बिना सर्जरी के लगाया जा सकता है कैप्सूल के आकार का पेसमेकर

गाँव कनेक्शन | Aug 06, 2017, 14:25 IST

नई दिल्ली (भाषा)। स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई नई तकनीकों की आमद के बीच हृदयरोगियों के लिए यह जानकारी राहत वाली हो सकती है कि दिल की धडकनों के नियंत्रण के लिए अब परंपरागत पेसमेकर की जगह कैप्सूल के आकार के पेसमेकर आये हैं जिन्हें बिना सर्जरी के लगाया जा सकता है।

हाल ही में राजधानी के एक अस्पताल में एक रोगी का उपचार इस तरीके से किया गया है। मैक्स देवकी देवी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की कार्डियक इलेक्ट्रोफिसियोलॉजी लैब की निदेशक डॉ. वनिता अरोड़ा ने पिछले दिनों 37 साल के एक रोगी का इस तरह से उपचार किया। जब रोगी डॉ. वनिता के संपर्क में आया तो उसके दिल की स्थिति को देखकर तत्काल पेसमेकर लगाने की जरुरत महसूस हुई।

विशेषज्ञों के मुताबिक पिछले 60 साल में पेसमेकर के निर्माण और क्लीनिकल उपयोग में महत्वपूर्ण विकास हुआ है। चिकित्सा जगत में पहले बैटरी संचालित बाहरी पेसमेकर को चमत्कार की संज्ञा दी गयी थी।

अब छोटे आकार का माइक्रा ट्रांसकैथेटर पेसिंग सिस्टम (टीपीएस) आया है जिसे दुनिया का सबसे छोटा पेसमेकर होने का दावा किया जाता है। विटामिन के कैप्सूल के आकार के इस पेसमेकर को उसी तरह लगाया जाता है जिस तरह एंजियोप्लास्टी में स्टेंट लगाया जाता है। रोगी के दांये पैर की धमनी के माध्यम से पतले स्टेंट की तरह इसे पतली लीड की मदद से दांये वेंट्रिकल में लगाया जाता है।

डॉ. वनिता ने बताया कि इसे बिना सर्जरी के लगाया जा सकता है। वैश्विक परीक्षणों में इसकी सफलता दर 99 प्रतिशत आंकी गयी है। इसके अलावा परंपरागत पेसमेकर की तुलना में इसमें 48 प्रतिशत कम जटिलताएं हैं। उन्होंने कहा कि पिछले पांच दशक में भारत में पेसमेकर के मामले में लगातार तकनीकी विकास हुआ है। इनका आकार कम हुआ है और कार्यक्षमता और विश्वसनीयता बढी है। इनकी बैटरी भी ज्यादा समय तक चलती हैं।



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