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सहकारिता के भरोसे आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश: ड्रोन दीदी से लेकर पैक्स तक बदली ग्रामीण अर्थव्यवस्था

Gaon Connection | Dec 22, 2025, 17:43 IST
उत्तर प्रदेश में सहकारिता आंदोलन तेज़ी से ग्रामीण बदलाव का आधार बनता जा रहा है। ड्रोन दीदियों को प्रमाण पत्र, एम-पैक्स के ज़रिये उर्वरक आपूर्ति, जन औषधि केंद्रों से सस्ती दवाएं, सोलर रूफटॉप और गोदाम निर्माण जैसे कदमों ने सहकारिता को सिर्फ़ एक संस्था नहीं, बल्कि किसानों और युवाओं की आर्थिक रीढ़ बना दिया है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने युवाओं को सहकारिता आंदोलन का भविष्य बताते हुए कहा कि “युवा ही सहकारिता के शिल्पी हैं”।
उत्तर प्रदेश में सहकारिता अब सिर्फ़ एक विभागीय व्यवस्था नहीं रही, बल्कि यह भरोसे, साझेदारी और आत्मनिर्भरता का आधार बनती जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ़ शब्दों में कहा है कि “सहकारिता आपसी विश्वास, सामाजिक समता और आत्मनिर्भरता की गारंटी है” और बीते वर्षों में सरकार की नीतियाँ इस कथन को ज़मीन पर उतारती दिख रही हैं।

इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में आयोजित ‘युवा सहकार सम्मेलन–2025’ और ‘यू0पी0 कोऑपरेटिव एक्सपो’ का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने न केवल सहकारिता क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित किया, बल्कि किसानों, युवाओं और सहकारी संस्थाओं से जुड़े लाभार्थियों को प्रतीकात्मक चेक और प्रमाण पत्र भी वितरित किए। कार्यक्रम के दौरान सहकारिता विभाग की एक विशेष पुस्तक का विमोचन भी किया गया।

ड्रोन दीदियों से लेकर जन औषधि केंद्रों तक: सहकारिता का नया चेहरा

केन्द्रीय सहकारिता मंत्रालय के चौथे स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेश के सहकारिता विभाग द्वारा 266 ‘ड्रोन दीदियों’ को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। ये महिलाएँ आधुनिक तकनीक के ज़रिए खेती को सशक्त बनाने की दिशा में एक नई पहचान गढ़ रही हैं। यह पहल बताती है कि सहकारिता अब परंपरा और तकनीक के संगम का माध्यम बन रही है।

वहीं, प्रदेश में 161 एम0 पैक्स (प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों) पर जन औषधि केंद्रों के माध्यम से सस्ती जेनरिक दवाइयाँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। इन केंद्रों के ज़रिए अब तक ₹1.86 करोड़ से अधिक का कारोबार हुआ है, जिससे ग्रामीण इलाक़ों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच मज़बूत हुई है।

किसानों को राहत: उर्वरक से लेकर सस्ते ऋण तक

प्रदेश सरकार ने 6,760 एम0 पैक्स को उर्वरक व्यवसाय के लिए ₹10 लाख तक की ब्याज-मुक्त ऋण सीमा स्वीकृत की है। इससे खाद की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित हुई है, खासकर बुआई और फसल के महत्वपूर्ण समय में। सरकार ने संकेत दिए हैं कि आने वाले समय में इस सीमा को ₹15 लाख तक बढ़ाया जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में वितरित होने वाले उर्वरक, केमिकल और पेस्टिसाइड का कम से कम 50 प्रतिशत वितरण सहकारी समितियों और एम0 पैक्स के माध्यम से हो, ताकि किसानों को भरोसेमंद और समय पर संसाधन मिल सकें।

