पंचायतों में 50 फीसदी महिला आरक्षण पर विचार कर रही है सरकार
गाँव कनेक्शन | Jul 16, 2019, 09:15 IST
लखनऊ। केंद्रीय पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि पूरे देश की पंचायतों में महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण करने पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। लोकसभा में पिनाकी मिश्रा, अधीर रंजन चौधरी, सुनील कुमार पिंटू और कुछ अन्य सदस्यों के पूरक प्रश्नों के उत्तर में तोमर ने यह भी कहा कि देश भर की पंचायतों में 31 लाख से अधिक जनप्रतिनिधि हैं और इनमें 46 फीसदी जनप्रतिनिधि महिलाएं हैं।
उन्होंने कहा कि अभी बिहार, कर्नाटक, ओडिशा और मध्य प्रदेश सहित 20 राज्यों की पंचायतों में महिलाओं के लिए लिए 50 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था है। पूरे देश में 50 फीसदी आरक्षण के बारे में चर्चा चल रही है। दरअसल, बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्रा ने ओडिशा की पंचायतों में महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण का हवाला देते हुए देश भर की पंचायतों में (महिलाओं के लिए) आरक्षण का दायरा बढ़ा कर 50 फीसदी करने की मांग की थी।
एक अन्य सवाल के जवाब में तोमर ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद पंचायतों में भ्रष्टाचार पर अंकुश लग चुका है। उन्होंने कहा कि जब तक उपयोग प्रमाण पत्र नहीं मिल जाता है, तब तक पंचायतों के लिए पैसा नहीं जारी नहीं किया जाता है।
आपको बता दें कि बिहार, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे कुछ राज्यों में महिलाओं के लिए पहले से ही पचास प्रतिशत आरक्षण लागू है। पंचायतों में आरक्षण के लिए लंबे समय से मांग की जाती रही है। मनमोहन सिंह के सरकार के समय भी इसे लागू करने का प्रयास किया गया था। लेकिन तब सरकार सफल नहीं हो पाई थी। इसके बाद मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान भी ऐसे प्रयास किए थे।
उन्होंने कहा कि अभी बिहार, कर्नाटक, ओडिशा और मध्य प्रदेश सहित 20 राज्यों की पंचायतों में महिलाओं के लिए लिए 50 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था है। पूरे देश में 50 फीसदी आरक्षण के बारे में चर्चा चल रही है। दरअसल, बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्रा ने ओडिशा की पंचायतों में महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण का हवाला देते हुए देश भर की पंचायतों में (महिलाओं के लिए) आरक्षण का दायरा बढ़ा कर 50 फीसदी करने की मांग की थी।
एक अन्य सवाल के जवाब में तोमर ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद पंचायतों में भ्रष्टाचार पर अंकुश लग चुका है। उन्होंने कहा कि जब तक उपयोग प्रमाण पत्र नहीं मिल जाता है, तब तक पंचायतों के लिए पैसा नहीं जारी नहीं किया जाता है।
आपको बता दें कि बिहार, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे कुछ राज्यों में महिलाओं के लिए पहले से ही पचास प्रतिशत आरक्षण लागू है। पंचायतों में आरक्षण के लिए लंबे समय से मांग की जाती रही है। मनमोहन सिंह के सरकार के समय भी इसे लागू करने का प्रयास किया गया था। लेकिन तब सरकार सफल नहीं हो पाई थी। इसके बाद मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान भी ऐसे प्रयास किए थे।