अब बुरी यादों से छुटकारा पाना होगा आसान

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अब बुरी यादों से छुटकारा पाना होगा आसानबुरी यादें। (फोटो-इंटरनेंट साभार)

नई दिल्ली। एक नए अध्ययन से पता चली है कि पिछले घटनाओं की अन्य महत्वपूर्ण यादों को प्रभावित किए बिना चिंता और पोस्ट-स्ट्राइक डिसऑर्डर (PTSD) को ट्रिगर करने वाली यादें मिट सकती हैं। शोधकर्ताओं ने इस बारे कहा कि इससे ऐसी दवाओं को विकसित करने में मदद मिल सकती है जो मरीज की सामान्य यादों को प्रभावित किए बिना चिंता का इलाज कर सकते हैं।

मस्तिष्क न्यूरॉन्स के बीच कनेक्शन की ताकत बढ़ाकर समय के साथ-साथ हमारी यादों को लंबे समय तक सम्भाले रखता है। जर्नल करेंट बायोलोजी में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार इसका परीक्षण समुद्री घोंघे एप्लीसिआ के एक मोटर न्यूरॉन से जुड़े दो संवेदी न्यूरॉन्स को उत्तेजित करके किया गया। एक सेंसर न्यूरॉन को यादें पैदा करने के लिए प्रेरित किया गया था, वहीं दूसरे को एक गैर-संगठित यादों को प्रेरित करने के लिए प्रेरित किया गया था।

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मेडिकल सेंटर (सीयूएमसी) में तंत्रिका विज्ञान के प्रोफेसर सैमुएल बताते है "उदाहरण के लिए यदि आप बहुत ज्यादा अपराध क्षेत्र में चल रहे हैं और आप एक गहरे गली के माध्यम से एक शॉर्टकट लेते हैं भटकने लगतें हैं, तभी आप पास का एक मेलबॉक्स देखने लगते हैं, ऐसे जब आप चाहें तब बहुत परेशान हो सकते हैं। उदाहरण में, गहरे गलियों का डर एक सहयोगी यादें हैं जो पिछले अनुभव के आधार पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। मेलबॉक्स का डर हालांकि एक आकस्मिक, गैर-संगठनात्मक याद है जो प्रत्यक्ष रूप से दर्दनाक घटना से संबंधित नहीं है।

हर कनेक्शन की ताकत को मापने पर शोधकर्ताओं ने पाया कि अलग-अलग उत्तेजनाओं द्वारा बने प्रत्येक कनेक्शन की ताकत में वृद्धि को प्रोटीन किनेस एम (पीकेएम) अणु (एसोसिएटेटिक सिनाप्टिक मेमोरी और पीकेएम के लिए पीकेएम एप 3) के एक अलग रूप द्वारा बनाए रखा गया था। जबकि हर यादों को को मिटाया जा सकता है, दूसरे को प्रभावित किए बिना। पीकेएम अणुओं में से एक को रोक कर ये संभव हो पाएगा। वैज्ञानिकों ने पाया कि विशेष अन्तर्ग्रथनी यादें अन्य अणुओं के अलग-अलग संस्करणों के काम को रोकर मिटाई सकती हैं, जो पीकेएम को बनने से रोकती हैं।

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