प्रोटॉन थेरेपी : रेडिएशन से नहीं प्रभावित होंगी जीवित कोशिकाएं

कैंसर का इलाज तीन तरह से होता है सर्जरी, रेडिएशन और कीमोथेरेपी। रेडिएशन थेरेपी का इस्तेमाल सर्जरी के बाद होता है, ताकि दोबारा कैंसर से बचाव हो सके

Chandrakant MishraChandrakant Mishra   4 Feb 2019 7:30 AM GMT

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प्रोटॉन थेरेपी :  रेडिएशन से  नहीं प्रभावित होंगी जीवित कोशिकाएं

लखनऊ। कैंसर के इलाज के लिए डॉक्टर रोज नई-नई तकनीक की खोज कर रहे हैं। कैंसर के इलाज के लिए 'प्रोटॉन थेरेपी' रेडियोथेरेपी में सबसे नई तकनीक है। कैंसर के मरीजों को रेडियोथेरपी में रेडिएशन देने के लिए एक्सरे का इस्तेमाल किया जाता है। इससे रेडिएशन का असर शरीर के दूसरे हिस्सों पर भी पड़ता है। जबकि प्रोटोन बीम से इलाज करने पर शरीर के प्रभावित हिस्से पर ही रेडिएशन दिया जा सकता है। इससे शरीर के अन्य हिस्सों पर रेडिएशन का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता।

कैंसर का इलाज तीन तरह से होता है सर्जरी, रेडिएशन और कीमोथेरेपी। रेडिएशन थेरेपी का इस्तेमाल सर्जरी के बाद होता है, ताकि दोबारा कैंसर से बचाव हो सके। रेडिएशन से कैंसर कोशिकाएं तो मर जाती हैं, लेकिन इससे स्वस्थ कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचता है। लेकिन प्रोटॉन थेरेपी से यह परेशानी काफी हद तक दूर हो जाती है। इसमें स्वस्थ कोशिकाओं को बचाते हुए सीधे कैंसर प्रभावित क्षेत्र पर रेडिएशन दिया जाता है।

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देश के जाने-माने रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. पोथाराजू महादेव ने एक प्रेस वार्ता में कहा था, " कैंसर से इलाज के लिए 'प्रोटॉन बीम थेरेपी' को एक नवीनतम और कारगर तकनीक है। 'प्रोटॉन बीम थेरेपी' रेडियोथेरेपी में नवीनतम तकनीक है और रेडियोथेरेपी देने के सबसे सटीक तरीकों में से एक है। एक प्रोटॉन एक सकारात्मक चार्ज कण है। उच्च ऊर्जा पर, प्रोटॉन कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर सकता है। यह कैंसर के उपचार में परिवर्तक होने जा रहा है। जिस तरह से रेडियोथेरेपी का अभ्यास किया जाता है, उसके लिए क्रांतिकारी बदलाव की संभावना है।"

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प्रतीकात्मक तस्वीर साभार: इंटरनेट

बीबीडी, लखनऊ के ओरल एंड रेडियोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. डॉक्टर नीता मिश्रा का कहना है, " कैंसर के इलाज की यह एक प्रक्रिया है। पूरी दुनिया में यह तेजी से बढ़ी है, क्योंकि इसका डोज़ वितरण बहुत अच्छा है, जिससे साइड इफेक्ट न्यूनतम हो जाते हैं। इससे उन कैंसर रोगियों को फायदा होगा, जिनके सामने परम्परागत रेडिएशन थैरेपी के जोखिमों के कारण सीमित विकल्प होते थे। इस थेरेपी से इलाज बहुत महंगा है, लेकिन उम्मीद है आने वाले समय में यह सस्ती हो सकती है।"

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पुरुषों के फेफड़े, कोलोरक्‍टल, उदर, पेट और सर ये पांच मुख्‍य जगह हैं, जहां कैंसर फैलता है। वहीं महिलाओं के बीच ब्रेस्‍ट, ओवरी, होंठ, फेंफड़ा और गर्भाशय ग्रीवा में कैंसर तेजी से फैलती है। नेशनल कैंसर रजिस्‍ट्री के मुताबिक, भारतीय महिलाओं में ब्रेस्‍ट कैंसर और सर्वाइकल (ग्रीवा) कैंसर ज्‍यादा होते हैं। इस सभी तरह के कैंसर में प्रोटॉन थेरेपी काफी कारगर है।

इनपुट एजेंसी

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