आंखों से जुड़ी बीमारियों से रहना है दूर तो विटामिन ए जरूरी
Shrinkhala Pandey | Sep 08, 2017, 14:55 IST
लखनऊ। शरीर का हर अंग अपने आप में महत्वपूर्ण है, लेकिन आंखें बहुत नाजुक होती हैं इसलिए उनका ख्याल रखना भी बहुत जरूरी है। विटामिन ए फैट सॉल्यूबल विटामिन है और 13 आवश्यक विटामिनों में से एक है। आंखों से जुड़ी कई सारी गतिविधियों के सही संचालन के लिए विटामिन ए आवश्यक होता है, जिसमें कलर विजन और लो लाइट विजन शामिल हैं। पाचन तंत्र को सुरक्षा प्रदान करने के लिए भी यह विटामिन आवश्यक होता है।
इस परेशानी से बचने के लिए क्या क्या उपाय हैं इसके बारे में बता रहे हैं लखनऊ के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ आलोक माहेश्वरी-
विटामिन ए की अधिकता होने पर विटामिन सी, ई और के की कमी होने लगती है। अत्यधिक मात्रा में विटामिन ए होने पर उसके लक्षण 6 घंटे के अंदर ही नजर आने लगते हैं और सप्लीमेंट बंद करने के कुछ हफ्तों के बाद ही ये लक्षण चले जाते हैं। वयस्कों की तुलना में बच्चे विटामिन ए के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। इसलिए विटामिन ए के सप्लीमेंट को बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
विटामिन ए डिफिशिएंसी से कई सारी समस्याएं उभरकर सामने आने लगती हैं और साथ ही इसकी अधिकता भी शरीर में टॉक्सीसिटी पैदा करती है।
रतौंधी : विटामिन ए की कमी के सबसे प्रमुख लक्षण रतौंधी या आंखों की कम रोशनी के रूप में नजर आते हैं। रतौंधी की समस्या में कम रोशनी की स्थिति में व्यक्ति देख नहीं पाता। लेकिन सामान्य रोशनी में चीजों को स्पष्ट देख सकता है।
ड्राय आइज : विटामिन ए डिफिशिएंसी की स्थिति में क्रॉनिक ड्राय आइज की समस्या होती है। इसमें आंसुओं का निर्माण नहीं होता, आंखों में चुभन और खुजली जैसी महसूस होती है। आंखों की पुतलियां भी कड़ी महसूस होती हैं। वैसे यह स्थिति कई अन्य कारणों से भी हो सकती है।
कॉर्निया डिसऑर्डर और ब्लाइंडनेस : विटामिन ए की गंभीर कमी के कारण कॉर्निया का रंग सफेद होने लगता है और अंधेपन की नौबत आ जाती है। ऐसा लंबे समय तक विटामिन ए की कमी के कारण होता है।
इस परेशानी से बचने के लिए क्या क्या उपाय हैं इसके बारे में बता रहे हैं लखनऊ के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ आलोक माहेश्वरी-
खान-पान से करें पूर्ति
- विटामिन ए डिफिशिएंसी की हल्की समस्या में विटामिन ए से भरपूर खाद्य पदार्थों को भोजन में शामिल करने से मदद मिल सकती है। ऐसे खाद्य पदार्थों में शामिल हैं :
- गाजर, पालक, शकरकंद, शिमला मिर्च
- राजमा, हरी पत्तेदार सब्जियां
- यदि आपको लगता है कि भोजन द्वारा इसके लक्षणों पर फर्क नहीं पड़ रहा तो तुरंत ही डॉक्टर की सलाह लें।
ओवरडोज की स्थिति
विटामिन ए डिफिशिएंसी से कई सारी समस्याएं उभरकर सामने आने लगती हैं और साथ ही इसकी अधिकता भी शरीर में टॉक्सीसिटी पैदा करती है।
विटामिन ए की कमी से ये बीमारियां
ड्राय आइज : विटामिन ए डिफिशिएंसी की स्थिति में क्रॉनिक ड्राय आइज की समस्या होती है। इसमें आंसुओं का निर्माण नहीं होता, आंखों में चुभन और खुजली जैसी महसूस होती है। आंखों की पुतलियां भी कड़ी महसूस होती हैं। वैसे यह स्थिति कई अन्य कारणों से भी हो सकती है।
कॉर्निया डिसऑर्डर और ब्लाइंडनेस : विटामिन ए की गंभीर कमी के कारण कॉर्निया का रंग सफेद होने लगता है और अंधेपन की नौबत आ जाती है। ऐसा लंबे समय तक विटामिन ए की कमी के कारण होता है।
ये लक्षण भी हैं
- खाने में स्वाद महसूस न होना
- घाव भरने में समय लगना
- आंखों के कॉर्नर में सफेद धब्बे हो जाना
- आंखों से जुड़ी अन्य समस्याएं जैसे कंजंक्टिवाइटिस
- ड्राय स्किन, सूखे, बेजान बाल
- टूटते नाखून कमजोर इम्यून सिस्टम