बांस की ऐसी कारीगरी, अमेरिका से आने लगे हैं ऑर्डर
Pushpendra Vaidya | Oct 24, 2019, 08:22 IST
बैतूल(मध्य प्रदेश)। जिस बांस की शिल्प कला को जिले में कोई पूछने वाला नहीं था आज वह शिल्प कला देश ही नहीं बल्कि विदेश में पहचानी जा रही है। इस युवा शिल्पी के हुनर के कारण की बांस की बनाई हुई दो बैलगाड़ी जल्द ही अमेरिका जाने वाली हैं।
बांस की शिल्प कला में निपुण प्रमोद बारंगे बैतूल से 15 किलोमीटर दूर खेड़ी गांव के रहने वाले हैं। प्रमोद बांस की खपच्चियों से मनमोहक बैलगाड़ी, कप, नाइट लैंप और घरेलू साज सज्जा की सामग्री बनाते हैं। उनकी यह कला लोगों का ध्यान आकर्षित कर रही है। वे बांस की खपच्चियों से बारीक से बारीक शिल्पकला की सामग्री बनाते हैं। उनका हुनर देख लोग हैरान रह जाते हैं।
प्रमोद देश के बड़े शहरों में बांस से बने सामान की प्रदर्शनियां भी लगाते हैं। वो आगे कहते हैं, "मैं पूना, कलकत्ता, दिल्ली, उड़ीसा, पटना जैसी जगह की प्रदर्शनियों में भी जाता हूं, अभी जल्दी ही मुझे अमेरिका से बैलगाड़ी बनाने का आर्डर मिला है, जल्द ही बैलगाड़ी अमेरिका भेजूंगा, महीने में अच्छी आमदनी हो जाती है, जिससे मेरा घर चल जाता है।"
आज उनकी बनाई हुई बैलगाड़ी, कप, नाईट लैंप देश बड़े शहरों खूब पसंद की जा रही है। बेंगलुरु, पुणे, कलकत्ता, दिल्ली सहित कई बड़े शहरों से उन्हें आर्डर मिल रहे हैं। दीवाली जैसे त्योहारी सीजन पर उन्हें अच्छे खासे आर्डर मिलने लगे हैं।
उनके पिता शिवराम बारंगे कहते हैं, "दिवाली, होली जैसे त्योहारी सीजन में हमेशा से ज्यादा आमदनी हो जाती है, लेकिन हम जो करते थे, प्रमोद उससे बहुत अलग करता है, नई-नई चीजे बनाता है।"
बांस की शिल्प कला में निपुण प्रमोद बारंगे बैतूल से 15 किलोमीटर दूर खेड़ी गांव के रहने वाले हैं। प्रमोद बांस की खपच्चियों से मनमोहक बैलगाड़ी, कप, नाइट लैंप और घरेलू साज सज्जा की सामग्री बनाते हैं। उनकी यह कला लोगों का ध्यान आकर्षित कर रही है। वे बांस की खपच्चियों से बारीक से बारीक शिल्पकला की सामग्री बनाते हैं। उनका हुनर देख लोग हैरान रह जाते हैं।
आज उनकी बनाई हुई बैलगाड़ी, कप, नाईट लैंप देश बड़े शहरों खूब पसंद की जा रही है। बेंगलुरु, पुणे, कलकत्ता, दिल्ली सहित कई बड़े शहरों से उन्हें आर्डर मिल रहे हैं। दीवाली जैसे त्योहारी सीजन पर उन्हें अच्छे खासे आर्डर मिलने लगे हैं।
उनके पिता शिवराम बारंगे कहते हैं, "दिवाली, होली जैसे त्योहारी सीजन में हमेशा से ज्यादा आमदनी हो जाती है, लेकिन हम जो करते थे, प्रमोद उससे बहुत अलग करता है, नई-नई चीजे बनाता है।"