक का भी आपस में विलय कर उसे यूनियन बैंक कर दिया गया। पंजाब नेशनल बैंक में यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) का विलय किया गया है।
कैबिनेट की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी घोषणा करते हुए कहा, "बड़े बैंक अब वैश्विक बाजार को ध्यान में रखते हुए अपना लक्ष्य तय करेंगे। जबकि मझोले बैंक राष्ट्रीय स्तर के लक्ष्यों को पूरा करेंगे। वहीं कुछ क्षेत्रीय स्तर के बैंक होंगे जो स्थानीय लक्ष्यों का ध्यान देंगे।"
निर्मला सीतारमण ने भरोसा दिलाया कि इन बैंकों के विलय के बाद भी किसी प्रकार की छंटनी नहीं की जाएगी। उन्होंने याद दिलाया बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक और विजया बैंक के विलय के बाद किसी भी प्रकार की छंटनी नहीं की गई थी। इससे पहले 2017 में भी सरकार ने कई छोटे सरकारी बैंकों का बड़े बैंकों में विलय किया था। 2017 में 27 सरकारी बैंक थे, जिसे तब घटाकर 18 कर दिया गया था। अब इनकी संख्या 12 हो गई है।
इस घोषणा के वक्त वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकारी बैंकों की हालत पिछले कुछ समय में ठीक हुई हैं। लोन रिकवरी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है, जबकि नॉन प्रॉफिट एसेट्स (एनपीए) भी 7.90 लाख करोड़ रुपये तक कम हुआ है। उन्होंने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में 1.21 लाख करोड़ रुपये की रिकवरी की गई है।
लोन रिकवरी का रिकॉर्ड स्तर तक पहुँच गया है, 1.21 लाख करोड़ रुपये की रिकवरी की गई है
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) August 30, 2019
सकल एनपीए 7.90 लाख करोड़ रुपये तक कम हो गया है: वित्त मंत्री @nsitharaman pic.twitter.com/KJP9bNxRhn
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