योग कनेक्शन: निरोग रहने के लिए योग जरूरी
गाँव कनेक्शन | Apr 18, 2018, 12:53 IST
आप शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ रहना चाहते हैं तो आपको अपने दैनिक जीवन के क्रियाकलापों में संतुलन बनाए रखना होगा। नित्य समय पर सोकर उठना, संतुलित आहार लेना और शारीरिक चपलता बनाए रखने के लिए खुद को सक्रीय बनाए रखना और सही समय पर सो जाना आदि बेहद जरूरी है।
दैनिक क्रिया कलापों की तरह व्यायाम योग आदि को भी महत्वपूर्ण मानकर अपनाना जरूरी है, लेकिन हमेशा किसी एक्सपर्ट की निगरानी में ताकि हम स्वस्थ और विकार रहित रहें। साथ ही सही तरीकों से इन्हें कर पाएं। इस सप्ताह से योगानंता (स्टूडियो ऑफ योगा) की फाउंडर रेखा हमारे पाठकों को लिए योगासन से जुड़ी कुछ बारीक जानकारियों को साझा करेंगी। इस लेख में वज्रासन के बारे में बताया जा रहा है...
वज्रासन दो शब्दों का मेल है वज्र + आसन। वज्र का मतलब होता है कठोर अथवा मजबूत। इस आसन के अभ्यास से शरीर मजबूत बनता है। यह एक साधनात्मक मुद्रा है और यह एक मात्र ऐसा आसन है जिसे भोजन संपन्न होने के बाद भी कर सकते हैं। इस आसन को दिन या शाम दोनों वक्त कर सकते हैं।
- वज्रासन करने के लिए किसी साफ समतल जगह पर अपना आसन बिछाएं।
- आसन पर घुटनों के बल बैठें तथा पंजों को पीछे फैलाकर एक पैर के अंगूठे को दूसरे अंगूठे पर रख दें।
- इस मुद्रा में आपके घुटने पास-पास किन्तु एड़ियां अलग-अलग होनी चाहिए।
- आपका नितम्ब दोनों पंजो के बीच में होना चाहिए और एड़ियां कूल्हों की तरफ होनी चाहिए। अब अपनी हथेलियों को घुटनो पर रखें।
- आप अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार वज्रासन का अभ्यास कीजिए, बाद में वापिस सामान्य अवस्था में आ जाएं।
- भोजन के बाद वज्रासन करना हो तो भोजन संपन्न होने के बाद कम से कम 5 मिनट के बाद ही इसे करें।
(रेखा: फाउंडर, योगानंता-स्टूडियो ऑफ योगा)
दैनिक क्रिया कलापों की तरह व्यायाम योग आदि को भी महत्वपूर्ण मानकर अपनाना जरूरी है, लेकिन हमेशा किसी एक्सपर्ट की निगरानी में ताकि हम स्वस्थ और विकार रहित रहें। साथ ही सही तरीकों से इन्हें कर पाएं। इस सप्ताह से योगानंता (स्टूडियो ऑफ योगा) की फाउंडर रेखा हमारे पाठकों को लिए योगासन से जुड़ी कुछ बारीक जानकारियों को साझा करेंगी। इस लेख में वज्रासन के बारे में बताया जा रहा है...
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वज्रासन
वज्रासन दो शब्दों का मेल है वज्र + आसन। वज्र का मतलब होता है कठोर अथवा मजबूत। इस आसन के अभ्यास से शरीर मजबूत बनता है। यह एक साधनात्मक मुद्रा है और यह एक मात्र ऐसा आसन है जिसे भोजन संपन्न होने के बाद भी कर सकते हैं। इस आसन को दिन या शाम दोनों वक्त कर सकते हैं।
वज्रासन करने की विधि
- आसन पर घुटनों के बल बैठें तथा पंजों को पीछे फैलाकर एक पैर के अंगूठे को दूसरे अंगूठे पर रख दें।
- इस मुद्रा में आपके घुटने पास-पास किन्तु एड़ियां अलग-अलग होनी चाहिए।
- आपका नितम्ब दोनों पंजो के बीच में होना चाहिए और एड़ियां कूल्हों की तरफ होनी चाहिए। अब अपनी हथेलियों को घुटनो पर रखें।
- आप अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार वज्रासन का अभ्यास कीजिए, बाद में वापिस सामान्य अवस्था में आ जाएं।
- भोजन के बाद वज्रासन करना हो तो भोजन संपन्न होने के बाद कम से कम 5 मिनट के बाद ही इसे करें।
(रेखा: फाउंडर, योगानंता-स्टूडियो ऑफ योगा)