किडनी की बीमारी से बचना है तो इन 15 बातों का रखें ध्यान

विश्व स्तर पर मनुष्य की सेहत को संक्रामक बीमारियों की तुलना में उच्च रक्त चाप, ह्रदय संबंधी रोग, मधुमेह व गुर्दे की बीमारियों से ज्यादा खतरा है, आज प्रत्येक 10 में से 1 वयस्क व्यक्ति गुर्दे की किसी ना किसी बीमारी से ग्रस्त है

Chandrakant MishraChandrakant Mishra   14 March 2019 5:20 AM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
किडनी की बीमारी से बचना है तो  इन 15 बातों का रखें ध्यान

लखनऊ। गलत दिनचर्या, जीवनशैली में बदलाव और खानपान की गलत आदतों के कारण भारत में किडनी के मरीजों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है। अगर आप शारीरिक रूप से मोटे हैं, धूम्रपान करते हैं, मधुमेह अथवा हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हैं ऐसे में आपको चाहिए कि आप अपने गुर्दों के स्वास्थ्य कि जाँच एक बार अवश्य करवा लें। ऐसा करके आप स्वस्थ गुर्दों को खराब होने से बचा सकते हैं।

यदि समय रहते गुर्दे के स्वास्थ्य के बारे में जाँच करा ली जाए तो अनेक गंभीर बीमारियों से अपने शरीर को बचा सकते हैं। विश्व स्तर पर आज मनुष्य के स्वास्थ को संक्रामक रोगों कि अपेक्षा उच्च रक्त चाप, ह्रदय संबंधी रोग, मधुमेह व गुर्दे की बीमारियों से ज्यादा खतरा है। आज प्रत्येक 10 में से 1 वयस्क व्यक्ति गुर्दे की किसी ना किसी बीमारी से ग्रस्त है।

ये भी पढ़ें: 'हमारे देश की समस्या ये है कि बिना प्रिस्क्रिप्शन के मिल जाती हैं एंटीबायोटिक्स'

मोटापे क वजह से किडनी के साथ-साथ तमाम बीमारियां घेर लेती हैं। साभार:इंटरनेट

किडनी रोग का सबसे बड़ा कारण मोटापा

पैन इंडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत में किडनी रोगों के 50 प्रतिशत से ज्यादा मामलों में इसकी वजह मोटापा पाया गया है। कई लोग शरीर से मोटे नहीं होते हैं लेकिन उनका पेट निकला हुआ होता है। क्रॉनिक किडनी डिजीज का सबसे बड़ा कारण यही पेट का मोटापा है। दरअसल किडनी की बीमारी के लक्षण उस वक्त उभरकर सामने आते हैं, जब किडनी 60 से 65 प्रतिशत डैमेज हो चुकी होती है। इसलिए इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है।

संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ के नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रो. नरायन प्रसाद ने बताया, " भारतीय लोगों में मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ रही है। पिज्जा, चीप्स, बर्गर, सोडा का प्रयोग बहुत ज्यादा कर रहे हैं, जिससे रक्तचाप और मधुमेह का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। इन चीजों का प्रयोग करने से गुर्दे काफी खराब हो जाते हैं। हमें ऐसी चीजों को खाने से बचना चाहिए। नमक का सेवन कर करना चाहिए। "

ये भी पढ़ें: कैंसर को न्यौता दे रहा है प्लास्टिक प्रदूषण, बढ़ रहा है खतरा


नेफ्रोप्लस के संस्थापक और सीईओ विक्रम वुप्पला ने एक साक्षात्कार में कहा था, "एक शोध में पता चला है कि अमेरिका और ब्रिटेन के मुकाबले भारत में 52 साल की उम्र के मरीजों को डायलिसिस की जरूरत शुरू हो जाती है जबकि उन देशों में इसकी जरूरत 67 साल की उम्र के बाद शुरू होती है। सबसे जरूरी बात यह है कि भारत में विकसित देशों के मुकाबले 15 साल पहले ही यह बीमारी देश पर हमला कर रही है। गुर्दे का निष्प्रभावी होना एक बड़ी चिंता है। "

इन बातों का रखें ध्यान

- अपने रक्तचाप को नियंत्रित रखें

- मधुमेह रोगी ब्लड शुगर को नियंत्रित रखे

- अनावश्यक दर्द की गोलियां न खाएं

- बिना विशेषज्ञ की सलाह के एंटीबायोटिक न लें

- तंबाकू न खाएं और न चबाएं

- अधिक नमक या मीठे का सेवन न करें

- अपने गुर्दा रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें

ये भी पढ़ें: अब कैंसर का इलाज कराना होगा सस्ता, 390 दवाइयों के दाम घटे

स्वस्थ रहने के लिए तंबाकू का हाथ न लगाएं। फोटो: इंटरनेट

- हर रोज आहार में सेब को जरूर शामिल करें

- फाइबर युक्त सेब किडनी के लिए बहुत फायदेमंद है

- दिन में एक बार अदरक की चाय पीने से लाभ होता है।

- खाने के साथ प्याज का स्लाद खाने से भी किडनी को फायदा मिलता है

- लाल शिमला मिर्च भी किडनी के लिए सही है

- दही का सेवन करने से किडनी की इंफैक्शन दूर हो जाती है

- पेशाब को रोक कर रखने की आदत छोड़ दें

- नियतमित रूप से व्यायाम जरूर करें

ये भी पढ़ें: जानें एंटी डिप्रेशन दवाओं से जुड़ी भ्रांतियां

समय-समय पर अपनी जांच कराते रहें। साभार: इंटरनेट

ये होते हैं किडनी के कार्य

- विषैले पदार्थों को शरीर में जमने नहीं देना

- सोडियम,पोटाशियम और फॉस्फेट की मात्रा को नियंत्रित करना

- हड्डियों को मजबूत करने वाले हॉर्मोंस का निर्माण करना

- दिल की कार्य क्षमता में वृद्धि

- रक्त में पानी की मात्रा को नियंत्रित रखना

ये भी पढ़ें: केजीएमयू में खुलेगा नवजात शिशुओं के लिए यूपी का पहला मदर मिल्क बैंक


किडनी खराब होने के संकेत

-पेशाब करने में दिक्कत होना

-पेशाब में जलन होना

-बार-बार पेशाब आना

-कंपकंपी के साथ बुखार आना

-कमजोरी और थकान बिना वजह होना

- हाथों-पैरों में सूजन आना

ये भी पढ़ें:जानिए जुकाम और फ्लू में अंतर, जुकाम को साधारण बीमारी समझकर न करें लापरवाही

ये बुरी आदतें भी किडनी को करती हैं प्रभावित

बाहर का भोजन खाना, गलत दिनचर्या के साथ-साथ ये आदती भी हमारी किडनी को प्रभावित करती हैं। किडनी को खराब करने में कुछ अन्य आदतें जैसे, बहुत ज्यादा शराब पीना, पर्याप्त आराम न करना, सॉफ्ट ड्रिंक्स और सोडा ज्यादा लेना, देर तक भूखा रहना या दूषित भोजन करना, हाईपरटेंशन का इलाज ना कराना तथा बहुत ज्यादा मांस खाना भी कुछ ऐसी आदते हैं जिनकी वजह से किडनी को भारी नुकसान पहुंचता है। ऐसे में ऐसी आदतों को जल्द से जल्द बदल देनी चाहिए, जिससे स्वस्थ रह सकें।

ये भी पढ़ें: कैसे करें एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल: डॉक्टरों के लिए विशेष गाइडलाइन्स

   

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.