कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह जैसे रोगों से होने वाली मौतें 70% तक बढ़ीं, फॉर्मूला-80 करेगा आपकी सुरक्षा

गाँव कनेक्शन | Aug 04, 2017, 13:23 IST
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नई दिल्ली (आईएएनएस)। देश में कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह और फेफड़ों की बीमारियों जैसे असंक्रामक रोगों (एनसीडी) से होने वाली मौतों के मामले 70 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। यह आंकड़ा तीन साल पहले 42 प्रतिशत था। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के मुताबिक, एनसीडी का भार भारत में तेजी से बढ़ रहा है।

देश में इन रोगों के चलते, प्रति चार में से एक व्यक्ति को 70 साल की उम्र तक पहुंचने से पहले ही मृत्यु का खतरा बना रहता है। एनसीडी एक ऐसी मेडिकल कंडीशन या बीमारी है, जो लोगों के बीच किसी संक्रमण से नहीं फैलती। प्रमुख एनसीडी रोग व्यवहार संबंधी जोखिम वाले चार कारणों से होते हैं-अस्वास्थ्यकर आहार, शारीरिक गतिविधि की कमी और तंबाकू व शराब का सेवन। भारत में एनसीडी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों को उनके पैटर्न और लोगों में समझदारी की कमी के चलते रुकावट आ रही है।

आईएमए के अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल ने कहा, "एनसीडी स्वास्थ्य एवं विकास संबंधी आपातकाल की तरह है। अंधाधुंध और अनियोजित शहरीकरण, अस्वास्थ्यकर जीवनशैली और लोगों की उम्र बढ़ते जाने जैसे कारणों से ऐसे रोग निरंतर बढ़ रहे हैं। अस्वास्थ्यकर भोजन करने के अलावा लोग शारीरिक क्रियाकलापों को भी नजरअंदाज करते हैं। इससे उच्च रक्तचाप हो सकता है और फिर रक्त शर्करा व रक्त लिपिड बढ़ने से मोटापा शुरू हो जाता है।"

gaoconnection उन्होंने कहा कि ये मेटाबॉलिक जोखिम वाले कारक कहलाते हैं, जो आगे चल कर हृदय रोग और समय से पहले मृत्यु की वजह बन सकते हैं। जोखिम वाले कारकों को नियंत्रित करके एनसीडी की समस्या पर काबू पाया जा सकता है। हाल के एक अध्ययन में बताया गया है कि 2030 तक एनसीडी से होने वाले नुकसान में निरंतर वृद्धि होने की आशंका है। इस सबका असर मौत के साथ-साथ जेब से होने वाले व्यय सहित जीवन के तमाम पहलुओं पर पड़ना तय है।

उन्होंने बताया, "एनसीडी रोगों के इलाज के लिए उपलब्ध दवाएं बहुत महंगी नहीं हैं। हालांकि, एनसीडी के बोझ को कम करने के लिए सबसे प्रभावी रणनीति वास्तव में स्वास्थ्य प्रणाली से बाहर हैं। तंबाकू के धुएं का खतरा कम करके, बीमारियों के इस समूह से निपटने के लिए आहार में नमक की खपत को कम करना होगा और शारीरिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करना होगा।"

एनसीडी को रोकने के लिए फॉर्मूला-80 का पालन किया जा सकता है

  • अपनी फास्टिंग शुगर को 80 मिलीग्राम से कम रखें
  • शराब लेने से बचें। पीना ही पड़े तो दिन में 80 मिली अल्कोहल ही लें
  • भोजन में 80 ग्राम से अधिक कैलोरी नहीं होनी चाहिए
  • एक बार में शीतल पेय की मात्रा 80 मिली तक सीमित करें
  • तंबाकू उत्पादों का उपभोग न करें
  • रक्तचाप 80 एमजीएच एचजी और हृदय की दर 80 प्रति मिनट से कम रहे
  • सप्ताह में 80 मिनट के लिए एरोबिक व्यायाम करें
  • हफ्ते में 80 मिनट के लिए स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें
  • सप्ताह में कम से कम 80 बार फलों और सब्जियों का सेवन करें
  • सप्ताह में 80 मिली से ज्यादा घी, तेल और मक्खन का उपभोग न करें


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