यूूपी के इस गाँव में देश-विदेश से आते हैं टूरिस्ट
Kirti Shukla | Apr 06, 2019, 07:03 IST
सीतापुर (उत्तर प्रदेश)। शहर की भागदौड़ से परेशान हर कोई सुकून चाहता है और पहाड़ों पर घूमने जाना चाहता है, लेकिन एक किसान ने अपने गाँव को टूरिस्ट प्लेस बना दिया, आज जहां देश-विदेश से लोग घूमने आते हैं।
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिला मुख्यालय से लगभग 12 किमी. दूर देना गुलरीपुरवा गाँव के किसान अली इमरान अपने खेत को विंटर विलेज बना दिया है। यहां पर दिसंबर से जनवरी माह में देश के अलग-अलग प्रदेशों से ही नहीं बल्कि इजराल तक से लोग आकर के हफ़्तों रात बिता चुके है।
अली इमरान (57 वर्ष) ने बताया, "मुझै वनस्पति व पर्यावरण से काफी लगाव है, जिसके चलते मैंने करीब 2 हेक्टेयर में लीची, अनार, अमरूद, शहतूत, बेल, आँवला, नींबू सहित तमाम प्रकार के औषधीय पेड़ लगा रखे हैं। यहां आने वाले सैलानियों को चूल्हे की गरमा गरम रोटी, मड हाउस, पहली पसंद होते है।
उन्होंने बताया कि यहां स्कूली बच्चे भी पिकनिक मनाने आते है, इसके बच्चों को वनस्पतियो की जानकारी होती हैं।
अली इमरान ने बताया कि नींबू की बाग से एक तो कमाई भी अच्छी होती गई इसके साथ साथ नींबू की खुशबू से हमारा विलेज़ महकता रहता है जिसकी वजह से यहां पर नकारात्मक शक्तियां नष्ट हो जाती हैं, और कीड़े मकोड़े नही होते हैं।
आँवला गुणकारी पेड़ के साथ साथ ऋषियों से है काफ़ी जुड़ाव
अली इमरान ने कहा कि जितने भी ऋषि मुनि हुए है वो अधिकांस ऋषियों ने आँवले के पेड़ के नीचे ही बैठ के तपस्या किया है, तो इसका ये भी एक महत्व है और दूसरा आँवला सेहत के लिए काफी लाभदायक फल है, इसको खाने से बहुत सी बीमारियों से निज़ात मिलती है।
अली इमरान ने बताया की इस विंटर विलेज से गेहू गन्ना की खेती की अपेक्षा काफी फायदा हो रहा है, इसके साथ साथ हमारे किचन में शुद्ध आर्गेनिक सब्ब्जियां व रासायनिक पदार्थ से मुक्त अनाज का खाना मिलता है जो सभी को बहुत पसंद आता है।
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिला मुख्यालय से लगभग 12 किमी. दूर देना गुलरीपुरवा गाँव के किसान अली इमरान अपने खेत को विंटर विलेज बना दिया है। यहां पर दिसंबर से जनवरी माह में देश के अलग-अलग प्रदेशों से ही नहीं बल्कि इजराल तक से लोग आकर के हफ़्तों रात बिता चुके है।
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अली इमरान (57 वर्ष) ने बताया, "मुझै वनस्पति व पर्यावरण से काफी लगाव है, जिसके चलते मैंने करीब 2 हेक्टेयर में लीची, अनार, अमरूद, शहतूत, बेल, आँवला, नींबू सहित तमाम प्रकार के औषधीय पेड़ लगा रखे हैं। यहां आने वाले सैलानियों को चूल्हे की गरमा गरम रोटी, मड हाउस, पहली पसंद होते है।
उन्होंने बताया कि यहां स्कूली बच्चे भी पिकनिक मनाने आते है, इसके बच्चों को वनस्पतियो की जानकारी होती हैं।
नींबू से मिलता है स्वच्छ वातावरण
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आँवला गुणकारी पेड़ के साथ साथ ऋषियों से है काफ़ी जुड़ाव
अली इमरान ने कहा कि जितने भी ऋषि मुनि हुए है वो अधिकांस ऋषियों ने आँवले के पेड़ के नीचे ही बैठ के तपस्या किया है, तो इसका ये भी एक महत्व है और दूसरा आँवला सेहत के लिए काफी लाभदायक फल है, इसको खाने से बहुत सी बीमारियों से निज़ात मिलती है।