अरहर दाल के आयात पर रोक से किसानों को राहत

Devanshu Mani Tiwari | Aug 09, 2017, 11:55 IST
uttar pradesh
स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। देश में अरहर दाल के आयात पर रोक लगने से जल्द ही किसानों के दिन फिरने वाले हैं। उत्तर प्रदेश में दालों के बाजार की निगरानी करने वाली संस्था यूपी कृषि विपणन एवं विदेश व्यापार, मंडी परिषद के मुताबिक सरकार के आयात पर रोक लगाने के फैसले से उन किसानों को ज्यादा फायदा होगा, जिन्होंने अरहर का स्टॉक रखा होगा। बाकी को खरीफ की दाल के बाजार में आने पर लाभ मिलेगा।

यूपी कृषि विपणन एवं विदेश व्यापार, मंडी परिषद के सह निदेशक दिनेश चंद्रा बताते हैं, ‘’पिछले रबी सीज़न में दाल की खरीद में कोई खास फायदा न मिल पाने से प्रदेश में किसानों ने इस बार दालों की खेती कम की है, लेकिन दालों में अरहर सबसे अधिक बोई गई है। इसलिए जिन किसानों ने रबी की अरहर का स्टॉक रखा होगा, उन्हीं को सरकार के इस फैसले से फौरी तौर पर फायदा मिलेगा। बाकी इस फैसले का असर अब खरीफ की दाल के बाज़ारों में आने पर ही नज़र आएगा।’’

घरेलू बाज़ार में अरहर दाल की कीमतों में गिरावट के कारण वाणिज्य मंत्रालय ने विदेशों से अरहर के आयात पर रोक लगा दी है। कृषि विभाग के अनुसार पिछले वर्ष 2015-16 में अरहर की बुवाई का क्षेत्रफल 3.38 लाख हेक्टेयर हो गया था। इससे उत्साहित होकर इस वर्ष कृषि विभाग ने अरहर दाल की बुवाई का लक्ष्य 3.35 लाख हेक्टेयर रखा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि विदेशी दालों का आयात बंद किए जाने से अगले वर्ष बाज़ारों में आने वाली अरहर दाल पर किसानों को अच्छे दाम मिल सकेंगे। भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. नरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया, ‘’सरकार अरहर दाल के आयात को बंद कर रही है, यह किसानों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है।

भारत में दलहन फसलों की खेती करने वाले किसानों के पास दाल उत्पादन की बड़ी क्षमता है, लेकिन उन्हें पर्याप्त घरेलू बाज़ार न मिल पाने से हमेशा यह घाटे का सौदा रहता है। विदेशों से आयात बंद हो जाने से अब घरेलू दाल बाज़ारों में किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल पाएगा।’’

भारत में दालों के विपणन एवं इसके बाज़ार पर काम कर रहे कानपुर के चंद्र शेखर आज़ाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक (दलहन) डॉ. मनोज कटियार ने बताया, ‘’पिछले दो वर्षों से देश के दलहनी बाज़ार में विदेशी दालों की भरमार होने से दालों के बाज़ार भरे रहते थे। इससे स्थानीय किसानों को दालों के अच्छे दाम नहीं मिल पाते थे। अरहर का आयात बंद किए जाने से अब अरहर दाल के घरेलू व्यापार को और मजबूती मिलेगी और किसानों को वाज़िब दाम भी मिलेंगे।’’

देश में 16% दालों का उत्पादन उत्तर प्रदेश में

विश्व खाद्य और कृषि संगठन के अनुसार उत्तर प्रदेश में देश की कुल दालों का 16 प्रतिशत उत्पादन होता है। इस तरह यूपी देश में अरहर की खेती और उत्पादन में दूसरे स्थान पर है।

कानपुर भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान निदेशक डॉ. नरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया भारत में दलहन किसानों को पर्याप्त घरेलू बाज़ार न मिल पाने से यह घाटे का सौदा रहता है। आयात बंद हो जाने से अब घरेलू दाल बाज़ारों में किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल पाएगा।



Tags:
  • uttar pradesh
  • Swayam Project
  • farmer
  • Farming
  • किसान
  • Arhar
  • Import
  • समाचार
  • hindi samachar
  • samachar हिंदी समाचार
  • tuar

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.