Yogendra Yadav Exclusive: किसान आंदोलन की आगे की रणनीति पर क्या बोलें योगेंद्र यादव?
किसान आंदोलन को और तेज करते हुए राजस्थान और हरियाणा के किसानों ने रविवार देर रात जयपुर-दिल्ली हाइवे जाम किया। इस दौरान किसान नेता योगेंद्र यादव ने गांव कनेक्शन से बातचीत की।
गाँव कनेक्शन 14 Dec 2020 9:15 AM GMT
- राहुल यादव
देशभर में चल रहे किसान आंदोलन को और तेज़ करने के लिए हरियाणा और राजस्थान के किसानों ने दिल्ली - जयपुर हाइवे को जाम किया। इस मार्च की अगुवाई स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव, किसान नेता हनान्न मौला, समाजसेवी मेधा पाटकर और महाराष्ट्र के किसान नेता राजू शेट्टी ने की।
#किसान_आंदोलन में शामिल होने के लिए आ रहे राजस्थान के किसानों को हरियाणा पुलिस ने रेवाड़ी बॉर्डर पर रोक लिया है। इन किसानों की योजना है कि वे सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर की तरह ही दिल्ली-जयपुर हाईवे को जाम करना है। किसानों के इस दस्ते में @_YogendraYadav और मेघा पाटकर भी हैं। https://t.co/VsJmptjcxY pic.twitter.com/H1vwop0o4T
— GaonConnection (@GaonConnection) December 13, 2020
गांव कनेक्शन से विशेष बातचीत में योगेंद्र यादव ने बताया कि अब तक दिल्ली केवल तीन तरफ से घिरी थी, अब चारों तरफ से घिरने जा रही है। उन्होंने कहा, "अब आंदोलन को और तेज़ किया जाएगा ताकि देशभर में लोग प्रदर्शन करें और सरकार पर दबाव बढ़े।"
योगेंद्र यादव का कहना है कि दिल्ली के आस - पास तीन मोर्चे पहले से बने हुए थे और आज चौथा मोर्चा दिल्ली - जयपुर हाइवे पर भी बन गया है। बैरिकेड तोड़ने को लेकर उन्होंने कहा कि वे यहीं बैठे रहेंगे और इसको सिंघु और टिकरी बॉर्डर की तरह पक्के मोर्चे के रूप में चलाया जाएगा। "राजस्थान और दक्षिण हरियाणा के अन्य हिस्सों से भी लोग यहां जुटेंगे जिससे आंदोलन में किसानों की संख्या बढ़ेगी।"
पूरे आंदोलन की दशा और दिशा के बारे में बात करते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि बाहर से देखने पर ऐसा लगता है कि इसमें एक गतिरोध पैदा हो गया है क्योंकि किसान और सरकार दोनों ही अपनी बात पर अडिग है। किसानों का अडिग होना एकदम जायज है क्योंकि सरकार ने बिना किसानों की सहमति के उनके ऊपर ये कानून थोपे हैं और अब विरोध होने पर वापस भी नहीं ले रहे हैं। यादव ने देशभर में आंदोलन तेज होने का हवाला देते हुए कहा कि अब ये आंदोलन धीरे - धीरे देश के कोने - कोने तक फैल जाएगा और देश की जानता किसानों के साथ मिलकर ये लड़ाई लड़ेगी और सरकार को झुकना पड़ेगा।
सरकार के द्वारा किसानों के साथ आखिरी बैठक में लिखित प्रस्ताव दिए जाने को लेकर योगेंद्र यादव कहते हैं, "यह प्रस्ताव कुछ नया नहीं है। इसमें सरकार ने जो बाते लिखी हैं, उनका कोई कानूनी महत्व नहीं है। जैसे सरकार कहती है कि एमएसपी का लिखित आश्वासन देगी, लेकिन एमएसपी को किसान का कानूनी हक क्यों नहीं बनाती? स्टॉक लिमिट के कानून को लेकर सरकार ने अपने प्रस्ताव में एक शब्द भी नहीं लिखा। यह कानून सरकार ने केवल बड़े उद्योगपतियों के लिए बनाया है।"
अंत में योगेंद्र यादव ने कहा कि दिल्ली - जयपुर हाइवे के इस मोर्चे में राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र और तमिलनाडु तक के भी लोग आए हुए है। कुछ ही दिनों में राजस्थान से और राजस्थान की पंजाब से लगी सीमा से सैकड़ों लोग इस मोर्चे में शामिल होंगे और यह मोर्चा तब तक नहीं हटेगा जब तक सरकार इन कृषि बिलों को वापस नहीं ले लेती।
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