चौधरी चरण सिंह की जयंती पर किसानों को सौगात, लखनऊ में सीड पार्क की शुरुआत
Gaon Connection | Dec 23, 2025, 13:18 IST
किसान सम्मान दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर किसानों, वैज्ञानिकों और एफपीओ को सम्मानित करते हुए कृषि क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित किया। लखनऊ में सीड पार्क की शुरुआत, ट्रैक्टर वितरण और तकनीक आधारित खेती को उन्होंने किसान समृद्धि की नई राह बताया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसान सम्मान दिवस के अवसर पर प्रदेश के अन्नदाताओं को नमन करते हुए कहा कि किसान की मेहनत ही देश की असली ताकत है। उन्होंने किसान समृद्धि योजना के तहत ट्रैक्टर पाने वाले किसानों के चेहरों की चमक का ज़िक्र करते हुए कहा कि किसी किसान ने अपनी मां को ट्रैक्टर पर बैठाया है तो किसी ने अपनी पत्नी को यह दृश्य बताता है कि खेती केवल आजीविका नहीं, बल्कि सम्मान और आत्मविश्वास का स्रोत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान सर्दी, गर्मी और मौसम की परवाह किए बिना पसीना बहाता है। जब वह ठंड को अपनी अस्थियों में समाहित कर धरती मां के साथ ऊर्जा का प्रवाह करता है, तब खेत अन्न उत्पादन के रूप में सोना उगलते हैं। यही किसान की असली ताकत है।
किसान सम्मान दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न चौधरी चरण सिंह की जयंती पर विधान भवन परिसर में उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। इस अवसर पर उन्होंने किसानों को ट्रैक्टर की चाबी सौंपी, किसानों, कृषि वैज्ञानिकों, एफपीओ और प्रगतिशील कृषकों को सम्मानित किया। साथ ही चौधरी चरण सिंह सीड पार्क, अटारी लखनऊ के प्लॉट आवंटन प्रक्रिया का बटन दबाकर औपचारिक शुभारंभ भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जब पहली बार किसान सरकार के एजेंडे के केंद्र में आया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों के लिए योजनाओं की एक नई श्रृंखला शुरू हुई। स्वायल हेल्थ कार्ड के ज़रिये धरती मां की सेहत को समझने की पहल हुई, प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना से किसानों को जोखिम से सुरक्षा मिली, सिंचाई योजनाओं का विस्तार हुआ, पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से सीधी आर्थिक सहायता दी गई और एमएसपी की गारंटी के साथ बीज से लेकर बाज़ार तक किसानों को मजबूती मिली।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आज किसान शासन की हर योजना का सीधा लाभ पा रहा है। अब बिचौलिये किसानों की फसल का दाम तय नहीं करते। यदि बाजार में अच्छा मूल्य मिलता है तो किसान को लाभ होता है और यदि नहीं, तो सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उसकी फसल खरीदती है। इसके चलते उत्तर प्रदेश में धान, गेहूं, चना, सरसों, बाजरा और मक्का जैसी फसलों का उत्पादन बढ़ा है और लागत में कमी आई है, जो किसानों की समृद्धि का मजबूत आधार बना है।
चौधरी चरण सिंह के योगदान को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे देश, गांव और किसान के सच्चे हितैषी थे। उनका मानना था कि जब तक किसान गरीब रहेगा, तब तक भारत समृद्ध नहीं हो सकता। ग्रामीण भारत ही असली भारत है और देश की तरक्की का रास्ता खेत-खलिहानों से होकर गुजरता है। उन्होंने भूमि सुधार, जमींदारी उन्मूलन, मंडी व्यवस्था, पटवारी प्रणाली के उन्मूलन, लघु-सीमांत किसानों को राहत और नाबार्ड की स्थापना जैसे ऐतिहासिक फैसलों के माध्यम से किसानों की नींव मजबूत की।
मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि वर्ष 1996 से 2017 तक किसानों को जितना गन्ना मूल्य भुगतान नहीं हुआ था, उससे लगभग 75 हजार करोड़ रुपये अधिक राशि पिछले आठ वर्षों में किसानों के खातों में सीधे भेजी गई है। हाल ही में गन्ना मूल्य में वृद्धि करते हुए पेराई सत्र 2025-26 के लिए अगेती गन्ने का दाम 400 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का किसान अब समृद्धि की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कृषि विज्ञान केंद्रों का व्यापक नेटवर्क तैयार किया गया है। पिछले आठ वर्षों में 20 नए कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित हुए हैं और अब प्रदेश में इनकी संख्या 89 हो गई है। नौ जलवायु क्षेत्रों वाले उत्तर प्रदेश में इतने कृषि विज्ञान केंद्र किसी अन्य राज्य में नहीं हैं। साथ ही सेंटर ऑफ एक्सीलेंस विकसित किए जा रहे हैं, ताकि किसानों को आधुनिक तकनीक से जोड़ा जा सके।
