सीने के आरपार हुई थी रॉड, डॉक्टरों ने बचाई जान

Deepanshu MishraDeepanshu Mishra   9 Sep 2017 9:23 PM GMT

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सीने के आरपार हुई थी रॉड, डॉक्टरों ने बचाई जानसर्जरी के बाद समीर मिश्रा को मिल गया नया जीवन।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। गोंडा के रहने वाले समीर मिश्रा लखनऊ किसी काम के सिलसिले में आए थे। गत 27 अगस्त को वह अपनी गाड़ी से वापस लौट रहे थे कि एक भीषण हादसे के शिकार हो गए। दूसरी दिशा से आ रहे मिनी ट्रक से निकला लोहे का एंगल उनके सीने के आरपार हो गया। उन्हीं बुरी तरह जख्मी हालत में मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया। यहां घंटों चली सर्जरी के बाद समीर मिश्रा को नया जीवन मिल गया।

ऑपरेशन टीम में शामिल चिकित्सकों ने बताया कि मरीज को मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर के सर्जरी इमरजेंसी में गंभीर हालत में लाया गया था। मरीज के सीने से आरपार हुए एंगल के कारण बहुत ज्यादा खून निक चुका था। मरीज के लिए सांस लेना भी मुश्किल था। लिहाजा, ऑक्सीजन और रक्त का इंतजाम करते हुए तुरंत ऑपरेशन का निर्णय लिया गया।

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डॉक्टरों के मुताबिक, ऑपरेशन कक्ष में मरीज को बेहोशी देने के लिए सीधे लेटने में कठिनाई के कारण बाएं तरफ की स्थिति में बेहोशी की नली डाली गई और दाएं तरफ से छाती को खोलकर ऑपरेशन शुरू किया गया। छाती में लगभग एक लीटर रक्त का जमाव था, जिसे साफ किया गया। छाती में फेफड़े का ऊपरी हिस्सा क्षतिग्रस्त था और एक रक्त नलिका से लगातार खून का रिसाव हो रहा था।

लोहे के एंगल को निकालकर फेफड़े को सिला गया। एंगल को छाती से निकालकर सारी स्थितियों को नियंत्रित करके छाती की नाली को बंद किया गया। ऑपरेशन और मरीज का रक्तचाप और ऑक्सीजन नियंत्रण में आने के बाद उसे बेहोशी से बाहर लाया गया। अगले कुछ दिनों में मरीज की हालत में तेजी से सुधार आया और उसे गत पांच सितंबर को डिस्चार्ज कर दिया गया।

ऑपरेशन टीम में ये रहे शामिल

प्रो.संदीप तिवारी, डॉ.समीर मिश्रा, डॉ अनीता सिंह, डॉ अनुराग, डॉ अजय पांण्डेय और डॉ निधि शुक्ला।

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