इस एप की मदद से टीबी मरीजों को रोज-रोज नहीं जाना पड़ेगा अस्पताल 

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इस एप की मदद से टीबी मरीजों को रोज-रोज नहीं जाना पड़ेगा अस्पताल प्रतीकात्मक फोटो 

वाशिंगटन (भाषा)। वैज्ञानिकों ने स्मार्ट‍फोन पर चलने वाला वीडियो आधारित एक ऐसा एप विकसित किया है जो तपेदिक (टीबी) के इलाज के लिए मरीजों को रोज-रोज अस्पताल जाने की मुसीबत से राहत दिलाएगा और इलाज को ज्यादा प्रभावी बनाएगा।

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अमेरिका की जॉन्स हॉपकन्सि यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने ओपन फोरम इंफेक्शियस डिजीजेस पत्रिका में इस एप का ब्यौरा दिया है जो वीडियो के जरिए डायरेक्टली ऑब्जर्व्ड थैरेपी (डॉट) मुहैया कराता है।

यूनिवर्सिटी के एक शोधकर्ता सैमुअल होल्जमैन ने कहा, "हमारा मानना है कि वीडियो डॉट दवाईओं और इलाज के लिए रोज-रोज अस्पताल जाने का एक बेहतर विकल्प है जो समान रूप से प्रभावी है और मरीजों को बिना किसी तनाव के इस बीमारी से लड़ने के लिए सशक्त भी बनाता है।"

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तपेदिक में इलाज के प्रति मरीजों की प्रतिबद्धता बहुत जरूरी है। इस इलाज के दौरान कई बार संक्रमण से पीड़ित लोगों को घर में दूसरों से अलग रहने को कहा जाता है। होल्जमैन कहते हैं कि बीमारी की गंभीरता को देखते हुए इन उपायों का पालन करने को कहा जाता है।

अनुसंधानकर्ताओं ने वीडियो डॉट के प्रभाव को समझाने के लिए स्मार्टफोन एप्लिकेशन का इस्तेमाल कर एक प्रायोगिक अध्ययन किया और पाया कि व्यक्तिगत तौर पर अस्पताल जाकर दवा लेने और वीडियो डॉट के सहारे खुराक लेने में मरीज की प्रतिबद्धता में कोई खास अंतर नहीं देखा गया।

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