अचानक मांसपेशियों में होने वाला खिंचाव लंबे समय तक दे सकता है दर्द
Shrinkhala Pandey | Sep 29, 2017, 13:39 IST
लखनऊ। अक्सर कोई भारी सामान उठाते हुए, खेलते या दौड़ते हुए अचानक मांसपेशियों में खिंचाव आ जाता है। कभी कभार तो ये थोड़े समय में सही हो जाता है लेकिन ये लंबी समस्या भी बन सकती है। इसके बारे में बता रहे हैं लखनऊ के आर्थोपेडिक डॉ शुभ मल्होत्रा--
पूरे शरीर में फैली मांसपेशियां शरीर की ताकत होती हैं। ये शरीर को मजबूती देने के साथ ही लचीलापन भी देती हैं। ऐसे में इनमें होने वाला खिंचाव पीड़ा के साथ ही बहुत बेचैनी भी पैदा कर देता है। मसल्स में खिंचाव का मतलब है मसल्स का जरूरत से ज्यादा खिंच जाना या फट जाना। ऐसा तब होता है जब मांसपेशियों का अत्यधिक प्रयोग लगातार किया जाए, उन्हें बहुत थका दिया जाए या गलत तरीके से मसल्स का उपयोग किया जाए।
मांसपेशियों के खिंचाव की समस्या यूं किसी भी मसल में हो सकती है लेकिन मुख्यतौर पर यह लोअर बैक, कंधे, गर्दन तथा घुटने के पीछे की मसल्स में ज्यादा होती है। सामान्य खिंचाव में घरेलू इलाज जैसे बर्फ की सिकाई, गर्म सिकाव या साधारण सूजन दूर करने वाली दवाओं से आराम हो सकता है लेकिन गंभीर खिंचाव के केसेस में उचित इलाज की जरूरत हो सकती है। गंभीर केसेस में कई बार छोटी ब्लड वेसल्स को भी नुकसान पहुंच सकता है।
साधारण मसल्स खिंचाव में जहां थोड़े आराम और इलाज से कुछ हफ्तों में लाभ मिल सकता है वहीं गंभीर मामलों में पर्याप्त इलाज के साथ लगभग कुछ महीनों का समय ठीक होने के लिए लग सकता है। इसलिए मसल्स में खिंचाव के बाद कुछ दिनों में सामान्य इलाज से लाभ न मिले तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें। जितना जल्दी उपाय करेंगे तकलीफ उतनी ही जल्दी ठीक होगी।
क्यों होता है खिंचाव
मांसपेशियों के खिंचाव की समस्या यूं किसी भी मसल में हो सकती है लेकिन मुख्यतौर पर यह लोअर बैक, कंधे, गर्दन तथा घुटने के पीछे की मसल्स में ज्यादा होती है। सामान्य खिंचाव में घरेलू इलाज जैसे बर्फ की सिकाई, गर्म सिकाव या साधारण सूजन दूर करने वाली दवाओं से आराम हो सकता है लेकिन गंभीर खिंचाव के केसेस में उचित इलाज की जरूरत हो सकती है। गंभीर केसेस में कई बार छोटी ब्लड वेसल्स को भी नुकसान पहुंच सकता है।
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लक्षण
- मसल्स के खिंचने पर तेज दर्द के साथ ही कुछ अन्य लक्षण भी नजर आते हैं। इनमें शामिल हैं-
- सूजन
- यदि किसी खुली चोट की वजह से मसल्स फटी या टूटी हैं तो खुला घाव नजर आना
- त्वचा का लाल हो जाना या नील पड़ जाना
- चलने-फिरने में कठिनाई आना
- बेचैन करने वाला दर्द और आराम के दौरान भी दर्द का बने रहना
- प्रभावित स्थान पर त्वचा के रंग का बदल जाना, अकड़न महसूस होना
- मसल्स स्पाज्म यानी मांसपेशियों में ऐंठन
- कमजोरी महसूस होना।
कैसे करें उपचार
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ध्यान दें
- नियमित व्यायाम या शारीरिक गतिविधियों से। शरीर को जितना लचीला बनाए रखेंगे, मसल्स उतनी ही अच्छी स्थिति में रहेंगी।
- लंबे समय तक खड़े या बैठे रहने, एक ही स्थिति में रहकर किसी काम को करने या किसी भी तरह से मांसपेशियों को आवश्यकता से अधिक थकाने से बचाना।
- व्यायाम करने से पहले वॉर्म अप जरूर करना।
- एकदम से बहुत ज्यादा व्यायाम न करना।
- सही पोषण न लेना ।
- शरीर को एक्टिव बनाए रखना।
- पैरों को आराम देने और फिसलने से बचाने वाले फुटवेयर पहनें। कोशिश करें कि रोजमर्रा के जीवन में आरामदायक, कुशन वाले, बिना हील के जूते या फुटवेयर चुनें।