यूपी में खादी की ब्रैंडिंग के लिए बड़े शहरों में खुलेंगे खादी प्लाजा

Manish Mishra | Aug 04, 2017, 20:48 IST
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पहले चरण में बस अड्डों के साथ ही 10 बड़े जिलों में खादी प्लाजा खोले जाएंगे। साथ ही, तैयार उत्पाद को बाजारा उपलब्ध कराने के लिए योजना के तहत शहरों में बिक्री केन्द्र खोले जाएंगे।
नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव, खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग

लखनऊ। प्रदेश में खादी को बढ़ावा देने के लिए बहुत जल्द बड़े शहरों में खादी प्लाजा खुलेंगे, बहुत जल्द प्राइमरी के बच्चे और पुलिसकर्मी खादी की यूनिफार्म भी पहनेंगे।

खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग ने खादी को ब्रैंड बनाने के साथ ही गाँव-गाँव में रोजगार पैदा करने की पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है। प्रमुख सचिव खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग नवनीत सहगल ने बताया, "प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में बच्चों को खादी की यूनिफार्म उपलब्ध कराने के लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा गया है," उन्होंने आगे बताया, "पुलिस के जवान भी खादी की यूनिफार्म पहने इस पर बात हो रही है।"

शुक्रवार को लखनऊ के डालीगंज स्थित मंडलीय खादी बोर्ड के दफ्तर में प्रदेश के हर जिले से आए अधिकारियों के सामने खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी एवं प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने गाँव के लोगों तक योजनाओं का लाभ और उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के लिए भविष्य की योजनाओं जानकारी दी।

विभागीय अधिकारियों के पेच कसते हुए मंत्री सत्येदव पचौरी ने कहा, "मुझे सब पता है कहां कौन अधिकारी क्या कर रहा है? गलती करने पर पहली बार समझाऊंगा, दोबारा डाटूंगा तीसरी बार सजा मिलेगी," मंत्री ने आगे कहा, "हमारा मकसद गाँवों की गरीबी दूर करना है, जो योजनाएं अभी तक विभाग में नहीं बनीं अब बनेंगी।

यूपी में खादी को बढ़ावा देने की पहल। खादी की ब्रैंडिंग के लिए विभाग का मास्टर प्लान बताते हुए प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने कहा, "पहले चरण में बस अड्डों के साथ ही 10 बड़े जिलों में खादी प्लाजा खोले जाएंगे। साथ ही, तैयार उत्पाद को बाजारा उपलब्ध कराने के लिए योजना के तहत शहरों में बिक्री केन्द्र खोले जाएंगे।"

हमारा मकसद गाँवों की गरीबी दूर करना है, जो योजनाएं अभी तक विभाग में नहीं बनीं अब बनेंगी।
सत्यदेव पचौरी, मंत्री, खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग

गाँव-गाँव खादी समिति गठित करने के साथ ही खादी को अंतर्राराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए छोटे उद्यमियों को बहुराष्ट्रीय कंपनियों से जोड़ा जाएगा। इन गाँव में रहने वाले कारीगरों को ट्रेनिंग देने के लिए कौशल विकास केन्द्रों की भी मदद लिया जाएगा।

बैठक में जिले के एक अधिकारी ने बताया कि पश्चिमी यूपी में बैंक लोन आसानी से दे देते हैं, पूर्वी यूपी में लोन दिलाने में दिक्कत आती है। इस तरह से विभाग की योजनाओं के लिए लोन देने के लिए बैंकों के एकाधिकार को भी खत्म करने की कोशिश होगी, जिससे गाँव के युवाओं को आसानी से रोजगार के लिए कर्ज मिल सके।

प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने कहा, "अगर कहीं से पैसा ट्रांसफर कराने या अन्य वजहों से भ्रष्टाचार की शिकायतें आईं तो इसकी जांच सीधे विजिलेंस को दी जाएगी।" खादी एवं ग्रामोद्योग की नई नीति में प्रधानमंत्री रोजगार योजना एवं मुख्यमंत्री रोजगार योजना के तहत गाँवों में अधिक से अधिक रोजगार पैदा करना है।

साथ ही, गाँवों में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए हनी मिशन के तहत मधुमक्खी पालन को बढ़ावा दिया जाएगा। हनी मिशन के तहत ये प्रोजेक्ट वाराणसी, गोरखपुर, सहारनपुर और लखीमपुर में शुरू होंगे। इसके तहत पूरा गाँव मधुमख्खी पालन शुरू करेगा।



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