एम0 पैक्स: घाटे से मुनाफ़े तक का सफ़र

जहाँ वर्ष 2017 से पहले प्रदेश के कई जिला सहकारी बैंक डिफॉल्टर घोषित हो चुके थे और उनके लाइसेंस तक रद्द कर दिए गए थे, वहीं आज तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है। मुख्यमंत्री के अनुसार—

एम0 पैक्स ने ₹6,400 करोड़ का व्यवसाय किया

इससे ₹191 करोड़ का शुद्ध मुनाफ़ा प्राप्त हुआ

आज प्रदेश के 49 ज़िला सहकारी बैंक लाभ में हैं

वित्तीय वर्ष 2024–25 में जिला सहकारी बैंकों ने ₹162.02 करोड़ का लाभ दर्ज किया

उत्तर प्रदेश स्टेट कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड को नाबार्ड से ‘A’ श्रेणी की रेटिंग मिलना इस बात का संकेत है कि सहकारी बैंक अब आर्थिक रूप से मज़बूत और पेशेवर ढंग से संचालित हो रहे हैं।

भंडारण, सौर ऊर्जा और आधारभूत ढाँचा

सहकारिता के ज़रिए ग्रामीण बुनियादी ढाँचे में भी बड़ा बदलाव देखने को मिला है।

कोटवापाण्डेय एम0 पैक्स में 1500 मीट्रिक टन क्षमता का गोदाम बनाया गया—जो विश्व के सबसे बड़े अन्न भंडारण केंद्रों में शामिल है

वर्ष 2025–26 में 24 नए एम0 पैक्स में गोदाम निर्माण प्रस्तावित

502 एम0 पैक्स में सोलर रूफटॉप विद्युतीकरण पूरा

अब तक ₹70 करोड़ से 980 एम0 पैक्स का सुदृढ़ीकरण

इसके अलावा, 800 से अधिक नवगठित एम0 पैक्स को सरकार द्वारा वित्तीय सहायता दी जा रही है, जिसमें मार्जिन मनी, पीने का पानी, शौचालय, किसान शेड, कंप्यूटर और अन्य आधारभूत सुविधाएँ शामिल हैं।

‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन कोऑपरेटिव बैंक’ की ओर कदम

प्रदेश सरकार ने ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन कोऑपरेटिव बैंक’ की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में भी ठोस पहल की है। बलरामपुर ज़िले में नए जिला सहकारी बैंक के गठन की प्रक्रिया आगे बढ़ चुकी है। इसका उद्देश्य है—

वित्तीय समावेशन को मज़बूत करना

सरकारी योजनाओं को ज़मीनी स्तर तक पहुँचाना

स्थानीय युवाओं के लिए रोज़गार के नए अवसर पैदा करना

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि जिन 16 सहकारी बैंकों के लाइसेंस पहले जब्त हो चुके थे, उनमें किसानों की ₹4,700 करोड़ की जमा राशि सुरक्षित रूप से वापस कराई गई है और ये बैंक अब दोबारा सुचारु रूप से काम कर रहे हैं।

सस्ते ऋण से छोटे किसानों को राहत

प्रदेश सरकार अब लघु और सीमांत किसानों को 6 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने की दिशा में आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के तहत यह ऋण उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंकों के माध्यम से दिया जाएगा, जिसमें राज्य सरकार ब्याज में हिस्सा वहन करेगी। इससे किसानों पर कर्ज़ का बोझ कम होगा और वे साहस के साथ खेती में निवेश कर सकेंगे।

युवाओं के नाम संदेश

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने युवाओं को सहकारिता आंदोलन का भविष्य बताते हुए कहा कि “युवा ही सहकारिता के शिल्पी हैं”। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे तकनीक, पारदर्शिता और नवाचार के साथ इस क्षेत्र में आगे आएँ।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किया जाना और राष्ट्रीय सहकारिता नीति-2025 का लक्ष्य—2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना—इस बात का संकेत है कि सहकारिता आने वाले वर्षों में भारत की आर्थिक और सामाजिक रीढ़ बनने वाली है।
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