प्रदूषण की मार, बच्चों को कर रही बीमार
Sundar Chandel | Mar 23, 2018, 14:40 IST
मेरठ। प्रदूषण की मार बच्चों को बीमार कर रही है। इन दिनों बच्चे सांस संबंधी संक्रमण रेस्पिेटरी इंफेशन के शिकार हो रहे हैं। एचएमआईएस की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि विगत छह माह में 1140 नवजात से पांच वर्ष तक के बच्चे श्वास संबंधी बीमारी के चलते सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराए गए। अगर इसमें निजी अस्पताल भी शामिल कर लिए जाते तो आंकड़ा कई गुना ज्यादा पहुंच सकता है।
मेडिकल कालेज के बाल रोग विषेशज्ञ डा. नवरत्न बताते हैं, " बच्चों के सीने और श्वास नली में संक्रमण की समस्या काफी आ रही है। हर रोज ओपीडी में 30 से 35 बच्चे ऐसे आ रहे हैं जिन्हें किसी न किसी रूप से सांस लेने में समस्या है। वो आगे बताते हैं बच्चों की नाक में बाल नहीं होते, इसलिए वायु में जो प्रदूषण के कण होते हैं, बच्चों पर जल्दी अटैक कर देते हैं।
जिला अस्पताल के शिशु एवं बाल रोग विषेशज्ञ डा. ओम बताते हैं कि दूषित कण हवा के जरिए फेफड़ों की झिल्लयों में पहुंच जाते हैं। जिससे बच्चों को सांस लेने में दिक्कत आती है। जिसके चलते यदि जल्दी उपचार न मिले तो बच्चे की जान तक चली जाती है।
श्वास संक्रमण में भर्ती हुए बच्चे
जिला बच्चे
गाजियाबाद 3202 बच्चे
सहारनपुर 3093 बच्चे
बुलंदशहर 2408 बच्चे
मेरठ 1844 बच्चे
शामली शून्य
मुज्जफरनगर 57
बागपत 21
बिजनौर शून्य
डाॅ, राजकुमार चैधरी, सीएमओ मेरठ
पश्चिमी यूपी में चौथे स्थान पर
रिपोर्ट के मुताबिक बच्चों के श्वास संबंधी संक्रमण के मामलों में मेरठ चौथे स्थान पर है। जबकि प्रदेश में 12वे नंबर पर । वेस्ट यूपी में गाजियाबाद पहले नंबर पर, हारनपुर और बुलंदषहर दूसरे व तीसरे नंबर पर हैं। यूनिसेफ और विषेशज्ञ डाक्टर्स ने माना है कि निमोनिया और सांस लेने संबंधी कई बीमारियों की जड़ वायु प्रदूषण ही है।
ओपीडी में 30 से 35 बच्चे
जिला अस्पताल के शिशु एवं बाल रोग विषेशज्ञ डा. ओम बताते हैं कि दूषित कण हवा के जरिए फेफड़ों की झिल्लयों में पहुंच जाते हैं। जिससे बच्चों को सांस लेने में दिक्कत आती है। जिसके चलते यदि जल्दी उपचार न मिले तो बच्चे की जान तक चली जाती है।
वेस्ट यूपी के आंकड़े
जिला बच्चे
गाजियाबाद 3202 बच्चे
सहारनपुर 3093 बच्चे
बुलंदशहर 2408 बच्चे
मेरठ 1844 बच्चे
शामली शून्य
मुज्जफरनगर 57
बागपत 21
बिजनौर शून्य
मेरठ सहित पूरे वेस्ट यूपी में इक्का-दुक्का जिला अगर छोड दिया जाए तो प्रदूशण बहुत तेजी से बढ़ा है। रिपोर्ट वास्तव में चैकाने वाली है। प्रदूशण से जागरूक रहकर ही बचा जा सकता है।
डाॅ, राजकुमार चैधरी, सीएमओ मेरठ