हिमाचल और कश्मीर में ही नहीं, गर्म क्षेत्रों में फल देगी सेब की ये किस्म

Mohit Saini | Jul 23, 2020, 12:12 IST
अभी तक सेब को हिमाचल और जम्मू-कश्मीर जैसे ठंडे प्रदेशों की फसल माना जाता था, लेकिन सेब की नइ किस्म हरिमन-99 को देश के किसी भी प्रदेश मे लगा सकते हैं।
#apple production
बंटी डिगरा, कम्युनिटी जर्नलिस्ट

जम्मू (जम्मू-कश्मीर)। वैसे तो कश्मीर और हिमाचल के सेब देश भर में मशहूर हैं, लेकिन अब आप गर्म मैदानी क्षेत्रों में सेब की खेती कर सकते हैं। यही नहीं सेब की इस किस्म के पेड़ 13 महीने में ही फल भी देने लगते हैं।

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के पिनयाल गाँव के रहने वाले हरिमन शर्मा ने सेब की नई किस्म विकसित की है। सेब की इस किस्म का नाम उन्हीं के नाम पर हरिमन-99 रखा गया है। अपने साथी जम्मू के ऊधमपुर के रहने वाले डॉ केसी शर्मा का साथ मिला ये किस्म तैयार की है। खास बात यह है कि पूरी तरह इंडियन रिसर्च है। केसी शर्मा बताते हैं, "दुनिया मे कोई ऐसा पेड़ नहीं जो 13 महीने में फल देने लगे। इसकी सबसे खास बात यह है कि किसी भी क्षेत्र में ही पेड़ लगाएं,फल मिलेगा अगर आप दिल्ली या मुंबई जैसे बड़े शहर में रहते हैं और घर का सेब खाना चाहते हैं तो अपने घर की छत पर बड़े ड्रम में इस पौधे को लगाकर घर का सेब खा सकते हैं।"

347546-whatsapp-image-2020-07-16-at-120304-pm-1
347546-whatsapp-image-2020-07-16-at-120304-pm-1

जम्मू से लगभग 50 किलोमीटर दूर साहिब बंदगी आश्रम में 800 से अधिक पेड़ लगे हैं जहां प्रतिवर्ष हजारों कुंतल सेब का उत्पादन होता है।

एक पेड़ पर लगते हैं एक कुंतल से ज्यादा फल

डॉ. केसी शर्मा बताते हैं कि हरीमन 99 समर जोन पेड़ पर एक वर्ष में एक पेड़ पर लगभग एक कुंतल से ज्यादा फल मिलते हैं, एक फल का वजन 200 ग्राम से लेकर 306 ग्राम तक होता है और इसपर लगातार फल लगते रहते हैं।

किसी भी प्रकार की मिट्टी में लगा सकते हैं ये किस्म

डॉ. केसी शर्मा आगे बताते हैं, "जरूरी नहीं कि अपने खेत की मिट्टी की टेस्टिंग करायी जाए। यह सेब का पेड़ किसी भी मिट्टी में तैयार हो जाता है। 40 डिग्री से लेकर 46 डिग्री तक पौधे की अच्छी ग्रोथ होती है, अन्य राज्यों में किसान अब सेब की खेती भी कर सकेंगे।"

सेब के साथ कर सकते हैं दूसरी फसलों की खेती

"सेब के साथ-साथ दूसरी फसलों की भी खेती कर सकते हैं। उसमें खीरा, ककड़ी, तरबूज, भिंडी, बैंगन जैसी फसलों को लगाकर किसान दोगुनी कमाई कर सकते हैं। दूसरे राज्यों के इसके साथ दूसरी फसलों की भी खेती कर रहे हैं।" केसी शर्मा ने आगे बताया।

347547-whatsapp-image-2020-07-16-at-120306-pm
347547-whatsapp-image-2020-07-16-at-120306-pm

नेशनल इनोवेशन फॉउंडेशन की भी मुहर

डॉ केसी शर्मा ने बताया कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत काम कर रहे नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन के अनुसार हरीमन 99 सेब को चिलिंग ओवर की जरूरत नहीं पड़ती इस पर इस पर स्कैब रोग भी असर नहीं करता जून की शुरुआत से फलों की तुड़ाई किया जा सकती है देश के सभी राज्यों में यह पौधे लगाए थे जो अब भारी मात्रा में फल दे रहे हैं

इसलिए नहीं पहुंचा आम लोगों तक

बागवानी के क्षेत्र में किस्म 20 साल पहले हो गई थी लेकिन आज भी सेब ठंडे इलाकों का ही फल माना जाता है। ऐसा क्यों हुआ? डॉ. केसी शर्मा कहते हैं कि विभिन्न विश्वविद्यालयों और रिसर्च लैबोरेट्री ने पेड़ में लगे और प्लेट में रखे सेब को देखने के बाद भी इस बात को मानने से इनकार कर दिया कि गर्म इलाके में भी सेब हो सकता है। शायद उनके अहम को यह देखकर ठेस लगती है कि हरिमन शर्मा जैसा किसान तो दसवीं पास भी नहीं है और एक सर्जन कैसे हमें बता सकते हैं कि यह सेब की नई किस्म है जो सेब को लेकर सोच बदल सकती है।

वह कहते हैं कि इसी वजह से इस सेब के प्रसार में इतना समय लगा लेकिन अच्छी बात यह है कि यह अब देश के हर कोने में पहुंच गया है और लोगों को न्यूट्रीशन्स दे रहा है।

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें

डॉ. केसी शर्मा (9419175293)

Tags:
  • apple production
  • apple farming
  • video

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.