सरकार के कृषि सुधारों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि लखनऊ में चौधरी चरण सिंह की स्मृति में आधुनिक तकनीक से लैस सीड पार्क विकसित किया जा रहा है। समय पर उत्तम गुणवत्ता का बीज मिलने से उत्पादन में 30 प्रतिशत तक वृद्धि संभव है। बाराबंकी में 31 एकड़ में टिश्यू कल्चर की अत्याधुनिक लैब विकसित की जा रही है, जो गन्ना, केला और आलू जैसी फसलों के लिए नई संभावनाएं खोलेगी।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी और बहराइच में गन्ना किसानों ने प्रति हेक्टेयर एक हजार क्विंटल उत्पादन का नया रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने कृषि और गन्ना विभाग को निर्देश दिए कि अन्य किसानों को वहां ले जाकर तकनीक से अवगत कराया जाए। किसान तभी समृद्ध होगा, जब उसे सही समय पर खाद, बीज और तकनीक उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने प्राकृतिक खेती को गंभीर बीमारियों से बचाव का प्रभावी माध्यम भी बताया।
मुख्यमंत्री ने किसानों के हित में किए गए कार्यों को गिनाते हुए कहा कि 16 लाख निजी नलकूपों से जुड़े किसानों का ऋण माफ किया गया है और हर साल 3600 करोड़ रुपये बिजली सब्सिडी के रूप में दिए जा रहे हैं। सहकारिता के माध्यम से मिलने वाले ऋण की ब्याज दर साढ़े 11 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार किसानों के साथ खड़ी है और अब योजनाओं की गति सुस्त नहीं, बल्कि तेज़ है।
किसान सम्मान दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पांच किसानों, जालौन की प्रवेशिका, शाहजहांपुर के उधम सिंह, फतेहपुर के मुकेश, मुजफ्फरनगर के श्रीपाल और लखीमपुर खीरी के जमाइफ खान—को ट्रैक्टर की चाबी सौंपी और 25 ट्रैक्टरों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इसके साथ ही धान, गेहूं, चना, मटर, सरसों, अरहर और ज्वार उत्पादन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले किसानों, विशिष्ट महिला किसान, एफपीओ प्रतिनिधियों और कृषि वैज्ञानिकों को भी सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान सर्दी, गर्मी और मौसम की परवाह किए बिना पसीना बहाता है। जब वह ठंड को अपनी अस्थियों में समाहित कर धरती मां के साथ ऊर्जा का प्रवाह करता है, तब खेत अन्न उत्पादन के रूप में सोना उगलते हैं। यही किसान की असली ताकत है।
किसान सम्मान दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न चौधरी चरण सिंह की जयंती पर विधान भवन परिसर में उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। इस अवसर पर उन्होंने किसानों को ट्रैक्टर की चाबी सौंपी, किसानों, कृषि वैज्ञानिकों, एफपीओ और प्रगतिशील कृषकों को सम्मानित किया। साथ ही चौधरी चरण सिंह सीड पार्क, अटारी लखनऊ के प्लॉट आवंटन प्रक्रिया का बटन दबाकर औपचारिक शुभारंभ भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जब पहली बार किसान सरकार के एजेंडे के केंद्र में आया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों के लिए योजनाओं की एक नई श्रृंखला शुरू हुई। स्वायल हेल्थ कार्ड के ज़रिये धरती मां की सेहत को समझने की पहल हुई, प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना से किसानों को जोखिम से सुरक्षा मिली, सिंचाई योजनाओं का विस्तार हुआ, पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से सीधी आर्थिक सहायता दी गई और एमएसपी की गारंटी के साथ बीज से लेकर बाज़ार तक किसानों को मजबूती मिली।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आज किसान शासन की हर योजना का सीधा लाभ पा रहा है। अब बिचौलिये किसानों की फसल का दाम तय नहीं करते। यदि बाजार में अच्छा मूल्य मिलता है तो किसान को लाभ होता है और यदि नहीं, तो सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उसकी फसल खरीदती है। इसके चलते उत्तर प्रदेश में धान, गेहूं, चना, सरसों, बाजरा और मक्का जैसी फसलों का उत्पादन बढ़ा है और लागत में कमी आई है, जो किसानों की समृद्धि का मजबूत आधार बना है।
