कैंसर और मधुमेह समेत 78 दवाइयां होंगी सस्ती
Chandrakant Mishra | Feb 28, 2019, 13:48 IST
सरकार ने कैंसर के इलाज में काम आने वाली गैर-अनुसूचित 42 दवाओं को मूल्य नियंत्रण के दायरे में लाने का फैसला किया है
नई दिल्ली। सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए 78 दवाएं सस्ती की हैं। सरकार के इस कदम से कैंसर, डायबिटीज, संक्रमण और अस्थमा जैसी कई बीमारियों की दवाएं सस्ती हो जाएंगी। सरकार ने कैंसर के इलाज में काम आने वाली गैर-अनुसूचित 42 दवाओं को मूल्य नियंत्रण के दायरे में लाने का फैसला किया है। इसमें व्यापार मार्जिन 30 प्रतिशत पर नियत किया गया है। बुधवार को जारी आधिकारिक बयान में यह कहा गया है।
राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने कीमत नियंत्रण आदेश, 2013 के पैरा 19 के तहत जनहित में असाधारण शक्तियों का उपयोग कर कैंसर के इलाज में उपयोग गैर-अनुसूचित 42 कैंसर दवाओं को व्यापार मार्जिन युक्तिसंगत बनाकर मूल्य नियंत्रण के दायरे में लाने का फैसला किया है।
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औषधि विभाग ने एक अधिसूचना में कहा, इसके तहत सरकार 42 गैर-अनुसूचित दवाओं के व्यापार मार्जिन को 30 प्रतिशत पर नियत करती है और विनिर्माताओं को उत्पाद की पहले बिक्री बिंदु के आधार पर खुदरा मूल्य तय करने को कहा गया है। एनपीपीए के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार इससे 105 ब्रांड का एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) 85 प्रतिशत कम होगा। इससे ग्राहकों को 105 करोड़ रुपये की अच्छी-खासी बचत होगी। फिलहाल अनुसूचित श्रेणी के तहत कैंसर के इलाज में उपयोग 57 दवाएं कीमत नियंत्रण दायरे में हैं।
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जानकारी के मुताबिक़, मूल्य नियंत्रण होने से 105 ब्रांड की दवाओं की एमआरपी में करीब 85 प्रतिशत की कमी आएगी और इसका पूरा फायदा ग्राहकों को मिलेगा। फिलहाल अनुसूचित श्रेणी के तहत कैंसर के इलाज में उपयोग में लाए जाने वाली 57 दवाएं कीमत नियंत्रण दायरे में हैं।
वहीं एनपीपीए ने मधुमेह यानि कि डायबिटीज, कैंसर, अस्थमा और संक्रमण समेत अन्य बीमारियों के इलाज में उपयोग में लाए जाने वाली 36 दवाओं की कीमतें तय की हैं। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ने अपनी अधिसूचना में कहा कि उसने 22 दवाओं की एमआरपी तय की हैं और 14 की उच्च कीमतों को संशोधित किया है। नई कीमतें 8 मार्च से लागू होंगी।
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जिन दवाओं की कीमतों को संशोधित किया गया है, उसमें अस्थमा के इलाज में प्रयोग में लाई जाने वाली बुडेसोनाइड इनहेलेशन और कीटाणुओं के संक्रमण के इलाज के लिए उपयोग में लाए जाने वाले जेंटामाइसिन इंजेक्शन शामिल हैं। वहीं ग्लिकलाजाइड टैबलेट (डायबिटीज टाइप 2 के इलाज के लिये) और कैंसर के इलाज के लिए उपयोगी ट्रास्टुजुमाब इंजेक्शन को भी मूल्य नियंत्रण में शामिल किया गया है।
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राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने कीमत नियंत्रण आदेश, 2013 के पैरा 19 के तहत जनहित में असाधारण शक्तियों का उपयोग कर कैंसर के इलाज में उपयोग गैर-अनुसूचित 42 कैंसर दवाओं को व्यापार मार्जिन युक्तिसंगत बनाकर मूल्य नियंत्रण के दायरे में लाने का फैसला किया है।
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औषधि विभाग ने एक अधिसूचना में कहा, इसके तहत सरकार 42 गैर-अनुसूचित दवाओं के व्यापार मार्जिन को 30 प्रतिशत पर नियत करती है और विनिर्माताओं को उत्पाद की पहले बिक्री बिंदु के आधार पर खुदरा मूल्य तय करने को कहा गया है। एनपीपीए के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार इससे 105 ब्रांड का एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) 85 प्रतिशत कम होगा। इससे ग्राहकों को 105 करोड़ रुपये की अच्छी-खासी बचत होगी। फिलहाल अनुसूचित श्रेणी के तहत कैंसर के इलाज में उपयोग 57 दवाएं कीमत नियंत्रण दायरे में हैं।
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जानकारी के मुताबिक़, मूल्य नियंत्रण होने से 105 ब्रांड की दवाओं की एमआरपी में करीब 85 प्रतिशत की कमी आएगी और इसका पूरा फायदा ग्राहकों को मिलेगा। फिलहाल अनुसूचित श्रेणी के तहत कैंसर के इलाज में उपयोग में लाए जाने वाली 57 दवाएं कीमत नियंत्रण दायरे में हैं।
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वहीं एनपीपीए ने मधुमेह यानि कि डायबिटीज, कैंसर, अस्थमा और संक्रमण समेत अन्य बीमारियों के इलाज में उपयोग में लाए जाने वाली 36 दवाओं की कीमतें तय की हैं। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ने अपनी अधिसूचना में कहा कि उसने 22 दवाओं की एमआरपी तय की हैं और 14 की उच्च कीमतों को संशोधित किया है। नई कीमतें 8 मार्च से लागू होंगी।
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जिन दवाओं की कीमतों को संशोधित किया गया है, उसमें अस्थमा के इलाज में प्रयोग में लाई जाने वाली बुडेसोनाइड इनहेलेशन और कीटाणुओं के संक्रमण के इलाज के लिए उपयोग में लाए जाने वाले जेंटामाइसिन इंजेक्शन शामिल हैं। वहीं ग्लिकलाजाइड टैबलेट (डायबिटीज टाइप 2 के इलाज के लिये) और कैंसर के इलाज के लिए उपयोगी ट्रास्टुजुमाब इंजेक्शन को भी मूल्य नियंत्रण में शामिल किया गया है।
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