यूपी: धान खरीद में लापरवाही के आरोप में अब तक 792 लोगों पर चला कार्रवाई का हंटर
गाँव कनेक्शन | Dec 19, 2020, 12:48 IST
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में धान खरीद में लापरवाही बरतने और धांधली के आरोप अब तक 792 लोगों के खिलाफ निलंबन, नोटिस जारी, प्रतिकूल प्रविष्टि और जेल भेजने की कार्रवाई हो चुकी है। इसके साथ ही कालाबाजारी कर किसानों का खसरा खतौनी का इस्तेमाल कर धान बेचने वाले कई व्यापारियों-बिचौलियों पर भी कार्रवाई की गई है।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि हर जिले में टीम बनाकर धान क्रय केंद्रों का निरीक्षण किया जाए। साथ ही सभी केंद्रों पर धान की खरीद पूरी क्षमता से हो। इसके साथ ही इस बात का ध्यान रखा जाए कि धान खरीद केवल किसानों से हो।
18 नवंबर को विशेष सचिव खाद्य एवं रसद, एसएफसी के प्रबंध निदेशक उन्नाव जिले में धान खरीदने वाली एजेंसी एसएफसी के मियागंज केंद्र और हसनगंज केंद्र का निरिक्षण किया, जहां दूसरे किसानों के नाम पर धान बेचने की कोशिश कर रहे दो व्यक्तियों के खिलाफ स्थानीय खाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। वहीं प्रयागराज में धान खरीद में लापरवाही पर जिला खाद्य विपणन अधिकारी ने तहसील कोरांव के 5 केंद्र प्रभारियों, 2 पीएयसू, एक नैफेड. 2 एफपीओ, यूपी एग्रो के साथ ही जिला प्रबंधक पीएसयू और जिला प्रबंधक एफपीओ को मिलाकर 9 व्यापारियों समेत 16 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा 18 नवंबर को जारी विज्ञप्ति के मुताबिक प्रदेश में 1 अक्टूबर के बाद से धान खरीद शुरु होने के बाद अब तक 45 रिपोर्ट दर्ज कराई गई हैं जिनमें 43 केंद्र प्रभारी और 53 अन्य व्यक्ति शामिल हैं। 2 संभागीय खाद्य नियंत्रक, एक जिला खाद्य विपणन अधिकारी, 2 जिला प्रबंधक पीएसएयू, 1 जिला प्रबंधक एसएफसी, एक मंडी सचिव, 34 केंद्र प्रभातियों के निलंबन की कार्रवाई की गई है। 08 केंद्र प्रभारियों पर विभागीय कार्यवाही की गई है जबकि 20 केंद्र प्रभारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। वहीं 90 केंद्र प्रभारियों को चेतावनी दी गई है। 433 कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं है जबकि 61 मिलर/ठेकेदार को नोटिस दिए हैं वहीं 03 कर्मचारियों को जेल भी भेजा गया है।]
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने चालू खरीद सीजन 2020-21 में 55 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 19 दिसंबर की दोपहर तक 39.68 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी थी। प्रदेश में 12 लाख 18 हजार 6 सौ 93 किसानों ने अब तक धान बेचने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया है, जिसके एवज में 7 लाख 43 हजार 3 तीन 31 किसानों से धान खरीद हो चुकी है। इसके एवज में किसानों के खातों में 7404329871 रुपए भेजे जा चुके हैं।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि हर जिले में टीम बनाकर धान क्रय केंद्रों का निरीक्षण किया जाए। साथ ही सभी केंद्रों पर धान की खरीद पूरी क्षमता से हो। इसके साथ ही इस बात का ध्यान रखा जाए कि धान खरीद केवल किसानों से हो।
#UPCM श्री @myogiadityanath जी ने कहा कि सभी मण्डलायुक्त और जिलाधिकारी टीम गठित कर धान क्रय केन्द्रों का आकस्मिक निरीक्षण करें। उन्होंने धान खरीद कार्य को पूरी तेजी से संचालित करने के निर्देश दिए हैं।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) December 19, 2020
Food and Civil supplies department, UP has been chosen winner in Digital India Awards 2020 under "Excellence in Digital Governance" category. Congratulations to all the concerned who contributed towards bringing this recognition @UPGovt @sunilverma_ias @mtaugkp8859 @yogendraanu3
— ALOK KUMAR (@74_alok) December 19, 2020
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने चालू खरीद सीजन 2020-21 में 55 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 19 दिसंबर की दोपहर तक 39.68 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी थी। प्रदेश में 12 लाख 18 हजार 6 सौ 93 किसानों ने अब तक धान बेचने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया है, जिसके एवज में 7 लाख 43 हजार 3 तीन 31 किसानों से धान खरीद हो चुकी है। इसके एवज में किसानों के खातों में 7404329871 रुपए भेजे जा चुके हैं।
बावजूद इसके कई जिलों में धान बेचने के लिए किसान हफ्तों और 15 दिन से मंडियों और खरीद केंद्रों में लाइन लगाए हैं। पश्चिमी यूपी खासकर बरेली मंडल में किसानों के दर्वारा सबसे ज्यादा धान में खरीद की बात सामने आई है। लखीमपुर, सीतापुर, शाहजहांपुर, बाराबंकी, सीतापुर, हरदोई आदि में किसान लगातार सोशल मीडिया पर धान खरीद को लेकर हो रही परेशानियों के बारे में लिखते रहे हैं। किसानों का आरोप है कि सरकारी केंद्रों पर धान की समय पर तौल न होने से उन्हें मजबूरी में 1868 रुपए क्विंटल की जगह 1100-1200 रुपए क्विंटल में अपनी उपज बेचनी पड़ रही है। कई जिलों में किसानों ने आरोप लगाया था कि केंद्र प्रभारी उनसे 300-400 रुपए प्रति क्विंटल का कमीशन मांगते हैं तो कई जगहों पर किसानों का धान न तौलकर बिचौलियों का धान तौलने का भी आरोप लगा है। गांव कनेक्शन ने इस संबंध में लगातार स्टोरी और वीडियो किए हैं.. संबंधित खबरें यहां देखिए