भारतीय टीम का ये सुपरस्टार खिलाड़ी करता है खेतों में काम

Mithilesh Dhar | Jul 05, 2017, 17:06 IST
गाँव
लखनऊ। खेल का मैदान और खेत, दोनों में बहुत फर्क है। दोनों की एक साथ कल्पना शायद की जा सके, लेकिन भारत का एक ऐसा अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भी है जो खेल से फुर्सत मिलते ही खेत में पसीना बहाता है।

खेल हो सिनेमा, इससे जुड़े सितारे अक्सर सोशल साइट्स पर अपने नीजि जीवन से अपने चाहने वालों को रू-ब-रू करवाते रहते हैं। इस कड़ी में अब भारतीय फुटबॉल टीम के सुपरस्टार सीके विनीत का भी नाम जुड़ गया है। केरल के कुन्नुर के रहने वाले विनीत ने टि्वटर पर एक फोटो पोस्ट की है, जिसमें वे नंगे पांव खेत में पैडी मशीन चला रहे हैं। विनीत ने इस तस्वीर को साझा करके लिखा कि उन्हें जब भी मौका मिलता है वे अपना समय खेतों में बिताना पसंद करते हैं। उन्होंने लिखा कि मुझे जब कभी भी मौका मिलता है तो मैं अपने जूते उतार कर जड़ों की ओर लौट जाता हूं। एक बात तय है कि हम हमेशा प्रकृति के ऋणी रहेंगे।



अपने खेत में सीके विनीत।

पिता के साथ करते हैं खेती

सीके विनीत भारत में फुटबॉल से जुड़ा एक बड़ा नाम है। इंडियन फुटबॉल पेज टि्वटर पर एक सीरीज के तहत खिलाड़ी फुटबॉल के अलावा क्या करते हैं पर चर्चा कर रहा हैं। इसी के तहत सीके विनीत की चर्चा की जा रही है। पेज के अनुसार सीके जब भी खाली होते हैं तो वे अपने पिता का हाथ बंटाने खेतों में पहुंच जाते हैं। सीके आजकल धान के लिए खेत तैयार करने में जुटे हैं। सीके स्वभाव से बहुत सरल हैं। वे अक्सर अपने परंपरागत वेशभूषा लुंगी में दिख जाते हैं।



कौन हैं सीके विनीत

29 साल के विनीत चिराग केरला, प्रयाग यूनाइटेड, बेंगलुरू एफसी और केरला ब्लास्टर्स के लिए खेल चुके हैं। वे अभी भारतीय टीम के महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं। सीके विंगर और स्ट्राइकर पोजिशन पर खेलते हैं। उनके ही दो गोलों की मदद से मई में बेंगलुरू एफसी ने फेडरेशन कप के खिताबी मुकाबले में मोहन बागान को 2-0 से हराया था। विनीत को हाल ही में पीएआई फैंस प्लेयर ऑफ द ईयर 2017 चुना गया। विनीत ने इसके लिए अपने फैंस और परिवार को शुक्रिया भी कहा।

नौकरी से निकाल दिया गया था

विनीत को कम उपस्थिति के चलते पिछले ही महीने नौकरी से निकाल दिया गया। वे केरल अकाउंटेंट जनरल कार्यालय में कार्यरत थे, हालांकि मामला सामने आने के बाद केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने जांच के आदेश दिए थे। उन्‍होंने कहा था कि खिलाड़ी की प्राथमिकता देश के लिए मेडल जीतना होती है ना कि दफ्तर में हाजिरी की चिंता करना। गोयल ने एजी कार्यालय को खत लिखने का वादा किया था। विनीत को 2012 में खेल कोटे से नौकरी दी गई थी। इस बारे में तब विनीत ने बताया था कि ट्रेनिंग शेड्यूल और बेंगलुरु एफसी के मैचों के चलते वे दफ्तर नहीं जा पाए। उनका प्रोबेशन भी बढ़ा दिया गया था लेकिन वे इसे पूरा नहीं कर पाए।



बाइचु्ंग भूटिया के साथ सीके।

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