चौधरी चरण सिंह के योगदान को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे देश, गांव और किसान के सच्चे हितैषी थे। उनका मानना था कि जब तक किसान गरीब रहेगा, तब तक भारत समृद्ध नहीं हो सकता। ग्रामीण भारत ही असली भारत है और देश की तरक्की का रास्ता खेत-खलिहानों से होकर गुजरता है। उन्होंने भूमि सुधार, जमींदारी उन्मूलन, मंडी व्यवस्था, पटवारी प्रणाली के उन्मूलन, लघु-सीमांत किसानों को राहत और नाबार्ड की स्थापना जैसे ऐतिहासिक फैसलों के माध्यम से किसानों की नींव मजबूत की।
मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि वर्ष 1996 से 2017 तक किसानों को जितना गन्ना मूल्य भुगतान नहीं हुआ था, उससे लगभग 75 हजार करोड़ रुपये अधिक राशि पिछले आठ वर्षों में किसानों के खातों में सीधे भेजी गई है। हाल ही में गन्ना मूल्य में वृद्धि करते हुए पेराई सत्र 2025-26 के लिए अगेती गन्ने का दाम 400 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का किसान अब समृद्धि की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कृषि विज्ञान केंद्रों का व्यापक नेटवर्क तैयार किया गया है। पिछले आठ वर्षों में 20 नए कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित हुए हैं और अब प्रदेश में इनकी संख्या 89 हो गई है। नौ जलवायु क्षेत्रों वाले उत्तर प्रदेश में इतने कृषि विज्ञान केंद्र किसी अन्य राज्य में नहीं हैं। साथ ही सेंटर ऑफ एक्सीलेंस विकसित किए जा रहे हैं, ताकि किसानों को आधुनिक तकनीक से जोड़ा जा सके।
सरकार के कृषि सुधारों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि लखनऊ में चौधरी चरण सिंह की स्मृति में आधुनिक तकनीक से लैस सीड पार्क विकसित किया जा रहा है। समय पर उत्तम गुणवत्ता का बीज मिलने से उत्पादन में 30 प्रतिशत तक वृद्धि संभव है। बाराबंकी में 31 एकड़ में टिश्यू कल्चर की अत्याधुनिक लैब विकसित की जा रही है, जो गन्ना, केला और आलू जैसी फसलों के लिए नई संभावनाएं खोलेगी।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी और बहराइच में गन्ना किसानों ने प्रति हेक्टेयर एक हजार क्विंटल उत्पादन का नया रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने कृषि और गन्ना विभाग को निर्देश दिए कि अन्य किसानों को वहां ले जाकर तकनीक से अवगत कराया जाए। किसान तभी समृद्ध होगा, जब उसे सही समय पर खाद, बीज और तकनीक उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने प्राकृतिक खेती को गंभीर बीमारियों से बचाव का प्रभावी माध्यम भी बताया।
मुख्यमंत्री ने किसानों के हित में किए गए कार्यों को गिनाते हुए कहा कि 16 लाख निजी नलकूपों से जुड़े किसानों का ऋण माफ किया गया है और हर साल 3600 करोड़ रुपये बिजली सब्सिडी के रूप में दिए जा रहे हैं। सहकारिता के माध्यम से मिलने वाले ऋण की ब्याज दर साढ़े 11 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार किसानों के साथ खड़ी है और अब योजनाओं की गति सुस्त नहीं, बल्कि तेज़ है।
किसान सम्मान दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पांच किसानों, जालौन की प्रवेशिका, शाहजहांपुर के उधम सिंह, फतेहपुर के मुकेश, मुजफ्फरनगर के श्रीपाल और लखीमपुर खीरी के जमाइफ खान—को ट्रैक्टर की चाबी सौंपी और 25 ट्रैक्टरों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इसके साथ ही धान, गेहूं, चना, मटर, सरसों, अरहर और ज्वार उत्पादन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले किसानों, विशिष्ट महिला किसान, एफपीओ प्रतिनिधियों और कृषि वैज्ञानिकों को भी सम्मानित किया गया।