हाइवे पर बने अवैध कट बन रहे हादसों का कारण

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हाइवे पर बने अवैध कट बन रहे हादसों का कारणडिवाइडर तोड़ कर हाईवे पार करते लोग।

नवनीत अवस्थी, स्व्यं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

उन्नाव। लखनऊ-कानपुर राजमार्ग पर अवैध कटों की भरमार है। अनाधिकृत रूप से बने यह कट आए दिन किसी न किसी हादसे की वजह बन रहे हैं। अवैध कट से होकर गुजरने वाले वाहनों से ही हादसे होते हैं, जिससे लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ रही है।

राजमार्ग पर बने डिवाइडरों पर बने अनाधिकृत कटों को हटाने के लिए जिम्मेदार किसी भी तरह की कार्रवाई करने के मूड में नहीं है। मौजूदा समय में जाजमऊ पुल से गदनखेड़ा बाईपास के मध्य दो दर्जन से अधिक कट बन चुके हैं, जिनमें अधिकतर होटल और पेट्रोल पंप के सामने बने हैं।

शुक्रवार सुबह लखनऊ कानपुर राजमार्ग पर अवैध कट की वजह से हुए हादसे में एक नौ माह समेत तीन लोगों की सांसे थम गई थी। वहीं कार सवार दो लोग घायल भी हो गए। हादसे के बाद लखनऊ-कानपुर राजमार्ग पर जाजमऊ पुल से लेकर गदनखेड़ा बाईपास तक का जब हाल देखा गया तो चौंकाने वाली तस्वीर निकलर सामने आई।

लगभग पन्द्रह किलोमीटर के दायरे में दो दर्जन से अधिक अवैध कट बने हुए थे। जिनमें अधिकतर कट ढाबों या पेट्रोल पंपो के सामने बने हुए थे। व्यस्त रहने वाले राजमार्ग पर इतनी बड़ी संख्या में यह कट हर रोज हादसों की वजह बनते हैं। आए दिन होने वाले हादसों को लेकर प्रशासन ने कई दफा इन्हें बंद कराने की कोशिश की लेकिन दबंगई के चलते इन्हें बार बार खोल लिया जाता है।

अवैध कट खोलने के पीछे राजमार्ग के किनारे संचालित होने वाले ढाबे व पेट्रोल पंप संचालकों की मर्जी ही शामिल होती है। बताते हैं कि कट न होने की वजह से उनके व्यापार पर असर पड़ता है। एेसे में वह अपने हिसाब से ही डिवाइडर पर कट बना देते हैं।

अचलंगंज थाना के गहिरा में रहने वाले प्रभाकर (41वर्ष) बताते हैं,“ अवैध कट का प्रयोग हर समय खतरनाक रहता है। इससे वाहन चालक कभी भी अपने वाहन को रॉंग साइड मोड़ देते हैं और हादसे हो जाते हैं।”

लखनऊ-कानपुर राजमार्ग पर यूपीएसआईडीसी गेट के सामने एक कट बनाया गया है। इस कट के जरिए फैक्ट्री तक जाने वाले छोटे बड़े वाहन आते जाते हैं। खास बात यह है कि उसी कट के ठीक सामने पुलिस चौकी बनी है और लोग पुलिस की नाक के नीचे कट के जरिए मौत का खेल खेलते हैं। इस मामले में जिलाधिकारी अदिति सिंह ने बताया,“ नियम के तहत जो कट होने चाहिए उनका ही संचालन होगा। अगर अवैध कट बने हैं तो वह एनएचएआई से बात कर उन्हें बंद कराएंगी।”

वहीं एनएचएआई के अधिकारियों से संपर्क करने के लिए फ़ोन मिलाया तो उनका फोन उठा नहीं।

      

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