उत्तर प्रदेश के किसान ध्यान दें, कर्जमाफी का लाभ न मिला हो तो इस तारीख तक करें आवेदन
Mithilesh Dhar | Jan 18, 2019, 11:46 IST
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के जो किसान कर्जमाफी योजना से वंचित रह गये थे उनको सरकार एक और मौका दे रही है। 21 जनवरी तक ऐसे किसान जिला डेस्क के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज कराकर योजना का लाभ उठा सकते हैं।
प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने ट्वीट करके बताया कि राज्य सरकार नहीं चाहती कि कोई पात्र किसान इस योजना से वंचित रह जाएं। प्रदेश के लघु और सीमांत किसानों को सरकार की फसल ऋणमोचन योजना का लाभ मिले इसके लिए जनपद स्तर पर हेल्प डेस्क बनाये गये हैं।
हेल्प डेस्क के माध्यम से कृषि विभाग 21 जनवरी तक किसानों की शिकायत लेकर नियमों के तहत किसानों को कर्जमाफी का लाभ दिया जाएगा। कृषि मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार की फसल ऋणमोचन योजना के तहत अब तक प्रदेश के 44.03 लाख किसानों को लाभ मिल चुका है। अब तक 24 हजार 662.14 करोड़ रुपये की ऋण माफी की गयी है।
शाही ने आगे जानकारी दी कि किसान ऋणमोचन योजना की वेबसाइट से आवेदन पत्र डाउनलोड करके अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। शिकायत दर्ज कराने के लिए तय प्रारूप पर आवेदन पत्र के साथ आधार कार्ड, खतौनी नकल (जिस भूमि पर किसान द्वारा फसली ऋण लिया गया है), बैंक पासबुक की फोटो कॉपी भी देनी होगी। साथ ही मृतक मामलों में वारिसान प्रमाण पत्र तथा वारिस का आधार कार्ड भी साथ में लाना होगा। ज्यादा जानकारी के लिए किसान अपने जिले के जिला कृषि अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
प्रदेश सरकार की ऋण मोचन योजना के तहत 31 मार्च 2016 तक केसीसी पर ऋण लेने वाले किसानों को योजना में शामिल किया गया था।
प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने ट्वीट करके बताया कि राज्य सरकार नहीं चाहती कि कोई पात्र किसान इस योजना से वंचित रह जाएं। प्रदेश के लघु और सीमांत किसानों को सरकार की फसल ऋणमोचन योजना का लाभ मिले इसके लिए जनपद स्तर पर हेल्प डेस्क बनाये गये हैं।
हेल्प डेस्क के माध्यम से कृषि विभाग 21 जनवरी तक किसानों की शिकायत लेकर नियमों के तहत किसानों को कर्जमाफी का लाभ दिया जाएगा। कृषि मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार की फसल ऋणमोचन योजना के तहत अब तक प्रदेश के 44.03 लाख किसानों को लाभ मिल चुका है। अब तक 24 हजार 662.14 करोड़ रुपये की ऋण माफी की गयी है।
इस तरह से करें आवेदन
प्रदेश सरकार की ऋण मोचन योजना के तहत 31 मार्च 2016 तक केसीसी पर ऋण लेने वाले किसानों को योजना में शामिल किया गया था।